रूसी वैकसीन और पश्चिम की प्रतिक्रियाएं
https://parstoday.ir/hi/news/world-i89942-रूसी_वैकसीन_और_पश्चिम_की_प्रतिक्रियाएं
रूस ने कोरोना वायरस की जो वैकसीन बनाई है क्या उसमें कोई शक है? या फिर पश्चिमी हलक़े इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि अमरीका व यूरोप के अलावा किसी अन्य देश के नाम यह उपलब्धि दर्ज न होने दें?
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Aug १३, २०२० १७:२४ Asia/Kolkata
  • रूसी वैकसीन और पश्चिम की प्रतिक्रियाएं

रूस ने कोरोना वायरस की जो वैकसीन बनाई है क्या उसमें कोई शक है? या फिर पश्चिमी हलक़े इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि अमरीका व यूरोप के अलावा किसी अन्य देश के नाम यह उपलब्धि दर्ज न होने दें?

रूस के राष्ट्रपति विलादिमीर पुतीन ने मंगलवार को घोषणा की कि उनके देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने माॅस्को की गामालिया संस्था द्वारा दुनिया में पहली बार बनाई गई कोरोना वायरस की वैकसीन को क़ानूनी रूप से अनुमति दे दी है। इस वैकसीन का नाम "स्पूतनिक-5" है जो रूस द्वारा अंतरिक्ष में भेजे गए पहले उपग्रह की याद दिलाता है। रूस के राष्ट्रपति ने इस वैकसीन को अधिक प्रमाणिकता प्रदान करने के लिए कहा कि उनकी बेटी को सबसे पहले इस वैकसीन का डोज़ दिया गया है।

 

रशा टूडे की रिपोर्ट के अनुसार रूस के पूंजी निवेश फ़ंड के प्रमुख कीरियल दिमित्रियेफ़ ने भी बीस देशों की ओर से कोरोना की रूसी वैकसीन हासिल करने के आवेदन की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि सऊदी अरब, संयुक्त अरब इमारात और फ़िलिप्पीन्ज़ जल्द ही इस वैकसीन का टेस्ट करेंगे। इन सबके बावजूद पश्चिमी हलक़े और संचार माध्यम इस रूसी वैकसीन के प्रभाव के बारे में संदेह प्रकट कर रहे हैं। उदाहरण स्वरूप रोएटर्ज़ ने लिखा है कि यह वैकसीन इंसानों पर टेस्ट के दो महीने से भी कम अवधिक में तैयार की गई है। इस वैकसीन को बाज़ार में लाने में रूस की गति प्रभावी वैकसीन की तैयारी में वैश्विक प्रतिस्पर्धा में जीत हासिल करने के इस देश के संकल्प की पुष्टि करती है लेकिन इसी के साथ यह तेज़ी इस बारे में चिंताएं भी पैदा करती है कि शायद रूस ने विज्ञान व सुरक्षा पर राष्ट्रीय हैसियत को प्राथमिकता दी है।

 

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक़ रूस के वैज्ञानिकों ने इस वैकसिन की तैयारी की प्रक्रिया को गति प्रदान कर दी है। यहां तक कि इस वैकसीन का तीसर चरण भी तक पूरा नहीं हुआ है जो इंसानों पर इसके प्रभाव की जांच पर आधारित है। इस बात को भी दृष्टिगत रखना चाहिए कि रूस ने इस वैकसीन के बारे में कोई भी सूचना जारी नहीं की है। अन्य देशों के वैज्ञानिकों की ओर से इस वैकसीन की समीक्षा नहीं की गई है और इस बारे में रूस के किसी भी दावे का सत्यापन नहीं किया जा सकता। वैज्ञानिकों ने इस वैकसीन के सुरक्षित होने के बारे में बहुत से सवाल उठाए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अधिकारी और अमरीका उपमहाद्वीप के मामलों में डब्ल्यू एच ओ के उप प्रमुख जारबस बारबोसा ने कहा है कि हमारे पास रूस द्वारा बनाई गई कोरोना की वैकसीन की जांच के लिए आवश्यक सूचनाएं नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस वैकसीन की समीक्षा के लिए पर्याप्त सूचनाएं नहीं दी गई हैं। जब तक इस वैकसीन के दूसरे व तीसरे चरण के टेस्ट पूरे नहीं हो जाते तब तक इसके प्रभाव और सेफ़्टी के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। वैकसीन बनाने वाले हर देश को सेफ़्टी सुनिश्चित बनाने वाली प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और विश्व स्वास्थ्य संगठन से उसकी पुष्टि हासिल करनी चाहिए।

 

अभी यह तय नहीं है कि सच में इस वैकसीन के बारे में शक पाए जाते हैं या फिर पश्चिमी हलक़े इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि इतनी बड़ी उलब्धि, अमरीका और यूरोप के अलावा किसी दूसरे देश के नाम दर्ज न होने पाए? इस तरह के सवाल ऐसी स्थिति में सामने आ रहे हैं जब अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि जल्द ही कोरोना वायरस की वैकसीन की तैयारी में सफलता की ख़ुशख़बरी बहुत क़रीब है और वह भी एक रिकाॅर्ड समय में। उन्होंने कहा कि हमने इस वैकसीन के 12 करोड़ डोज़ ख़रीदने पर सहमति की है और जैसे ही यह वैकसीन तैयार होगी, यह काम कर दिया जाएगा।

 

अलबत्ता रूस ने भी इस सिलसिले में किए जाने वाले सवालों का जवाब नहीं दिया है। हालांकि रूस के पूंजी निवेश फ़ंड के प्रमुख कीरियल दिमित्रियेफ़ ने मंगलवार को वीडियो लिंक के माध्यम से होने वाले पत्रकार सम्मेलन में कहा कि रूस ने कोविड-19 की जो वैकसीन तैयार की है उसका फ़ार्मूला ब्राज़ील और मध्यपूर्व व एशिया के कई देशों में तैयार किया जा सकता है। बहुत से देशों व कंपनियों पर कोरोना वायरस की तैयारी में रूस के साथ सहयोग न करने के लिए भारी दबाव है। इसी तरह हम पर बहुत अधिक सायबर हमले हुए हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सी बड़ी पश्चिमी कंपनियां व राजनेता नहीं चाहते कि रूस के फ़ाॅर्मूले से बनी कोविड-19 की वैकसीन, कोरोना वायरस की एक स्टैंडर्ड वैकसीन में बदल जाए। उन्होंने कहा कि हम अगले एक महीने के अंदर इस बारे में पूरा ब्योरा सावर्जनिक कर देंगे। (HN)