फिनलैण्ड बना नेटो का नया सदस्य, रूस ने दी तीखी प्रतिक्रिया
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन नेटो के सदस्य देशों की संख्या बढ़कर अब 31 हो जाएगी। उसका 31वां सदस्य फिनलैण्ड होगा।
जेम्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा है कि मंगलवार को फिनलैण्ड, नेटो का सदस्य बन जाएगा। नेटो के महासचिव ने कहा कि फिनलैण्ड की सम्मिलित से उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन के सदस्यों की संख्या बढ़कर 31 हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि आगामी महीनों में उसका पड़ोसी देश स्वीडन भी नेटो से आ मिलेगा।
ब्रसल्ज़ में नेटो के विदेश मंत्रियों की बैठक में स्टोलटेनबर्ग ने इस सप्ताह को एतिहासिक बताया। तुर्की वह अन्तिम देश था जिसने नेटो में फिनलैण्ड की सदस्या का समर्थन किया था, हालांकि इस संगठन में स्वीडन की सदस्यता का वह विरोध कर रहा है। मंगलवार की शाम नेटो के मुख्यालय में फिनलैण्ड का ध्वज फहराया जाएगा। इस कार्यक्रम में फिनलैण्ड के राष्ट्रपति, रक्षामंत्री और विदेशमंत्री भाग लेंगे। इस बारे में फिनलैण्ड के विदेशमंत्री पेका हाउसीतो ने कहा कि यह हमारे लिए एतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा कि हम पूरे क्षेत्र विशेषकर यूरो-एटलांटिक में स्थिरता और स्थाइत्व के इच्छुक हैं।
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन नेटो में फिनलैण्ड की सदस्यता पर रूस की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी गई है। इस संदर्भ में रूस के विदेश उपमंत्री एलेक्ज़ेंडर ग्रोश्को ने कहा है कि रूस के पश्चिमी और पश्चिमोत्तरी भाग में हम सुरक्षा को अधिक मज़बूत करेंगे। उनका कहना था कि फिनलैण्ड में नेटो के सदस्य देशों के सैनिकों और सैन्य उपकरणों की तैनाती की स्थति में माॅस्को, रूस की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के उद्देश्य से अधिक क़दम उठाएगा।
अमरीका के नेतृत्व में लड़े जाने वाले यूक्रेन युद्ध का सामना कर रहे रूस ने नेटो में फिनलैण्ड की सदस्यता का कड़ा विरोध किया है। रूस के हिसाब से यह काम रूस को अधिक से अधिक घेरने के लिए किया जा रहा है। रूस के साथ फिनलैण्ड की 1300 किलोमीटर से अधिक की सीमा है। माॅस्को पहले ही सचेत कर चुका है कि नेटो में फिनलैण्ड और स्वीडन के शामिल होने के सैनिक और राजनीतिक दुष्परिणाम सामने आएंगे।
इससे पहले दिमित्री मेदवोदेव ने कहा था कि अगर फिनलैण्ड और स्वीडन नेटो के सदस्य बनते हैं तो रूस के दो अन्य आधिकारिक शत्रु बढ़ जाएंगे। इस प्रकार से रूस के साथ नेटो की थलसीमा दोगुना से अधिक हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इन दोनो देशों के नेटो में शामिल होने की स्थति में बाल्टिक सागर के परमाणु हथियारों रहित होने के मुद्दे पर बात नहीं की जा सकती। उत्तरी यूरोप में स्थित फिनलैण्ड, रूस के पड़ोसी देश होने के नाते विशेष भौगोलिक स्थिति का स्वामी है। रूस इसको अधिक संवेदनशील नज़र से देखता है। हालांकि फिनलैण्ड उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन नेटो की सदस्यता ले रहा है किंतु तुर्की के विरोध के चलते इस संगठन में स्वीडन की सदस्यता अधर में पड़ गई है।
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