अमेरिकी प्रतिबंधों का डटकर मुक़ाबला करेंगे" क्यूबा
संयुक्त राष्ट्रसंघ कई प्रस्ताव पारित करके अमेरिका का आह्वान कर चुका है कि वह क्यूबा के खिलाफ़ आर्थिक प्रतिबंधों को समाप्त करे।
क्यूबा के राष्ट्रपति ने कहा है कि उनका देश अमेरिकी प्रतिबंधों का डटकर मुकाबला करेगा। मेगल डियाज़ कैनल ने कहा कि अमेरिकी अब भी हम पर दबाव डाल रहे हैं किन्तु हम डटकर इन प्रतिबंधों का मुकाबला करेंगे।
क्यूबा के राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने क्यूबा के खिलाफ अपने प्रतिबंधों को वर्ष 1962 से आरंभ किया है ताकि इस देश की अर्थ व्यवस्था को बर्बाद कर दे किन्तु अब तक वह अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सका है और इसकी वजह क्यूबा की सरकार और जनता के प्रयास व प्रतिरोध हैं।
यही बातें पिछले सप्ताह क्यूबा के विदेशमंत्री ने भी राष्ट्रसंघ की महासभा की बैठक में कहा था।
ज्ञात रहे कि वेनेज़ुएला में निकोलस मादरु की सरकार का तख्ता पलटने में विफल हो जाने के बाद अमेरिका ने क्यूबा के विरुद्ध प्रतिबंधों को और कड़ा करते हुए कहा है कि हवाना को वेनेज़ुएला से आर्थिक लेन- देन नहीं करना चाहिये। उल्लेखनीय है कि इस प्रतिबंध का एक कारण यह है कि क्यूबा ने वेनेज़ुएला की कानूनी सरकार का समर्थन किया था।
रोचक बात है यह कि संयुक्त राष्ट्रसंघ कई प्रस्ताव पारित करके अमेरिका का आह्वान कर चुका है कि वह क्यूबा के खिलाफ़ आर्थिक प्रतिबंधों को समाप्त करे।
जानकार हल्कों का मानना है कि जो भी देश अमेरिका की वर्चस्वादी नीतियों को स्वीकार नहीं करेंगे उन्हें प्रतिबंध सहित अमेरिका की कुटिल चालों का सामना करना पड़ सकता है। ईरान, उत्तर कोरिया और क्यूबा के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों को इसी दिशा में देखा जा सकता है।
इसी प्रकार इन हल्कों का मानना है कि जो देश और सरकारें अमेरिका की आधिपत्यवादी नीति को स्वीकार करते हैं वे कोई भी अपराध करें अमेरिका उनके खिलाफ न केवल कोई प्रतिबंध नहीं लगायेगा बल्कि उनके अपराधों का नाम तक नहीं लेगा और उनकी सहायता भी करेगा चाहे वहां तानाशाही सरकार ही क्यों न हो। सऊदी अरब और बहरैन जैसे देशों और इस्राईल जैसे शासन के कृत्यों को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है। MM