इराक के विभाजन के लिए प्रयास जारी हैं
(last modified Sat, 11 Mar 2017 14:13:01 GMT )
Mar ११, २०१७ १९:४३ Asia/Kolkata

इराकी सेना और स्वयं सेवी बलों के हाथों आतंकवादी गुट दाइश को दिन प्रतिदिन मिलने वाली विफलता के बाद वह और उसके समर्थक पहले से अधिक इराक में कबाएली व साम्प्रदायिक लड़ाई कराने की चेष्टा में हैं।

इराक के संसद सभापति ने इस देश पर ठिकेदारी और इसके विभाजन के लिए हर प्रकार की भीतरी व बाहरी बैठक को रद्द कर दिया है।

 सलीम अलजबूरी ने इराक के संदर्भ में क्षेत्र की कुछ सरकारों और अमेरिका के समर्थन से इराक से बाहर होने वाली बैठक की प्रतिक्रिया में कहा कि इराकी सरकार इस देश के संबंध में हर प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप के मुकाबले में प्रतिरोध करेगी।

इराक के संबंध में जनेवा में होने वाली बैठक के संबंध में होने वाली चर्चा अभी समाप्त नहीं हुई थी कि एक दूसरी संदिग्ध कांफ्रेन्स तुर्की के इस्तांबोल नगर में हुई है। जनेवा बैठक की भांति इस्तांबोल में होने वाली कांफ्रेन्स में भी इराक में दाइश के बाद सुन्नी क्षेत्र बनाने के विषय की समीक्षा की गयी।

तुर्की की सरकार ने इस कांफ्रेन्स का आयोजन किया था और कतर तथा सऊदी अरब ने इस संदिग्ध कांफ्रेन्स के खर्चों का वहन किया है।

जनेवा और तुर्की के इस्तांबोल नगर में होने वाली बैठकों में इराक के कुछ सुन्नी गुटों और उन हस्तियों ने भाग लिया जिन पर क्षेत्रीय सरकारों और अमेरिका के समर्थन से आतंकवादी गुटों के साथ सहकारिता करने का आरोप है।

इससे पहले जनेवा में इराक के संबंध में जो संदिग्ध बैठक हुई थी उसका आयोजन अमेरिका, यूरोप और सीआईए के पूर्व प्रमुख डेविड पेट्रियास ने किया था। उस बैठक में भी इराक में दाइश के बाद एक सुन्नी क्षेत्र बनाने के विकल्प की समीक्षा की गयी थी।

 इराकी सेना और स्वयं सेवी बलों के हाथों आतंकवादी गुट दाइश को दिन प्रतिदिन मिलने वाली विफलता के बाद वे और उसके समर्थक पहले से अधिक इराक में कबाएली व साम्प्रदायिक लड़ाई कराने की चेष्टा में हैं।

इस प्रकार की स्थिति में इराक के समस्त वर्गों के मध्य उन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सहमति ज़रूरी है जिनका इराक को सामना है विशेषकर इस बात को ध्यान में रखते हुए कि इराकी समाज के समस्त वर्ग तकफीरी आतंकवादी गुटों के निशाने पर हैं।

इराक इस समय एतिहासिक संवेदनशीलता के समय से गुजर रहा है और राजनीतिक स्तर पर हर प्रकार की लापरवाही इराक के लिए हानिकारक होगी। इराक में विभिन्न जातीय व धर्मों के मानने वाले लोग रहते हैं इसलिए इस संवेदनशील समय पर नियंत्रण के लिए सबके मध्य शांति, व समन्वय आवश्यक है विशेषकर इसलिए कि सद्दाम की बासी सरकार का अंत हो जाने के बाद इराकी समाज में मौजूद विभिन्न जाति व धर्म, इस देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए क्षेत्र और क्षेत्र से बाहर की कुछ शक्तियों का हथकंडा बन गया है। MM