नवाज़ शरीफ़ भारी मुसीबत में, चारों तरफ़ से इसतीफ़े की मांग
(last modified Wed, 12 Jul 2017 04:05:43 GMT )
Jul १२, २०१७ ०९:३५ Asia/Kolkata
  • नवाज़ शरीफ़ भारी मुसीबत में, चारों तरफ़ से इसतीफ़े की मांग

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ मुसीबत में फंस गए हैं और उन पर त्यागपत्र के लिए दबाव बढ़ने लगा है।

पनामा पेपर्ज़ के दावों से संबंधित शरीफ़ ख़ानदान की संपत्ति की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाई गई संयुक्त जांच टीम जेआईटी की ओर से जमा कराई गई आख़िरी रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ पर त्यागपत्र के लिए दबाव बढ़ गया है।

विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को त्यागपत्र का वादा याद दिलाने के लिए नेशनल एसेंबली की बैठक बुलाने की मांग की है और सलाह मशविरे का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके साथ ही विपक्ष तथा देश के अन्य संगठनों और वकीलों ने सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को टफ़ टाइम देने का फ़ैसला कर लिया है।

जमाअते इस्लामी के प्रमुख सिराजुल हक़ ने लाहौर में मीडिया से बातचीत में कहा कि जेआईटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को त्यागपत्र दे देना चाहिए।

अवामी मुस्लिम लीग के नेता शैख़ रशीद अहमद ने भी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के त्यागपत्र की मांग करते हुए कह कि मैंने पहले ही कहा था कि सुप्रीम कोर्ट से उनका सियासी ताबूत निकलेगा।

पाक सरज़मीन पार्टी पीएसपी के नेता मुसतफ़ा कमाल ने कहा कि जेआईटी की रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार  खो चुके हैं।

दूसरी ओर लाहौर हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री को पद से हटने का एक हफ़्ते का अलटीमेटम देते हुए कहा है कि नवाज़ शरीफ़ घर न गए तो एक बार फिर देश व्यापी आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।

इससे पहले नेशनल एसेंबली में विपक्ष के नेता और पीपल्ज़ पार्टी वरिष्ठ लीडर ख़ुरशीद शाह और पाकिस्तान तहरीके इंसाफ़ पार्टी के नेता शाह महमूद क़ुरैशी के बीच 11 जुलाई को महत्वपूर्ण मुलाक़ात हुई जिसमें जेआईटी की रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री से इस्तीफ़ा मांगने पर बातचीत हुई। दोनों नेताओं का मानना था कि त्यागपत्र देने से देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कोई नुक़सान नहीं पहुंचेगा।

विपक्ष के नेता ख़ुरशीद शाह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री तत्काल त्यागपत्र दें और यदि वह अपना कोई नया प्रधानमंत्री देने हैं तो इस पर किसी को आपत्ति नहीं होगी।

पाकिस्तान पीपल्ज़ पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने भी कहा कि जेआईटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रधानमंत्री को त्यागपत्र दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जेआईटी ने शरीफ़ ख़ानदान की 3 नसलों को बेनक़ाब कर दिया है।

तहरीके इंसाफ़ पार्टी नेता इमरान खान ने कहा कि हमने जेआईटी की रिपोर्ट की समीक्षा की है, पहले हम केवल नवाज़ शरीफ़ का इसतीफ़ा मांग रहे थे लेकिन अब दूसरे लोगों को भी इसतीफ़ा देना पड़ेगा।

इसी बीच सूचना है कि प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने जेआईटी की रिपोर्ट आने के बाद की स्थिति का सामना करने के उपायों पर विचार के लिए अपने सहयोगियों की एक बैठक बुलाई है।