यूक्रेन युद्ध में पश्चिम हुआ बेबस
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रूस का मुक़ाबला करने के लिए पश्चिम ने यूक्रेन के कंधे पर रखकर बंदूक़ तो चला दी किंतु अब स्वयं ही उसको पछतावा हो रहा है।
(last modified 2023-11-17T13:15:16+00:00 )
Nov १७, २०२३ १८:४५ Asia/Kolkata
  • यूक्रेन युद्ध में पश्चिम हुआ बेबस

रूस का मुक़ाबला करने के लिए पश्चिम ने यूक्रेन के कंधे पर रखकर बंदूक़ तो चला दी किंतु अब स्वयं ही उसको पछतावा हो रहा है।

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन नेटो के महासचिव ने अब यह बात स्वीकार की है कि यूक्रेन युद्ध, अपेक्षा से अधिक कठिन सिद्ध हुआ।  पश्चिम के खुले समर्थन से यूक्रेन युद्ध अभी जारी है किंतु हालात से पश्चिम अब इसमें बहुत बेबस दिखाई देने लगा है।  

नेटो के महासचिव स्टोलेबर्ग ने गुरूवार को ब्रसल्ज़ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।  इसमें उन्होंने कहा कि हमें यह बात समझनी चाहिए कि यूक्रेन युद्ध की ज़मीनी हक़ीक़त बहुत जटिल हो चुकी है।  नेटो के महासचिव का कहना था कि हमको इस बात की अनुमति नहीं देनी चाहिए कि इस युद्ध में पुतीन विजयी हो जाए।  उन्होंने सदस्य देशों से नेटो को मज़बूत करने का भी आह्वान किया। 

इससे पहले रूसी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव देमेत्री मेदवेदेव कह चुके हैं कि अपनी सीमा की ओर नेटो के विस्तार के दृष्टिगत, रूस ने अपनी सैन्य तैयारी पूरी कर रखी है। 

याद रहे कि बहुत से जानकारों का कहना है कि यूक्रेन की मदद के लिए हथियार के बहाने अमरीका, आग में घी डालने का काम कर रहा है।  अपने इस काम में अमरीका ने दूसरे पश्चिमी देशों को भी शामिल कर लिया है। 

अमरीका अनुसरण करते हुए यह देश, यूक्रेन की मदद के लिए भारी संख्या में हथियार भेज रहे हैं।  यही विषय रूस और यूक्रेन के मध्य जारी युद्ध के लंबा खिंचने का महत्वपूर्ण कारण है।

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