इज़राइल के प्रति अमेरिकियों में नफ़रत बढ़ी, सर्वेक्षण
वाशिंगटन में प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि वर्तमान में आधे से अधिक अमेरिकी इज़राइल के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। 7 अक्टूबर 2023 को ग़ज़ा युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिकियों की इज़राइलियों के प्रति नफ़रत बढ़ गई है।
अमेरिका में हाल ही में किए गए सर्वेक्षणों के अनुसार, ज़ायोनियों के प्रति अमेरिकी जनता की नफ़रत में काफ़ी वृद्धि हुई है। पार्स टुडे के अनुसार, इस अमेरिकी शोध केंद्र ने मार्च के अंतिम सप्ताह में एक सर्वेक्षण किया था, जिसके नतीजे के मुताबिक़, अमेरिकियों के बीच इज़राइल का समर्थन अपने निम्नतम बिंदु पर पहुंच गया है। परिणामों से पता चला कि 53 प्रतिशत अमेरिकियों का इज़राइल के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण है।
इस सर्वेक्षण के परिणाम अन्य संकेतकों के अनुरूप हैं, जो अमेरिकी जनमत में ज़ायोनी शासन की गिरती छवि को दर्शाते हैं। इस अमेरिकी केंद्र द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि इज़रायल के लिए अमेरिकी समर्थन में गिरावट के दो अलग-अलग आधार हैः पहला, पुराने डेमोक्रेट्स ट्रम्प प्रशासन के इज़राइल के साथ घनिष्ठ संबंधों से बहुत असंतुष्ट हैं और उनका मानना है कि ट्रम्प इज़राइलियों की बहुत अधिक सेवा कर रहे हैं। दूसरा, अक्टूबर 2023 की घटनाओं और ग़ज़ा पट्टी में नागरिकों के ख़िलाफ़ इज़रायल के युद्ध अपराध और आक्रामकता के ख़िलाफ़ वैश्विक विरोध की लहर बढ़ने के बाद, यंग रिपब्लिकन में इस शासन के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हुआ है।
पश्चिम एशियाई लोकतंत्र केंद्र के अनुसंधान निदेशक सिट पेंडर का इस संबंध में कहना हैः डेमोक्रेटिक जनमत में यह बदलाव लगभग दो दशक पहले शुरू हुआ था, लेकिन हाल ही युवा रिपब्लिकनों के बीच इज़रायल के समर्थन में स्पष्ट गिरावट अधिक ध्यान देने योग्य है। उनका कहना था कि 7 अक्टूबर 2023 से ग़ज़ा के ख़िलाफ़ इज़राइल की आक्रामकता अमेरिकी जनमत को आकार देने में एक निर्णायक कारक थी और इसने कई लोगों को अपनी पुरानी स्थिति पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया।
69 फ़ीसद डेमोक्रेट्स मतदाता इज़राइल को नकारात्मक दृष्टि से देखते हैं, जिसका अर्थ है कि 2022 के बाद से इज़राइल के प्रति उनके नकारात्मक दृष्टिकोण में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लेकिन पुराने डेमोक्रेट्स में, जिनमें से कई ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के तहत इज़राइल का समर्थन किया था, उनमें से 66 फ़ीसद अब इज़राइल के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। इस तरह पिछले तीन वर्षों में इज़राइल के विरोधियों में 22 फ़ीसद की वृद्धि हुई है।
अरब जगत के लिए लोकतंत्र संगठन में फ़िलिस्तीन और इज़राइल मामले के प्रबंधक एडम शापिरो ने इस संदर्भ में बताया कि हाल के सर्वेक्षण के परिणाम दर्शाते हैं कि इज़राइल के प्रति पारंपरिक अमेरिकी मीडिया का पूर्वाग्रह अब अमेरिकी जनमत को प्रभावित नहीं कर रहा है, जैसा कि वह पहले करता था। क्योंकि लोग तेज़ी से सोशल मीडिया और वैकल्पिक मीडिया स्रोतों पर भरोसा कर रहे हैं, जो ग़ज़ा की घटनाओं के बारे में सच्चाई बताते हैं।
दूसरी ओर, पश्चिम एशियाई मामलों में अमेरिका के पूर्व उप विदेश मंत्री डेविड मैक ने कहाः ग़ज़ा में महिलाओं और बच्चों सहित नागरिकों के ख़िलाफ़ इज़राइल का हिंसक व्यवहार, साथ ही पश्चिमी तट और दक्षिणी लेबनान में इज़राइल के हमले, यह सभी ऐसे कारक हैं, जिनके कारण अमेरिकी जनमत के एक बड़े हिस्से में इज़राइल के प्रति समर्थन कम हुआ है।
हालांकि ज़ायोनियों के प्रति अमेरिकी जनता के बीच नफ़रत बढ़ने के बावजूद, अमेरिका की आधिकारिक नीतियों में कोई अंतर नहीं आया है। सीनेटर बर्नी सैंडर्स सहित डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ नेताओं को छोड़कर, कांग्रेस के अधिकांश सदस्य ज़ायोनी शासन को सैन्य और वित्तीय सहायता प्रदान करने का समर्थन जारी रखे रखे हुए हैं। msm