अमेरिकी मीडिया: ट्रंप का मुख्य ख़तरा उनकी जेहालत है
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अमेरिकी मीडिया: ट्रंप का मुख्य ख़तरा उनकी जेहालत है
पार्स टुडे - अमेरिकी अख़बार हफ़पोस्ट ने लिखा: जलवायु प्रबंधन से लेकर अर्थव्यवस्था और विदेश नीति तक, विभिन्न क्षेत्रों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के फ़ैसले दर्शाते हैं कि उनके फ़ैसले अक्सर ग़लतफ़हमियों और निराधार आत्मविश्वास के आधार पर लिए जाते हैं, एक ऐसा मुद्दा जिसके संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया के लिए महँगे परिणाम हो सकते हैं।
पार्स टुडे के अनुसार, अमेरिकी अख़बार हफ़पोस्ट ने "शायद ट्रंप सचमुच सिर्फ़ एक मूर्ख हैं" शीर्षक वाले एक लेख में, सबूतों और कहानियों का एक संग्रह प्रस्तुत किया है जो दर्शाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति "डोनल्ड ट्रंप" के कई फ़ैसले किसी सुसंगत विचारधारा से नहीं, बल्कि उनकी गहरी ग़लतफ़हमियों और अपनी "अंतर्ज्ञान" पर अत्यधिक भरोसे से उपजते हैं।
हफ़पोस्ट अख़बार ने इस लेख में उल्लेख किया है कि ट्रंप के शपथ ग्रहण के ठीक 10 दिन बाद, उन्होंने सिएरा नेवादा पहाड़ों में दो जलाशयों से अरबों गैलन पानी छोड़ने का आदेश देकर लॉस एंजिल्स की आग की समस्या को हल करने की कोशिश की। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने "आज 1.6 अरब गैलन और अगले तीन दिनों में 5.2 अरब गैलन पानी छोड़ा है लेकिन इस पानी की एक भी बूँद लॉस एंजिल्स तक नहीं पहुँच सकी, बल्कि नदियों में बाढ़ आने और निवासियों की जान को ख़तरा पैदा हो गया। हफ़पोस्ट के अनुसार, स्थानीय जल प्रबंधकों के तत्काल प्रयासों और सेना को पानी की मात्रा कम करने के लिए राजी करने से ही यह आपदा टल गई। वहीं, कैलिफ़ोर्निया के डेमोक्रेटिक सीनेटर एलेक्स पैडिला ने इस कार्रवाई को "एक ख़तरनाक प्रचार स्टंट" बताया। लेख में आगे इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि कैलिफ़ोर्निया में पानी छोड़ना न केवल बिना सोचे-समझे किया गया था, बल्कि इससे एक बड़ी आपदा आ सकती थी।
ट्रम्प की जेहालत की दूसरी मिसालें
200 मील दूर से पानी डालकर आग बुझाने जैसे फैसले राजनीति नहीं, बल्कि "जेहालत" की निशानी हैं।
हफ़पोस्ट ने यह भी जोड़ा: ट्रम्प की कुछ भ्रामक धारणाओं के गंभीर आर्थिक परिणाम हुए हैं, जिनमें ट्रम्प का यह आग्रह भी शामिल है कि व्यापार शुल्क का वित्तीय बोझ अमेरिकी उपभोक्ताओं पर नहीं, बल्कि अन्य देशों पर पड़ता है; यह एक गलत धारणा है जिसके कारण कीमतें बढ़ी हैं और अमेरिकी किसानों और उत्पादकों पर दबाव बढ़ा है।
ट्रंप के पूर्व सहयोगियों ने उनकी जेहालत स्वीकार की
हफ़पोस्ट ने पूर्व अमेरिकी अधिकारियों के बयानों का भी हवाला दिया। ट्रंप के पहले कार्यकाल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि ट्रंप सच और झूठ में अंतर नहीं जानते। ट्रंप की एक किताब के सह-लेखक चार्ल्स लीयरसन ने उन्हें "बेहद अज्ञानी और बौद्धिक जिज्ञासा से रहित" बताया। पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव जेम्स मैटिस के हवाले से यह भी कहा गया कि ट्रंप "पाँचवीं या छठी कक्षा के छात्र के स्तर तक पढ़े लिखे" हैं। वाइट हाउस के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ जॉन केली ने ट्रंप को "मूर्ख" कहा, और ट्रंप प्रशासन में एक साल तक विदेश मंत्री रहे रेक्स टिलरसन ने उन्हें "पूरा बेवकूफ" कहा।
इस बीच, ट्रंप ने पिछले कुछ वर्षों में कई मूर्खतापूर्ण दावे किए हैं; जिनमें यह भी शामिल है कि बढ़ते समुद्र स्तर से "और अधिक तटीय भूमि" बनेगी, और यह कि वह दवाओं की कीमतों में "1,500 प्रतिशत" की कटौती कर सकते हैं! इसका मतलब है कि दवा निर्माताओं को मुफ्त डिलीवरी के अलावा मरीजों को नकद भुगतान भी करना होगा!
हफ़पोस्ट के अनुसार, ऐसी ग़लतफ़हमियाँ अक्सर अनौपचारिक मुलाक़ातों और उनके आस-पास के लोगों की सुनी-सुनाई बातों से उपजती हैं। जॉन बोल्टन ने आगे कहा कि ट्रंप ख़ुफ़िया एजेंसियों की रिपोर्टों की तुलना में अपने निजी क्लबों के सदस्यों की बातों पर ज़्यादा ध्यान देते हैं। उदाहरण के लिए, उनके एक दोस्त ने उन्हें यकीन दिलाया कि जापान में अमेरिका के पास ज़मीन के विशाल टुकड़े हैं जिन्हें बेचा जा सकता है! (AK)
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