"हिन्द रजब" फाउंडेशन ने कैसे इज़राइल के क़ातिल सैनिकों की नींद हराम कर दी?
(last modified Fri, 24 Jan 2025 10:01:06 GMT )
Jan २४, २०२५ १५:३१ Asia/Kolkata
  • HRF-The Hind Rajab Foundation (एचआरएफ-द हिंद रजब फाउंडेशन)
    HRF-The Hind Rajab Foundation (एचआरएफ-द हिंद रजब फाउंडेशन)

पार्सटुडे- फ़िलिस्तीनी कार्यकर्ताओं ने बेल्जियम की राजधानी ब्रसल्ज़ में इज़राइली क़ातिलों को ज़िम्मेदार ठहराने के लिए फ़रवरी 2024 में "हिन्द रजब" फ़ाउंडेशन की स्थापना की। हिन्द रजब फाउंडेशन (HRF) ग़ज़ा में जारी नरसंहार के लिए न्याय की मांग करने वाले मानवाधिकार वकीलों का ब्रसेल्ज़ में स्थित एक संगठन है।

पार्सटुडे के अनुसार, इस फाउंडेशन का नाम "हिन्द रजब" नामक एक फ़िलिस्तीनी बच्चे के नाम पर रखा गया था, जो जनवरी 2023 में ग़ज़ा पट्टी में इज़राइली सेना के हाथों शहीद हो गया था।

यह संस्था  ग्रेट "30 मार्च" आंदोलन से संबद्ध है और फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ इज़राइली अतिग्रहण की वजह से हुए युद्ध अपराधों के लिए न्याय की मांग करती है।

इस संस्था ने ग़ज़ापट्टी में युद्ध में भाग लेने वाले 1 हज़ार से अधिक दोहरी राष्ट्रीयता इजरायली सैनिकों के बारे में जानकारी एकत्र की है, और कई देशों में उनकी गिरफ्तारी के लिए अनुरोध प्रस्तुत किया है। अब तक इस फाउंडेशन ने कम से कम आठ देशों में इज़राइली सेना के ख़िलाफ 30 से ज्यादा शिकायतें दर्ज कराई हैं।

अपनी ताज़ा कार्रवाई में, "हिन्द रजब" फाउंडेशन ने इज़राइली सेना के एक रिज़र्विस्ट सैनिक के ख़िलाफ शिकायत दर्ज की है, जो स्पेन के बार्सिलोना में रहता है।

इससे पहले, "हिन्द रजब" क़ानूनी फाउंडेशन ने इज़राइली सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी "ग़स्सान अलियान" की गिरफ्तारी के लिए एक अपील पेश की थी जो गुप्त रूप से इटली में रहता था।

"हिन्द रजब" फाउंडेशन ने ग़ज़ा पट्टी के खिलाफ इज़राइल के युद्ध के दौरान युद्ध अपराध, मानवता के ख़िलाफ़ अपराध और नरसंहार के कृत्यों के लिए इज़राइली सैनिक "बूअज़ बेन डेविड" को स्वीडिश अधिकारियों के सामने पेश करने की लिए एक शिकायत भी दर्ज की थी।

ज़ायोनी मीडिया ने यह भी बताया कि मंगलवार को मेक्सिको में दो इज़राइली सैनिकों को गिरफ़्तार कर लिया गया। इससे पहले ब्राज़ील के एक जज ने युद्ध अपराध के आरोप में एक ज़ायोनी सैनिक को गिरफ़्तार करने का आदेश दिया था, जिसके कारण उसे रात में देश छोड़कर भागना पड़ा।

"हिन्द रजब" फाउंडेशन ग़ज़ा में ज़ायोनी सैनिकों के अपराधों की जारी होने वाली तस्वीरों के आधार पर उन पर मुक़दमा चला रहा है।

अब तब "हिन्द रजब" संस्था की ओर से उन सैकड़ों ज़ायोनी सैनिकों के नामों की एक सूची तैयार की जा चुकी है जिनके पास दोहरी नागरिकता है और उनका मूल देश रोम इस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में है।

 ग़ज़ में घरों को नष्ट करने और लोगों की संपत्ति चुराने के वीडियो और तस्वीरों के सामने आने के बाद जिन्हें इन सैनिकों ने शासन की प्रचार इकाई के आदेश पर डराने-धमकाने के लिए जारी किया किया था, उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही का असली सबूत बन गए हैं।

इस नई समस्या से निपटने के लिए इज़राइली सेना ने सोशल नेटवर्क पर ज़ायोनी सैनिकों के एकाउन्ट्स से तस्वीरें हटाने का आदेश जारी किया और उनसे इन एकाउन्ट्स में सेना में अपनी सदस्यता का उल्लेख करने से परहेज़ करने को कहा है।

दूसरी ओर ज़ायोनी शासन के विदेश मंत्रालय ने रोम घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने वाले देशों (यूरोपीय संघ, भारत, इंग्लैंड, थाईलैंड, दक्षिण अफ्रीका, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मैक्सिको और लैटिन अमेरिका) की अनावश्यक रूप से यात्रा न करने की सिफारिश करते हुए दूतावासों को इस स्थिति का सामना करने पर जल्द से जल्द अपने सैनिकों को इन देशों से वापस बुलाने का आदेश दिया है। (AK)

 

कीवर्ड्ज़: इस्राईल के अपराध, इस्राईल, ज़ायोनी शासन, हमास, ग़ज़ा, ट्रम्प, डोनल्ड ट्रम्प, HRF-The Hind Rajab Foundation 

 

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