अब लीबिया की ओर बढ़ने लगे ज़ायोनियों के क़दम
(last modified Mon, 28 Aug 2023 09:45:50 GMT )
Aug २८, २०२३ १५:१५ Asia/Kolkata

ज़ायोनी शासन के विदेशमंत्री के साथ लीबिया की विदेशमंत्री की मुलाक़ात पर हंगामा हो गया है।

लीबिया की राष्ट्रीय एकता सरकार की विदेशमंत्री "नजला अलमनक़ूश" की भेंटवार्ता के बाद लीबिया के विभिन्न नगरों में विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं। 

अलमनक़ूश और इला कोहेन के बीच पिछले सप्ताह इटली में मुलाक़ात हुई थी।  इस गोपनीय भेंटवार्ता के सार्वजनिक हो जाने के एक सप्ताह के बाद लीबिया की जनता लीबिया के विभिन्न नगरों में विरोध प्रदर्शन कर रही है।  लोगों ने ग़ुस्से में कई स्थानों पर इस्लाईल का झंडा जलाया। इसपर राजनेताओं की भी प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। 

इसी बीच लीबिया के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में दावा किया गया है कि जो कुछ इटली की राजधानी रोम में हुआ वह एक ग़ैर सरकारी बैठक थी जिसकी पहले से कोई योजना नहीं थी।  इस बयान से लीबिया की जनता संतुष्ट नहीं है और शायद यही कारण है कि जनता के आक्रोश को देखते हुए लीबिया के प्रधानमंत्री "अब्दुल हमीद दबीबा" इस देश की विदेशमंत्री "नजला अलमनक़ूश" को उनके पद से अपदस्त कर सकते हैं क्योंकि लीबिया के बहुत से आम लोग और वहां के राजनेता, अलमनक़ूश के विरुद्ध न्यायिक कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। 

उनका यह कहना है कि अलमनक़ूश को रोम मे होने वाली मुलाक़ात का स्पष्टीकरण देना चाहिए और यह बताना चाहिए कि वहां पर क्या बात हुई? लीबिया के संसद सभापति के कार्यालय ने भी इस भेंट की निंदा करते हुए इसको बहुत बड़ा विश्वासघात बताया है।  इस बारे में आपातकालीन बैठक आहूत करने की भी मांग की गई है। 

अधिकांश इस्लामी देशों में अवैध ज़ायोनी शासन के साथ संबन्ध सामान्य करने की प्रक्रिया को रेड लाइन के रूप में देखा जाता है।  यह देश इस्राईल के साथ किसी भी प्रकार के संबन्धों के सामान्य किये जाने के विरोधी हैं।  हालांकि सूडान और मोरक्को ने अमरीका और उसके घटकों के आर्थिक वादों के झांसे में आकर ज़ायोनी शासन के साथ अपने संबन्ध सामान्य तो कर लिए हैं किंतु इन देशों की जनता इसका खुलकर विरोध कर रही है।  उधर अवैध ज़ायोनी शासन अपनी आंतरिक समस्याओं पर पर्दा डालने के लिए विभिन्न देशों के साथ संबन्ध सामान्य करने की प्रक्रिया में लगा हुआ है।  वहां के प्रधानमंत्री नेतनयाहू के मंत्रीमण्डल की विफल कार्यवाहियों के बाद इस्राईल में उपजने वाले आंतरिक संकट को छिपाने के उद्देश्य से अरब और अफ्रीकी देशों के साथ संनब्ध सामान्य करने की कोशिशें तेज़ कर दी गई हैं। 

लीबिया के साथ संबन्ध सामान्य करने के ताज़ा प्रयास ने अवैध ज़ायोनी शासन के अधिकारियों को यह बता दिया है कि इस्राईल की ओर से फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध की जाने वाली हिंसक कार्यवाहियों को अधिकांश मुसलमान अनदेखा नहीं कर सकते और इसका वे हमेशा ही विरोध करते रहेंगे।