टोलरेन्स की नीति यथावत जारी रहेगीः ट्रम्प
ट्रंप की पत्नी और बेटी ने भी उनके कदम का विरोध किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिया है जिसके अनुसार ग़ैर कानूनी ढंग से अमेरिका पलायन करने वाले लोगों को ज़बरदस्ती उनके बच्चों से अलग करने की प्रक्रिया पर रोक लग गयी है।
साथ ही ट्रम्प ने बल देकर कहा है कि ज़ीरो टोलरेन्स की नीति यथावत जारी रहेगी और ग़ैर कानूनी पलायनकर्ताओं को अब उनके बच्चों के साथ गिरफ्तार किया जायेगा।
अमेरिका में ग़ैर कानूनी पलायनकर्ताओं को गिरफ्तार करने की नीति के व्यवहारिक बनाने के परिप्रेक्ष्य में 2342 बच्चों को उनके माता- पिता से अलग किया जा चुका है और इन्हें मैक्सिको की सीमा पर अलग लोहे के पिजड़ों में रखा जा रहा है।
देश के भीतर और बाहर ट्रम्प के इस क़दम का कड़ा विरोध किया जा रहा है यहां तक कि ट्रंप की पत्नी और बेटी ने भी उनके इस कदम का विरोध किया।
ट्रम्प ने अपने इस कदम से दर्शा दिया कि उन्हें न केवल देश के भीतर और बाहर विरोधों का सामना है बल्कि मानवीय एवं नैतिक दृष्टि से भी उनमें बहुत कमज़ोरियां हैं और सिद्धांतिक रूप से वह नैतिक और मानवाधिकार के मानदंडों पर विश्वास नहीं रखते हैं।
ट्रम्प ग़ैर कानूनी रूप से अमेरिका पलायन करने वालों के संबंध में कठोर नीति पर ऐसी स्थिति में अमल कर रहे हैं जब उनसे पहले वाली सरकारों ने इस कार्य के दुष्परिणामों को दृष्टि में रखकर उस पर अमल नहीं किया।
इसके बावजूद ट्रम्प पलायनकर्ताओं के संबंध में जो कर रहे हैं उससे उनका लक्ष्य स्पष्ट है। अभी हाल ही में ट्रम्प ने कहा था कि अमेरिका यूरोप की भांति पलायनकर्ताओं के कैंप में परिवर्तित नहीं होगा।
वास्तव में पलायन कर्ताओं के संबंध में ट्रम्प की हालिया कार्यवाही का लक्ष्य लैटिन अमेरिका से अमेरिका आने वाले पलायन कर्ताओं में भय उत्पन्न करना है।
बहरहाल अमेरिका और यूरोप के बीच मतभेद की जो सूची है उसमें ट्रम्प के हालिया कदम से वृद्धि हो गयी है और यूरोपीय अधिकारियों ने ट्रम्प के अमानवीय कदम पर घृणा जताई है और साथ ही ट्रम्प को अमेरिका में बहुत से डेमोक्रट और रिपब्लिकन सांसदों के भी विरोध का सामना है। MM