ताशक़ंद में शंघाई सहयोग संघ का शिखर सम्मेलन
शंघाई सहयोग संघ का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन उज़बेकिस्तान की राजधानी ताशक़ंद में आरंभ हुआ है।
शंघाई सहयोग संघ के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और पर्यवेक्षक देशों के प्रतिनिधि इस बैठक में विभिन्न राजनैतिक, आर्थिक व सुरक्षा संबंधी विषयों और अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के बारे में वार्ता करेंगे। यह बैठक जहां सदस्य देशों को द्विपक्षीय व बहुपक्षीय मुलाक़ातों का अवसर उपलब्ध कराएगी वहीं क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की चुनौतियों से निपटने के संबंध में एक सार्वजनिक दृष्टिकोण अपनाने में भी सहायक होगी। विशेष कर इस संघ के सदस्य बड़े देश जैसे कि रूस व चीन चाहेंगे कि कुछ मामलों में सदस्य देशों के बीच समरसता व एकमत उत्पन्न करें। रूस का प्रयास है कि मध्यपूर्व के एक बड़े संकट अर्थात सीरिया संकट के समाधान के बारे में शंघाई सहयोग संघ के सदस्य देशों के दृष्टिकोण को मज़बूत बनाया जाए। चीन की कोशिश है कि, पूर्वी एशिया में अमरीका की बढ़ती राजनैतिक व सामरिक उपस्थिति के दृष्टिगत शंघाई सहयोग संघ के सदस्य देशों की एकजुटता और समान नीतियों से लाभ उठा कर पू्र्वी एशिया के देशों के बीच आपसी सहयोग को मज़बूत बनाए और इस प्रकार अमरीका के प्रभाव को कम कर दे।
कुल मिला कर यह कि इस समय संसार में जिस प्रकार के हालात हैं उन्हें देखते हुए शंघाई सहयोग संघ जैसे क्षेत्रीय संगठनों का महत्व बढ़ जाता है। आशा जताई जा रही है कि ताशक़ंद बैठक में संसार के विभिन्न प्रकार के राजनैतिक व आर्थक संकटों व समस्याओं के बारे में प्रभावी निर्णय किए जाएंगे। (HN)