मिस्र, हुस्नी मुबारक के दोनों बेटों को गिरफ़्तार करने का आदेश
मिस्र की अदालत ने देश के पूर्व अपदस्थ तानाशाह हुस्नी मुबारक के दो बेटों को स्टॉक मार्केट में भ्रष्टाचार के अंतर्गत सुनवाई केस में गिरफ़्तार करने का आदेश दे दिया।
अरब न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार मिस्र की सरकार समाचार एजेन्सी मीना की रिपोर्ट में बताया गया है कि अला मुबारक और जमाल मुबारक के अतिरिक्त 7 लोगों पर स्टॉक मार्केट और सेन्ट्रल बैंक के क़ानूनों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए मिस्र के अलवतन बैंक के शेयर्ज़ से ग़ैर क़ानूनी लाभ उठाने का आरोप है।
ज्ञात रहे कि यह केस वर्ष 2012 में आरंभ हुआ था और अधिकतर आरोपियों ने ज़मानत हासिल कर ली थी किन्तु उनके देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार पूर्व मिस्री तानाशाह हुस्नी मुबारक के बेटे अला मुबारक एक व्यापारी है जबकि उसका दूसरा बेटा जमाल मुबारक पूर्व बैंकर है और दोनों की ज़मानत 2015 में मंज़ूर हुई थी।
अदालत में उक्त केस की अगली सुनवाई 20 अक्तूबर को होगी। ज्ञात रहे कि पिछले वर्ष के आरंभ में मिस्र के सर्वोच्च न्यायालय ने अपना अंतिम फ़ैसला सुनाते हुए पूर्व तानाशाह हुस्नी मुबारक को 2011 में प्रदर्शनकारियों की हत्या कराने के मुक़द्दमे में बरी कर दिया था।
2011 में आरंभ होने वाले प्रदर्शन लगभग 30 साल तक चलने वाली हुस्नी मुबारक की सरकार का तख़्ता उलटने के बाद समाप्त हुई जबकि हुस्नी मुबारक जन विद्रोह में प्रदर्शन करने वाले लोगों की मौत में लिप्त होने की वजह से यह सज़ा काट रहे थे।
18 दिनों तक जारी रहने वाले प्रदर्शनों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच होने वाली झड़पों में 850 लोग मारे गये थे।
उल्लेखनीय है कि हुस्नी मुबारक, उनके विदेशमंत्री और 6 साथियों को 2012 में मुक़द्दमे में उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गयी थी किन्तु 2014 में एक दूसरी अदालत ने उम्र क़ैद की सज़ा के फ़ैसले को तकनीकी कमियां निकालते हुए उसे निरस्त कर दिया था जबकि प्रदर्शनकारियों की हत्या के हवाले से फौजदारी आरोप को रद्द कर दिया था। (AK)