यूरोपीय संघ के प्रति कम होते विश्वास के कुछ कारणों पर एक नज़र
(last modified Sat, 03 Aug 2024 12:01:53 GMT )
Aug ०३, २०२४ १७:३१ Asia/Kolkata
  • यूरोपीय संघ के प्रति कम होते विश्वास के कुछ कारणों पर एक नज़र

पार्सटुडे- यूरोपीय यूनियन आयोग की सिफ़ारिश पर कराये गये सर्वे के नतीजे इस बात के सूचक हैं कि अधिकांश यूरोपीय नागरिक इस संघ के भविष्य को लेकर असमंजस का शिकार हैं।

कुछ ख़बरों और दृष्टिकोणों के आधार पर विश्व भी अब इस संघ के भविष्य को सकारात्मक दृष्टि से नहीं देख रहा है। यूरोपीय यूनियन आयोग की सिफ़ारिश पर कराये गये सर्वे के अनुसार यूरोपीय संघ के प्रति विश्वास पिछले वर्ष जर्मनी में मई और नवंबर के महीनों 11 प्रतिशत कम हो गया और पहली बार जर्मनी के अधिकांश नागरिक इस संघ के भविष्य को सकारात्मक दृष्टि से नहीं देख रहे हैं।

 

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार एस्टोनिया में भी अधिकांश लोग यूरोपीय संघ के भविष्य को सकारात्मक दृष्टि से नहीं देख रहे हैं इस प्रकार से कि एस्टोनिया के नागरिक जर्मनी से अधिक यूरोपीय संघ के भविष्य को सकारात्मक दृष्टि से नहीं देख रहे हैं और इस संघ के भविष्य के प्रति एस्टोनिया के नागरिकों के विश्वास में 13 प्रतिशत की कमी हो गयी है।

 

सस्ते मज़दूरों और ग़ैर क़ानूनी पलायनकर्ताओं को आकर्षित करने की चुनौती

एक जर्मन समाचारपत्र ने लिखा है कि एक दृष्टिकोण के आधार पर इस देश के नागरिक जो यूरोपीय संघ के भविष्य को सकारात्मक दृष्टि से नहीं देख रहे हैं तो उसकी वजह यह है कि यूरोपीय संघ और इस संघ के सदस्य देश यूरोप पलायन करने वालों के बारे में समान नीति नहीं अपना रहे हैं और पिछले वर्ष 2023 में लगभग तीन लाख 80 हज़ार लोग ग़ैर क़ानूनी रूप से यूरोपीय संघ में दाख़िल हुए जो वर्ष 2016 से अब तक की सबसे अधिक संख्या है।

 

यूरोपीय संघ एक ओर ग़ैर क़ानूनी पलायनकर्ताओं से संघर्ष का फ़ार्मूला ढ़ूंढ़ रहा है और दूसरी ओर यूरोपीय संघ के कुछ सदस्य देश सस्ते श्रम बल की तलाश में हैं यह वह कारण है जिसकी वजह से ग़ैर क़ानूनी पलायनकर्ताओं को रोकने हेतु यूरोपीय संघ का वर्षों का प्रयास परिणामही रहा है।

 

Populism धड़ों व पार्टियों में प्रगति

मेहर न्यूज़ एजेन्सी ने भी अभी रिपोर्ट दी थी कि केवल पलायनकर्ताओं का संकट नहीं है जिसका सामना यूरोपीय संघ को है बल्कि समूचे यूरोप में  Populism धड़े व पार्टियों में विकास हो रहा है और ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से निकल जाने के बाद यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को ख़तरनाक संकट का सामना हो सकता है।

 

ब्रिटेन के समाचार पत्र डेलीटेलीग्राफ़ ने लिखा है कि 23 जून 2016 में जब ब्रिटेन के लोगों ने यूरोपीय संघ से निकल जाने के पक्ष में वोट दिया था तो विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि इस परिवर्तन का प्रभाव यूरोपीय संघ पर डोमिनों की भांति पड़ेगा और दूसरे देशों को भी इस मार्ग पर चलने का प्रोत्साहन मिलेगा।

