रूसी राष्ट्रपति ने इन कारणों से मध्यपूर्व की यात्रा की
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मिस्र के एक राजनीतिक विश्लेषक नूरहान अश्शैख का कहना है कि सीरिया संकट के शांतिपूर्ण समाधान के साथ इस देश में रूस की भूमिका समाप्त नहीं होगी।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Dec १२, २०१७ २०:५५ Asia/Kolkata

मिस्र के एक राजनीतिक विश्लेषक नूरहान अश्शैख का कहना है कि सीरिया संकट के शांतिपूर्ण समाधान के साथ इस देश में रूस की भूमिका समाप्त नहीं होगी।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन ने 11 दिसंबर को दमिश्क में सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद से भेंटवार्ता के बाद मिस्र और उसके बाद तुर्की की यात्रा की।

सीरिया में रूस के राष्ट्रपति ने हमीम हवाई छावनी का निरीक्षण किया और इस देश से रूसी सेना के एक भाग के निकलने की घोषणा की।

रूस के राष्ट्रपति ने सीरिया, मिस्र और तुर्की की जो यात्रा की वह मॉस्को की क्षेत्रीय नीति के दृष्टिगत ध्यान योग्य है।

वास्तव में पुतीन ने इस यात्रा से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोबारा एक शक्ति के रूप में रूस को पेश करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है और इस बात के दृष्टिगत पुतीन ने सीरिया, मिस्र और तुर्की जैसे क्षेत्र के बड़े देशों के साथ संबंधों को विस्तृत करने की दिशा में कदम उठाये हैं।

इनमें से हर देश विशेष आयाम से रूस के लिए महत्व रखता है। वर्तमान समय में सीरिया के संबंध में रूस की नीति यह है कि वह मध्यपूर्व में सीरिया को अपने केन्द्र बिन्दु के रूप में बाकी रखना चाहता है।

मिस्र के एक राजनीतिक विश्लेषक नूरहान अश्शैख का कहना है कि सीरिया संकट के शांतिपूर्ण समाधान के साथ इस देश में रूस की भूमिका समाप्त नहीं होगी और रूस, सीरिया के अस्ली घटक के रूप में बाक़ी रहेगा।

इसी कारण रूस के वरिष्ठ अधिकारी सीरिया में अपनी हवाई और समुद्री छावनियों के बाकी रखने पर बल दे रहे हैं।

बहरहाल इस समय रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन की जो यात्रा है वह सीरिया, मिस्र और तुर्की के साथ संबंधों को विस्तृत व प्रगाढ़ बनाने और मध्यपूर्व में रूस के प्रभाव को अधिक करने के लक्ष्य से हुई है। MM