दाइश की शक्ति ने अमेरिका हतप्रभ कर दियाः ओबामा
ओबामा के बयान का लक्ष्य दाइश के अपराधों में वाशिंंग्टन को निर्दोष बताना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीएनएन के साथ साक्षात्कार में दावा किया है कि आतंकवादी गुट दाइश की बढ़त ने अमेरिका की गुप्तचर सेवा को हतप्रभ कर दिया है। उन्होंने इस संबंध में स्पष्ट किया कि अमेरिका की गुप्चरसेवा की कल्पना से यह चीज़ परे थी कि दाइश की क्षमता केवल सीरिया तक सीमित नहीं थी और मौसिल पर कब्ज़ा करने सहित बड़ी कार्यवाहियों के लिए उसके पास क्षमता मौजूद थी।
आतंकवादी गुट दाइश की क्षमता के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जो बयान दिया है उसे विचित्र बयान की संज्ञा दी जा सकती है जो मौजूद वास्तविकताओं से कोई विशेष मेल नहीं खाता है।
प्रतीत यह हो रहा है कि ओबामा ने जो यह बयान दिया है उसका लक्ष्य यह बताना है कि इराक और सीरिया में दाइश ने जो पाश्विक कार्यवाहियां अंजाम दी हैं अधिकतर उसमें ओबामा सरकार की कोई भूमिका नहीं रही है जबकि अमेरिका की खुफिया सेवा इराक और सीरिया में दाइश की बढ़त का निरीक्षण ड्रोन से करती थी।
साथ ही इराक के बड़े क्षेत्रों पर नियंत्रण करने हेतु दाइश की तैयारी, वाहनों और सैनिक संसाधनों का जमावड़ा ऐसी चीज़ नहीं थी जो अमेरिका की नज़रों से ओझल थी। वास्तव में इस बात की कल्पना नहीं की जा सकती कि अमेरिका को सूचित किये बिना और उसकी गुप्त या स्पष्ट प्रसन्नता प्राप्त किये बिना दाइश के आतंकवादी तत्व इस प्रकार की कार्यवाही अंजाम दे सकें।
साथ ही कुछ अमेरिकी युद्धक विमान चालकों ने यह स्वीकार किया है कि वे दाइश से संबंधित ठिकानों को निशाना बना सकते थे परंतु ऊपर से उन्हें इस प्रकार के हमलों की अनुमति नहीं दी गयी।
प्रश्न यह उठता है कि आतंकवादी गुट दाइश के साथ अमेरिका की सहकारिता का कारण क्या था? इसके उत्तर में कहना चाहिये कि सीरिया की कानूनी सरकार से मुकाबले के लिए आतंकवादी गुट दाइश स्वयं अमेरिका और सऊदी अरब जैसे उसके घटकों के प्रयासों की उपज है।
अतः वर्तमान समय में भी दाइश से मुकाबले के अंतरराष्ट्रीय गठबंधन की आड़ में अमेरिका इस गुट की शक्ति को सीमित करने और क्षेत्र में अपने दूसरे हितों को साधने के लिए उसकी सुरक्षा की चेष्टा में है। MM