नाटो की ख़तरनाक साज़िश
अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार रॉबर्ट एफ़ कैनेडी जूनियर का मानना है कि उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की मुख्य प्राथमिकता, शांति स्थापना नहीं, बल्कि युद्ध भड़काना है।
नाटो सदस्य इन दिनों अमरीका में एक बैठक कर रहे हैं, ठीक उसी समय जब इस सैन्य गठबंधन की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है। इस सैन्य संगठन ने पहले यूगोस्लाविया, सर्बिया, लीबिया, अफ़ग़ानिस्तान और अब यूक्रेन में अपनी आपराधिक और हस्तक्षेपपूर्ण कार्यवाहियों का प्रदर्शन किया है। यह संगठन अब अपना दायरा पूर्व तक विस्तारित करने की कोशिश कर रहा है।
पार्सटुडे के अनुसार, वाशिंगटन में इस साल का नाटो का शिखर सम्मेलन, यूक्रेन में युद्ध जारी रहने से लेकर अमरीकी राष्ट्रपति चुनावों तक, कई राजनीतिक और सैन्य संकटों के दौरान हो रहा है।

नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग का मानना है कि इस गठबंधन का विस्तार और अन्य देशों के लिए इसके दरवाज़े खोलना, कोई स्पष्ट विकल्प और आसान निर्णय नहीं है।
अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने हाल ही में घोषणा की थी कि नाटो यूक्रेन के साथ संबंधों को गहरा करने के लिए, कीव में एक वरिष्ठ प्रतिनिधि नियुक्त करेगा।

उनका यह बयान, रूस द्वारा नाटो-यूक्रेन संबंधों के विस्तार के बारे में बार-बार चेतावनी देने के बावजूद आया है।
बड़े रणनीतिकार जॉन मर्सहाइमर का मानना है कि नाटो का रूस की सीमाओं तक विस्तार, उदारवादी भ्रमों से उत्पन्न हुआ और यही इस युद्ध का मुख्य कारण है।
इस बीच, वाशिंगटन में रूसी राजदूत अनातोली एंटोनोव ने अमरीका में वर्तमान नाटो सम्मेलन का ज़िक्र करते हुए कहाः संयुक्त राज्य अमरीका और उसके सहयोगी सैन्यवाद का विस्तार करने की नीति पर चल रहे हैं और यूक्रेन का आंख बंद करके समर्थन करके, क्षेत्र में तनाव बढ़ा रहे हैं।
एंटोनोव का कहना था कि वाशिंगटन में इस सैन्य संगठन की बैठक का मक़सद, पूरी दुनिया पर अमरीका और उसके सहयोगियों की आक्रामक प्रकृति और मांगों और लक्ष्यों को थोपना है।

नाटो किसी भी क़ीमत पर अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए, आरोप मढ़ता रहता है, इसलिए इस गठबंधन के महासचिव ने हाल ही में चीन और कुछ देशों पर यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थन करने का आरोप लगाया है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने नाटो महासचिव के आरोप के जवाब में कहाः नाटो की तथाकथित सुरक्षा नीति, अन्य देशों की सुरक्षा की क़ीमत पर आधारित होती है। इस संगठन ने दुनिया और क्षेत्रीय सुरक्षा को जोखिम में डाला है।
जियान का कहना थाः हम चीन पर हमलों की निंदा तथा सैन्य संगठन के दूसरों पर आरोप मढ़ने की मंशा का कड़ा विरोध करते हैं। नाटो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पूर्व की ओर गठबंधन का विस्तार करने और क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने के लिए चीन को एक बहाने के रूप में इस्तेमाल करना चाहता है।
यह निश्चित है कि यूक्रेन को नाटो द्वारा हथियारों की आपूर्ति, युद्ध की स्थिति को जटिल बनाने में मदद कर रही है। मास्को ने नाटो और पश्चिम की इन क़दमों के परिणामों के बारे में पहले ही कड़ी चेतावनी दी है। msm