 

यूक्रेन संकट

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना व कहना है कि जिन चीज़ों की वजह से यूरोप के प्रति लोगों का विश्वास कम हुआ है उसका एक कारण यूक्रेन संकट है। यूरोपीय संघ को यूक्रेन संकट का सामना बुरे हालात में हुआ है। इस संकट का सामना ठीक उस समय में हुआ है जब यूरोपीय संघ कोरोना की वजह से आर्थिक संकट से निकल रहा था तभी रूस-यूक्रेन युद्ध आरंभ हो गया जिसकी वजह से यूरोपीय संघ की स्थिति और विषम हो गयी और उसे गहरा झटका लगा।

 

इस रिपोर्ट के आधार पर रूस और यूक्रेन के मध्य युद्ध आरंभ हो जाने से यूरोपीय देशों के मध्य जो मतभेद थे वे खुलकर सामने आ गये और तीन क्षेत्रों रक्षा, ऊर्जा और रूस के मुक़ाबले में यूरोपीय संघ की एकता के संबंध गहरी ख़ाई उत्पन्न हो गयी।

 

पश्चिम एशिया के संबंध में दोहरा मापदंड

इस संबंध में समाचार एजेन्सी तास ने रिपोर्ट दी है कि रूसी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाख़ारोवा ने कहा है कि यूरोपीय संघ द्वारा यूक्रेन और पश्चिम एशिया के परिवर्तनों के संबंध में दोहरा मापदंड अपनाये जाने की वजह से विश्व के अधिकांश लोगों का विश्वास यूरोपीय संघ से हट गया है। ज़ाख़ारोवा ने कहा कि यूरोपीय संघ की विदेश नीति में दोहरा मापदंड हमेशा आलोचीय व निंदनीय रहा है। विदेशनीति का संतुलित व स्थिर न होना यूरोपीय संघ की राजनीतिक पहचान के समाप्त होने का कारण बना है और विश्व के अधिकांश देश यूरोपीय संघ पर विश्वास नहीं करते हैं।

 

ज़ाख़ारोवा ने कहा कि जब यूरोपीय संघ फ़िलिस्तीनियों और इस्राईल के मध्य होने वाले युद्ध के बारे में बात करता है तो यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ़ बोरेल को नतीजा निकालने की कोई जल्दी नहीं है और वह किसी पक्ष पर आरोप नहीं लगाते हैं।

 

तालमेल व समन्वय का न होना

ऑस्ट्रिया के समाचार पत्र "स्टैन्डर्ड" ने भी लिखा है कि यूरोपीय देशों में राष्ट्रवादी विचारों का पाया जाना और एक दूसरे से समन्वित न होना अंतरराष्ट्रीय मामलों में इस संघ की भूमिका के कम होने का एक कारण है। दूसरे शब्दों में दुनिया के लोगों में यूरोपीय संघ के प्रति विश्वास के कम होने का कारण बना है।

 

आर्थिक कमज़ोरी

यूरोपीय संघ के प्रति विश्वास में जो कमी हुई है उसका एक कारण यूरोप की आर्थिक स्थिति है और यूरो क्षेत्र में अपेक्षा से कम आर्थिक विकास है। इससे पहले यूरोपीय आयोग ने एलान किया था कि जारी वर्ष 2024 में इस संघ का आर्थिक विकास अपेक्षा से कम रहा है और इसकी वजह भी क़ीमतों का अधिक होना और यूरोप के केन्द्रीय बैंक द्वारा ऊंची ब्याज दर है और यह वह चीज़ है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूरोपीय संघ के प्रति विश्वास के कम होने का कारण बनी है। MM

 

कीवर्ड्सः यूरोपीय संघ की स्थिति, यूरोप की अर्थव्यवस्था, यूक्रेन जंग का प्रभाव, यूरोप में संकट, यूरोप का भविष्य

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