यूक्रेन में विदेशी लड़ाके सक्रियः रूस
रूस का कहना है कि यूक्रेन की सहायता के बहाने पश्चिमी देश लड़ाकों को वहां भेज रहे हैं।
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि मानवाधिकार की सहायता की आड़ में विदेशी लड़ाकों को यूक्रेन भेजा जा रहा है।
मारिया ज़ाख़ारोवा ने गुरूवार को कहा कि विदेशी लड़ाके न केवल सैन्य गतिविधियां अंजाम दे रहे हैं बल्कि वे आम नागरिकों के विरुद्ध भी हिंसक कार्यवाहियां करते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से वे देश जहां से यूक्रेन के लिए लड़ाके आते हैं वहां से दूसरे देशों में जाकर सैन्य गतिविधियां करना क़ानूनी अपराध है।
इससे पहले रूस के रक्षा मंत्रालय ने सचेत किया था कि वे विदेशी लड़ाके जो यूक्रेन पहुंच रहे हैं उनको सैनिक नहीं माना जाएगा और उनके विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी। रूस के विदेश मंत्रालय की ओर से पेश किये गए आंकड़ों के अनुसार विश्व के लगभग 60 देशों के लड़ाके इस समय यूक्रेन में मौजूद हैं। बयान में कहा गया है कि माॅस्को इस मामले को पश्चिम द्वारा यूक्रेन की सहायता के अर्थ में देखता है।
रूसी अनुसंधान समिति के प्रमुख एलेक्ज़ेंडर बासतृीकिन का कहना है कि वे विदेशी लड़ाके जो यूक्रेन युद्ध में भाग ले रहे हैं उनको वेतन के रूप में कम से कम 2734 डालर दिये जाते हैं। रूस के अनुसार यूक्रेन का यह मान अन्तर्राष्ट्रीय नियमों के विपरीत है। इससे पहले रूस ने अमरीका और पश्चिम के कई सैनिकों को यूक्रेन युद्ध के दौरान गिरफ़्तार किया था।
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