नवाज़ शरीफ़ की संपत्ति की जांच के बारे में टीम गठित
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इस देश के प्रधानमंत्री और उनके परिवार की संपत्ति की जांच के लिए एक टीम के गठन का आदेश दिया है।
भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने मियां मुहम्मद नवाज़ शरीफ़ और उनके परिवाद के सदस्यों की विदेश में संपत्ति की जांच के उद्देश्य से जेआईटी या जॉइंट इनवेस्टिगेशन टीम बनाने का आदेश दिया है। यह टीम अगले 60 दिनों में अपना फैसला सुनाएगी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ़ को इसके सामने पेश होना होगा और इसी जेआईटी के फैसले के आधार पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिनों के भीतर JIT गठन का आदेश दिया है। पनामागेट में नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज, हसन नवाज, हुसैन नवाज, शरीफ के दामाद रिटायर्ड कैप्टन मुहम्मद सफदर और वित्तमंत्री डार के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के आरोप में अयोग्य घोषित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं। 5 जजों की बेंच ने 3-2 के बहुमत से नवाज के पक्ष में फैसला सुनाया। दो जज जस्टिस खोसा और जस्टिस गुलजार जेआईटी जांच के पक्ष में नहीं थे बल्कि वे नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य घोषित करना चाहते थे किंतु बहुमत से दिए गए निर्णय के कारण नवाज शरीफ को फ़िलहाल राहत मिल गई है।
उल्लेखनीय है कि बता दें कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियों के अतिरिक्त पूरी दुनिया की निगहें टिकी हुई थीं। हालांकि अब यह काम अगले 60 दिन के लिए टल गया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ यदि इस मामले में दोषी पाए जाते हैं तो इसका सीधा असर इस देश के राजनीतिक भविष्यि पर पड़ सकता है।