Sep २८, २०२० १९:२९ Asia/Kolkata
  • मनी लॉन्ड्रिंग के केस में शहबाज़ शरीफ़ गिरफ़्तार

पाकिस्तान में प्रमुख विपक्षी नेता शहबाज़ शरीफ़ को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया है।

लाहौर उच्च न्यायालय ने सात अरब रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस में पाकिस्तान के विपक्ष के नेता और पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज़ शरीफ़ की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी जिसके बाद उन्हें कोर्ट परिसर से ही गिरफ़्तार कर लिया गया। कोर्ट के परिसर में बड़ी संख्या में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) के कार्यकर्ता एकत्रित थे। शहबाज़ शरीफ़ को भ्रष्टाचार रोधी इकाई राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अधिकारी गिरफ़्तार करके लाहौर हिरासत केंद्र ले गए। सरदार अहमद नईम की अध्यक्षता वाली लाहौर उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने एनएबी की टीम और शहबाज़ शरीफ़ के वकीलों की दलील सुनने के बाद ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी। इमरान ख़ान सरकार ने पिछले सप्ताह 69 वर्षीय शहबाज़ शरीफ़ और उनके परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दायर किया था।

 

शहबाज़ शरीफ़ ने अपनी गिरफ़्तारी से पहले मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री इमरान ख़ान उन्हें गिरफ़्तार कराना चाहते थे। उन्होंने कहा कि यह इमरान ख़ान और एनएबी का अपवित्र गठबंधन है, जो मुझे सलाख़ों के पीछे भेजना चाहता है। शहबाज़ शरीफ़ 2008 से 2018 तक पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। उनकी गिरफ़्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरयम नवाज़ ने कहा कि शहबाज़ शरीफ़ को केवल इसलिए गिरफ़्तार किया गया है क्योंकि उन्होंने अपने बड़े भाई का साथ नहीं छोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार राजनीतिक उत्पीड़न कर रही है। पाकिस्तान पीपल्ज़ पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने भी शहबाज़ शरीफ़ की गिरफ़्तारी की निंदा की है। एनएबी न्यायालय ने जाली अकाउंट्स से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पूर्व राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी और उनकी बहन फ़रयाल तालपुर समेत कई अभियुक्तों पर भी चार्जशीट लगा दी है। (HN)

 

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