यूरोपीय संसद ने पारति किया ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम का प्रस्ताव
(last modified Fri, 19 Jan 2024 08:51:13 GMT )
Jan १९, २०२४ १४:२१ Asia/Kolkata
  • यूरोपीय संसद ने पारति किया ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम का प्रस्ताव

यूरोपीय संसद ने पहली बार ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम और संकट का समाधान खोजने के लिए राजनीतिक प्रयास शुरू करने की आवश्यकता पर बल दिया है।

यूरो न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक़, ग़ज़्ज़ा में फ़िलीस्तीनियों के ख़िलाफ़ सौ दिनों से अधिक के क्रूर ज़ायोनी अपराधों और 24,000 से अधिक फ़िलिस्तीनियों की शहादत के बाद यूरोपीय संसद में एक दिखावटी तौर पर युद्धविराम के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गई है। बते दें कि इस प्रस्ताव की कोई क़ानूनी स्थिति नहीं है। वहीं ग़ज़्ज़ा युद्ध को लेकर यूरोपीय संघ के देशों और संसद में राजनीतिक समूहों में वैचारिक मतभेद साफ़ नज़र आया और प्रस्ताव को लेकर आम सहमति तक पहुंचना कोई आसान काम नहीं था।

प्रस्ताव के पक्ष में 312 वोट पड़े जबकि विरोध में 131 वोट पड़े और 72 सदस्य अनुपस्थित रहे। बता दें कि अक्टूबर में सांसदों द्वारा "मानवीय मदद के लिए अल्प विराम"  के आह्वान पर सहमति जताने के बाद यह पहली बार था जब संसद ने युद्ध विराम का आह्वान किया। याद रहे कि ग़ज़्ज़ा युद्ध में जिस बर्बरता के साथ अवैध आतंकी इस्राईली शासन ने फ़िलिस्तीनी बच्चों, महिलाओं और आम नागरिकों का नरसंहार किया है उसके प्रति यूरोपीय देशों का रवैया न केवल उदासीनता भरा रहा है बल्कि वह हत्यारे ज़ायोनी शासन का समर्थन करते नज़र आए हैं, जिससे एक बात पूरी तरह साफ़ हो गई है कि पश्चिमी देशों का मानवाधिकार को लेकर दिए जाने वाले सारे नारे केवल खोखले और पक्षपातपूर्ण हैं। (RZ)

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