सैक्स: सीआईए की गतिविधियां समाप्त होने तक पश्चिम एशिया में शांति स्थापित नहीं होगी
(last modified Wed, 16 Apr 2025 11:05:23 GMT )
Apr १६, २०२५ १६:३५ Asia/Kolkata
  • कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, राजनीतिक विश्लेषक जेफरी सैक्स
    कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, राजनीतिक विश्लेषक जेफरी सैक्स

पार्सटुडे - संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के एक सलाहकार ने तुर्किए के अंताल्या राजनीतिक मंच पर पश्चिम एशिया में युद्धों की वजह, अमेरिका को माना और कहाः सीरियाई युद्ध तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति के आदेश पर शुरू हुआ था।

कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्री, राजनीतिक विश्लेषक और प्रोफेसर जेफरी सैक्स ने 12 अप्रैल को चौथे अंताल्या कूटनीति फोरम में अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा: अमेरिका की युद्धोन्मादी नीतियां, इस क्षेत्र में शांति स्थापित होने में बाधा बन रही है, और यह क्षेत्र सौ साल से भी अधिक समय पहले वार्सा संधि के बाद से पश्चिमी शक्तियों के हाथों का खिलौना बना हुआ है।

सैक्स ने पश्चिम एशियाई क्षेत्र में युद्धों के पीछे अमेरिका को भड़काने वाली शक्ति माना और कहा: जब तक इस क्षेत्र में वास्तविक कूटनीति नहीं की जाती और अमेरिकी खुफिया एजेंसी (सीआईए) की गतिविधियां समाप्त नहीं हो जातीं, तब तक इस क्षेत्र में शांति स्थापित नहीं हो सकती।

सैक्स ने कहा: अमेरिकी सरकार और उसका सहयोगी इज़राइल, क्षेत्र में कई संकटों और युद्धों के लिए जिम्मेदार हैं, और उनकी कार्रवाईयां जानबूझकर की गई है।

उन्होंने कहा: यदि अमेरिका, फिलिस्तीन को मान्यता दे दे तो ये युद्ध संभवतः समाप्त हो जायेंगे। सैक्स ने ये आलोचनाएं ऐसे समय में की हैं जब इज़राइली शासन ने ग़ज़ा के खिलाफ एक साल से चल रहे युद्ध के दौरान 50 हज़ार से अधिक लोगों का नरसंहार किया है, जिनमें से आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं।

सैक्स ने कहा: "यह अमेरिका ही है जो ग़ज़ा के खिलाफ इज़राइल के युद्ध के लिए सैन्य और नौसैनिक सहायता प्रदान करता है तथा खुफिया अभियानों का प्रबंधन करता है, आज ग़ज़ा में जो कुछ भी हो रहा है, वह सब वाशिंगटन की रोज़ाना की मिलीभगत के कारण है।

जेफरी सैक्स ने सीरियाई संकट और उसमें अमेरिका की संलिप्तता का भी उल्लेख किया तथा इस संकट की व्याख्या करते हुए कहा: सीरिया में 2011 में युद्ध तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सीधे आदेश पर शुरू हुआ था।

अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय के इस सदस्य ने कहा: जो कोई भी सोचता है कि अमेरिका अरब देशों या तुर्किए या ईरान के हितों को पूरा करेगा, वह भ्रम में है, साम्राज्यवादी दूसरों के लिए काम नहीं करते, बल्कि सत्ता हासिल करने के लिए आपस में लड़ा देते हैं।

अपने भाषण के अंत में, संयुक्त राष्ट्र संघ के सलाहकार ने क्षेत्र से विदेशी हस्तक्षेप के बिना अपने भाग्य का निर्धारण करने का आह्वान किया और इस बात पर ज़ोर दिया कि वास्तविक समाधान तभी प्राप्त होगा जब साम्राज्यवादी ताकतों की फूट डालो और राज करो की नीति को, जो एक सदी पहले शुरू हुई थी,   छोड़ दिया जाएगा। (AK)

 

कीवर्ड्ज़: अमरीका, अमेरिका, सीरिया संकट, सीरिया, फ़िलिस्तीन, इस्राईल, इज़राइल 

 

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