Aug ०५, २०१६ १५:०५ Asia/Kolkata
  • बुधवार- 5 अगस्त

5 अगस्त सन 1930 ईसवी को अमरीकी अंतरिक्ष यात्री और चांद पर क़दम रखने वाले पहले इंसान नील आर्म स्ट्रांग का जन्म हुआ।

5 अगस्त सन 1912 ईसवी को जापान में टोक्यो के गिंजा में पहली टैक्सी सेवा शुरू हुई।

5 अगस्त सन 1991 ईसवी को न्यायपूर्ति लीला सेठ दिल्ली हाई कोर्ट की पहली महिला जज बनीं।

5 अगस्त सन 2011 ईसवी को नासा के वैज्ञानिकों ने पहली बार मंगल ग्रह पर बहता हुआ पानी होने का दावा किया।

5 अगस्त वर्ष 1990 ईसवी को क़ाहिरा नगर में आयोजित इस्लामी कॉंफ़्रेनस संगटन के विदेश मंत्रियों के 19वें सम्मेलन में इस्लामी मानवधिकार धोषणापत्र पारित हुआ। इस दिन को इस्लामी मानवाधिकार एवं मानव प्रतिष्ठा दिवस का नाम दिया गया। इस घोषणा पत्र में एक प्रस्तावना और 25 अनुच्छेद हैं। 1948 में संयुक्त राष्ट्र संघ में विश्व मानवाधिकार घोषणापत्र पारित होने के पश्चात बहुत से देशों ने घोषणा की कि यह घोषणापत्र पश्चिम में व्याप्त उदारवाद तथा धर्मनिर्पेक्षता के आधार पर संकलित किया गया है। यह घोषणापत्र कुछ विषयों में इन देशों की सभ्यताओं से मेल नही खाता। विशेष रूप से इस्लामी देशों का मान्ना है कि इस्लाम धर्म में मनुष्य के अधिकार अधिक संपूर्णता एवं व्यापकता के साथ वर्णित किये गए हैं।

 

5 अगस्त सन 1960 ईसवी को अफ़्रीक़ी देश बोरकिनाफ़ासों ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। यह देश 19वीं शताब्दी के म्धय से फ़्रांस के अधीन था और उसका उपनिवेश रहा। 1958 में इस देश में लोकतंत्रिक व्यवस्था लागू की गयी जिससे उसे आंतरिक स्वाधीनता प्राप्त हुई किंतु फिर भी यह फ़्रांस के अधीन ही रहा। और दो वर्ष बाद बोरकिनाफ़ासो कोपूर्ण स्वतंत्रता मिली और यह देश संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बना।

5 अगस्त सन 1915 ईसवी को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वार्सा पर जर्मनी का अधिकार हो गया इससे पहले यह क्षेत्र रुस के अधिकार में था।

 

5 अगस्त सन 1962 ईसवी को नेल्सन मंडेला को, जो बाद में 1994 में दक्षिणी अफ़्रीक़ा के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने गिरफ़तार कर जेल में डाल दिया। उन पर लोगों को भड़काने और समाज में गड़बड़ी फैलाने का आरोप लगाया गया था। नेल्सन मंडेला ने भेदभाव के विरुद्ध कड़ा और सफल संघर्ष किया। वह 1990 तक जेल में रहे।

5 अगस्त सन 1963 ईसवी को रुस ब्रिटेन और अमरीका ने मॉस्को में परमाणु परीक्षण निषेध सन्धि की। अमरीका ने अपनी विस्तारवादी नीतियों को लागू करने के प्रयास में वियतनाम पर आक्रमण कर दिया था और दोनो देशों के बीच युद्ध छिड़ गया जिसमें अमरीका को पराज्य का सामना करना पड़ा।

 

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15 मुर्दाद सन 1356 हिजरी शम्सी को अमीर अब्बास हुवैदा 13 वर्ष तक ईरान का प्रधान मंत्री रहने के बाद इस पद से हटा। उसने अत्याचारी शासक शाह की दमनात्मकी नीतियों को लागू करने के लिए बहुत प्रयास किये। हुवैदा अमरीका का पिटठू और ईरान में अमरीकी हितों का संरक्षक था। किंतु वर्ष 1356 में जब अमरीका की इच्छा के अनुसार शाह ने स्वयं को सुधार और खुले राजनैतिक वातावरण का समर्थक दिखाना चाहा तो प्रधान मंत्री हुवैदा को उसके पद से हटा दिया। इसके डेढ़ वर्ष बाद इस्लामी क्रान्ति सफल हुई और हुवैदा पर इसलामी क्रान्ति न्यायालय में वर्षो तक म्रष्टाचार और जनता के दमन में लिप्त रहने के आरेप में मुक़ददमा चला जिसके बाद उसे मृत्युदंड दिया गया।

 

15  मुर्दाद सन 1366 हिजरी शम्सी को इराक़ द्वारा थोपे गये युद्ध के दौरान ईरान की वायु सेना के विमानचालक अब्बास बाबाई शहीद हुए। वे 1329 हिजरी शम्सी में ईरान के क़ज़वीन नगर में पैदा हुए। उन्होंने इराक़ के अतिक्रमण के विरुद्ध ईरानी वायु सेना की कार्रवाइयों में बढ़ चढ़ कर भाग लिया था।

 

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15 ज़िलहिज्जा सन 214 हिजरी क़मरी को पैग़म्बरे इस्लाम स के पौत्र इमाम अली नकी अ का मदीना नगर में जन्म हुआ। अपने पिता इमाम मोहम्मद तक़ी अ की शहादत के बाद इमाम नक़ी अ ने मानव समाज के मार्गदर्शन का महत्वपूर्ण ईश्वरीय दायित्व संभाला और मदीना नगर में जनता का मार्गदर्शन आरंभ कर दिया। उस समय अब्बासी शासकों का राज था। सरकार में भी बड़ी उहापोह मची हुई थी एक के बाद दूसरा शासक सत्ता संभाल रहा था। इन्हीं शासकों में मुतवक्किल नामक अत्यंत अत्याचारी शासक भी था। उसे इमाम अली नक़ी अ और उनके श्रद्धालुओं की ओर से सदा ख़तरे का आभास रहता। इसी कारण उसने इमाम अली नक़ी अ को मदीना नगर से इराक़ के सामर्रा नगर जाने पर विवश किया और उन पर कड़ी नजर रखी। उनके शिष्यों ने इस्लामी इतिहास में अपना स्थान बनाया। इन्हीं शिष्यों में एक हज़रत अब्दुल अज़ीम हसनी थे जो बाद में इस्लामी शिक्षाओं और संस्कृति के प्रचारक एवं संरक्षक बने।