मिस्र में इख़्वानुल मुस्लेमीन के 75 सदस्यों को फांसी का हुक्म
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क़ाहेरा की अदालत ने इख़्वानुल मुस्लेमीन गुट के 75 सदस्यों को फांसी की सज़ा का हुक्म सुनाया और उनकी फ़ाइल को मिस्र के मुफ़्ती के पास भेजा है।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Jul २८, २०१८ १८:४६ Asia/Kolkata
  • मिस्र के पहले प्रजातांत्रिक तरीक़े से चुने गए राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी 7 मई 2016 को क़ाहेरा में मुक़द्दमे की सुनवाई के दौरान क़ैदियों के कटघरे से हाथ हिलाते हुए (एएफ़पी के सौजन्य से)
    मिस्र के पहले प्रजातांत्रिक तरीक़े से चुने गए राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी 7 मई 2016 को क़ाहेरा में मुक़द्दमे की सुनवाई के दौरान क़ैदियों के कटघरे से हाथ हिलाते हुए (एएफ़पी के सौजन्य से)

क़ाहेरा की अदालत ने इख़्वानुल मुस्लेमीन गुट के 75 सदस्यों को फांसी की सज़ा का हुक्म सुनाया और उनकी फ़ाइल को मिस्र के मुफ़्ती के पास भेजा है।

समाचार एजेंसी फ़ार्स के अनुसार, क़ाहेरा की अदालत ने शनिवार को मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों के राबेअतुल अदविया और अन्नहज़ा मैदानों पर धरना प्रदर्शन के दौरान हुयी हिंसा के मामले में 75 लोगों को फांसी की सज़ा सुनायी है।

इस लिस्ट में इख़्वानुल मुस्लेमीन के नेता मोहम्मद बदीअ का नाम शामिल नहीं है।

क़ाहेरा की अदालत मिस्र के मुफ़्ती की राय जानने के बाद 8 सितंबर को इन आरोपियों के में फ़ैसला सुनाएगी।

ग़ौरतलब है कि मिस्र के इख़्वानुल मुस्लेमीन गुट को राष्ट्रपति मुरसी के सैन्य विद्रोह द्वारा जुलाई 2013 में अपदस्थ किए जाने के बाद से ग़ैर क़ानूनी घोषित किया गया है और इस समय इस गुट के नेता जेलों में क़ैद हैं। (MAQ/N)