फ़िलिस्तीन में दूतावास नहीं होना चाहियेः ब्राज़ीली ट्रंप
(last modified Mon, 01 Apr 2019 14:03:00 GMT )
Apr ०१, २०१९ १९:३३ Asia/Kolkata

ब्राज़ील के इस नये राष्ट्रपति ने रविवार को अवैध अधिकृत फिलिस्तीन की यात्रा की थी परंतु उन्होंने अमेरिका और इस्राईल से जो वादा कर रखा था उसके विपरीत केवल कुद्स में एक व्यापारिक केन्द्र का ही उद्घाटन किया।

ब्राज़ील के नये राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो के क्रिया- कलापों पर विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रिया जताई जाती रही हैं। उन्होंने पहली जनवरी 2019 के आरंभ से कार्यभार संभाला है। वह अतिवादी सैनिक रह चुके हैं। उनकी बातों और वादों के कारण उन्हें ब्राज़ीली ट्रंप की संज्ञा दी गयी है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से बहुत अधिक समानता के कारण उन्होंने ट्रंप जैसी नीति अपना रखी है। बोलसोनारो ने राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद फिलिस्तीन के संबंध में इस्राईली समर्थन की नीति अपना ली।

उन्होंने जारी वर्ष के आरंभ में सत्ता में आने के बाद घोषणा की थी कि कुद्स के बारे में वह ट्रंप की नीतियों का अनुसरण करेंगें। उनकी इस घोषणा के दृष्टिगत प्रतीत यह हो रहा था कि वह भी कुद्स को इस्राईल की राजधानी के रूप में मान्यता देंगे और अमेरिका की भांति ब्राजीली दूतावास को तेअलवीव से कुद्स स्थानांतरित करेंगे।

उन्होंने वर्ष 2018 में कटाक्ष करते हुए कहा था कि क्या फिलिस्तीन देश है? फिलिस्तीन देश नहीं है। इस आधार पर वहां दूतावास नहीं होना चाहिये।"

ब्राज़ील के इस नये राष्ट्रपति ने रविवार को अवैध अधिकृत फिलिस्तीन की यात्रा की थी परंतु उन्होंने अमेरिका और इस्राईल से जो वादा कर रखा था उसके विपरीत केवल कुद्स में एक व्यापारिक केन्द्र का ही उद्घाटन किया।

रोचक बात यह है कि तेलअवीव ने घोषणा की है कि यह एक डिप्लोमैटिक कार्यालय है और ब्राज़ील की सरकार ने भी कहा है कि यह उसके दूतावास का भाग है। यह बात जायोनी अधिकारियों विशेषकर प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतेनयाहू की अपेक्षाओं के खिलाफ थी। क्योंकि ब्राज़ील के राष्ट्रपति बोलसोनारो ने इससे पहले कहा था कि वह अपनी इस्राईल यात्रा के दौरान कुद्स में ब्राज़ील के एक व्यापारिक कार्यालय का उद्घाटन करेंगे।

उन्होंने तेलअवीव से कुद्स ब्राज़ीली दूतावास स्थानांतरित करने के बारे में कहा था कि अभी इस विषय की समीक्षा की जा रही है। इससे पहले बोलसोनारो ने यह भी कहा था कि ब्राज़ील तेलअवीव से अपना दूतावास कुद्स स्थानांतरित करने के बजाये इस नगर में एक व्यापारिक कार्यालय का उद्घाटन करेगा।

दूसरे शब्दों में बोलसोनारो स्पष्ट रूप से अपने पहले वाले दृष्टिकोणों से पीछे हट गये हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रंप की हो रही आलोचना के दृष्टिगत उन्होंने सतर्कता की नीति अपना ली है और वह इस बात को समझ गये हैं कि अगर उन्होंने ट्रंप की नीति का अनुपालन किया तो अंतरराष्ट्रीय, इस्लामी और अरब देशों की भर्त्सना के अलावा कुछ नहीं होगा।

ज्ञात रहे कि ब्राज़ील के राष्ट्रपति के सलाहकार हैमिलटन मुराओ ने जारी वर्ष के फरवरी महीने में कहा था कि तेलअवीव से कुद्स से ब्राज़ील के दूतावास को स्थानांतरित करना सही नहीं है और बल देकर कहा था कि यह ऐसा कदम है जिससे  अरब देशों को ब्राज़ील का निर्यात होने वाले लगभग 5 अरब डालर के मांस को आघात पहुंचेगा। MM

 

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