Aug २२, २०२३ १५:३३ Asia/Kolkata
  • यूक्रेन युद्ध जारी रहने की सबसे बड़ी वजह क्या है?

24 फरवरी 2022 को आरंभ होने वाला रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है और अब तक इस विनाशकारी युद्ध में जान माल की भारी तबाही हो चुकी है।

इस युद्ध के आरंभ होने और उसके जारी रहने की सबसे मुख्य वजह पश्चिमी व यूरोपीय देशों द्वारा यूक्रेन का व्यापक समर्थन है और उनमें सर्वोपरि अमेरिका व नाटो हैं। अमेरिका युद्ध खत्म कराने के बजाये यूक्रेन के लिए हथियारों की खेप पर खेप भेज रहा है और वह युद्ध की आग भड़का रहा है। दूसरे शब्दों में वह यूक्रेन के लिए अरबों डालर का हथियार भेजकर आग में घी डालने का काम कर रहा है।

जानकार हल्कों का मानना है कि अमेरिका जो यूक्रेन की सैन्य सहायता कर रहा है और हथियारों की मदद कर रहा है तो वह इससे कई लक्ष्य साध रहा है। अमेरिका का एक लक्ष्य है कि वह इस युद्ध के ज़रिये रूस को कमज़ोर कर देना चाहता है ताकि दुनिया में उसके वर्चस्व के विस्तार के मार्ग की सबसे बड़ी रुकावट खत्म हो जाये।

इसी तरह अमेरिका का एक लक्ष्य यह है कि इस युद्ध के जारी रहने से अमेरिका में हथियारों का निर्माण करने वाली कंपनियां खूब मुनाफा कमायें क्योंकि अमेरिका की पूंजीवादी व्यवस्था में सर्वोपरि पैसा होता है इंसानों की जानमाल की कोई अहमियत नहीं होती है। इस युद्ध से अमेरिका का एक लक्ष्य यह है कि जब युद्ध जारी रहेगा तो यूक्रेन भी बहुत कमजोर हो जाये और जब यूक्रेन बहुत कमज़ोर हो जायेगा तो वह बहुत आसानी से अमेरिका के इशारे पर चलेगा। दूसरे शब्दों में अमेरिका उसका प्रयोग हमेशा रूस के खिलाफ दबाव डालने के हथकंडे के रूप में करेगा।

ध्यान योग्य बिन्दु यह है कि अगर वास्तव में अमेरिका को इंसानों की जानों का कोई महत्व होता तो वह युद्ध समाप्त कराने की कोशिश करता न कि युद्ध जारी रहने के लिए खुद हथियार भेजता और दूसरे देशों से भी यूक्रेन के लिए हथियार भेजने का आह्वान करता। अभी कल यानी सोमवार को अमेरिका ने एलान किया है कि वह पोलैंड को 12 अरब डालर मूल्य के 96 अपाची हेलीकाप्टरों को बेचेगा। अमेरिकी विदेशमंत्रालय की ओर जारी होने वाले बयान में आया है कि पोलैंड को इन हेलीकाप्टरों के मिल जाने से खतरों व चुनौतियों से मुकाबला करने में उसकी सैन्य शक्ति में वृद्धि हो जायेगी। रूस-यूक्रेन युद्ध से चिंतित पोलैंड ने अमेरिका से अपाची हेलीकाप्टरों को खरीदने का फैसला किया है ताकि उसकी सैन्य शक्ति में वृद्धि हो जाये।

इसी प्रकार इससे पहले जर्मनी की सरकार ने अपनी सेना को मज़बूत बनाने के लिए 100 अरब यूरो विशेष किया है। रोचक बात यह है कि जर्मनी अपनी सेना को नवीनतम हथियारों से लैस करने के लिए अमेरिका से हथियार खरीदेगा। युद्धक विमान F-35 को खरीदने हेतु जर्मनी ने अमेरिका के साथ जो समझौता किया है उसे इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है। सारांश यह अमेरिका अपना हित और फायदा देखता है और उसकी नीति का आधार उसके हित हैं और उसे इस बात की लेशमात्र भी परवाह नहीं है कि उसकी नीति से कितने लोगों की जान जा रही है। MM

 

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