नैटो का चीन विरोधी बयान, बीजिंग ने जताई नाराज़गी
(last modified Fri, 14 Jul 2023 09:29:42 GMT )
Jul १४, २०२३ १४:५९ Asia/Kolkata
  • नैटो का चीन विरोधी बयान, बीजिंग ने जताई नाराज़गी

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने नैटो की शिखर बैठक में जारी होने वाले चीन विरोधी बयान की आलोचना करते हुए नैटो के परमाणु शस्त्रागार को लेकर चेतावनी दी है।

नैटो ने 11 जुलाई को लिथवानिया में अपनी बैठक में एक बयान जारी करके कहा कि चीन की महत्वाकांक्षी नीतियां नेटो की सुरक्षा, हितों और मूल्यों के लिए चुनौती हैं।

इस बयान में चीन पर आरोप लगाया गया है कि वो परमाणु हथियारों का डिपो बढ़ा रहा है और उसके परमाणु हथियारों में विविधता आ रही है। यह बयान तब दिया गया है जब नैटो का विस्तार केवल रूस के आसपास के देशों तक सीमित नहीं है बल्कि चीन के आसपास के इलाक़ों में अपना विस्तार नेटो की रणनीति बन गया है।

पहली बार 2019 में नेटो के नेताओं ने अपनी बैठक में चीन का मुद्दा उठाया और इसके तीन साल बाद 2022 में नेटो के स्ट्रैटेजिक दस्तावेज़ में चीन के विषय का ज़िक्र किया गया। यह दस्तावेज़ नैटो की नीतियों और गतिविधियों का आधार बनती है। लगातार दूसरी बार यह हुआ कि नैटो की बैठक में एशिया पेसिफ़िक के देशों आस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, दक्षिणी कोरिया और जापान को नेटो की बैठक में शामिल किया गया।

नैटो के नेता चीन को ख़तरा मानते हुए उसके इर्द गिर्द अपना सुरक्षा जाल बुन रहे हैं। नेटो महासचिव येन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि पूर्वी एशिया में अपने घटकों के साथ हमारा सहयोग दुनिया में बढ़ते अनपेक्षिक ख़तरों के सिलसिले में हमारा जवाब है और नैटो के सदस्य देशों ने फ़ैसला किया है कि मिलकर चीन के प्रभाव और ताक़त का मुक़ाबला करेंगे।

ताइवान से रिश्ते बढ़ाने की अमरीका और उसके घटकों की कोशिश जिस पर चीन ने बहुत कड़ी प्रतिक्रिया दिखाई है पूर्वी एशिया में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की नेटो की नीति का उदाहरण मानी जा सकती है। चीन के बारे में हालिया बयान से भी लगता है कि नेटो अपने एजेंडे पर आगे बढ़ रहा है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वान वेन बीन ने कहा कि नेटो एक सामरिक एलायंस है जिसके पास भारी मात्रा में परमाणु हथियार हैं, यह एलायंस चीन को परमाणु ख़तरे के रूप में बदनाम करने की कोशिश कर रहा है जिसका चीन खुलकर विरोध करता है क्योंकि परमाणु हथियारों के मामले में चीन ने हमेशा एहतियात से काम लिया है।

नेटो और अमरीका की चीन विरोधी नीति के चलते पूर्वी एशिया में शांति व सुरक्षा पर संदेह के बादल मडराने लगे हैं।

वरिष्ठ चीनी डिप्लोमैट माओ नींग ने कहा कि एशिया पेसिफ़िक इलाक़े में नेटो का विस्तार शांति व स्थिरता के लिए ख़तरनाक है। यह कहा जा सकता है कि पूर्वी एशिया में और चीन के आसपास के इलाक़ों में नेटो की उपस्थिति बहुत ख़तरनाक रूप ले रही है।