Aug १०, २०१६ ०७:३६ Asia/Kolkata
  • सोमवार- 10 अगस्त

10 अगस्त सन 1500 ईसवी को पुर्तगाली समुद्री जहाज़ के कैप्टन डियागो डियाज़ मड गास्कर को देखने वाले पहले यूरोपीय बने।

  • 10 अगस्त सन 1809 को इक्वाडोर ने स्पेनिश साम्राज्य से स्वतंत्रता हासिल की।
  • 10 अगस्त सन 1821 को मिसौरी अमरीका का 24वां राज्य बना।
  • 10 अगस्त सन 1894 को भारत के चौथे राष्ट्रपति वी वी गिरि का जन्म हुआ।
  • 10 अगस्त 1961 ईसवी को अमरीका ने वियतनाम युद्ध में पहली बार एजेंट आरेंज नामक रासायनिक पदार्थ प्रयोग किया।
  • 10 अगस्त 1997 को हांग कांग से ब्रिटिश सैनिकों की आख़िरी खेप बाहर निकली और 156 साल के बाद यह द्वीप चीन को वापस मिल गया।
  • 10 अगस्त 2003 ईसवी को यूरी मैलेन्चेन्को अंतरिक्ष में विवाह करने वाले पहले व्यक्ति बन गए।

 

10 अगस्त सन 1920 ईसवी को प्रथम विश्व युद्ध में पराजित होने के बाद उसमानी शासन ने सीवरेस समझौते पर हस्ताक्षर किये। संयुक्त सेना और उसमानी साम्राज्य के बीच होने वाले इस समझौते के आधार पर उसमानी शासन को अपने 80 प्रतिशात भाग से हाथ धोना पड़ा।

 

दस अगस्त सन 1937 ईसवी को चीन के दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों तियांग तेसे और केन्टोन पर अधिकार के लिए चीन और जापान के मध्य दो वर्षीय युद्ध आरंभ हुआ हुआ। केन्टोन दक्षिणी चीन की एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है जापान ने इस बंदरगाह और चीन के दूसरे क्षेत्रों पर आक्रमण कर दिया था। चीन ने अपने क्षेत्रों की रक्षा के लिए दो वर्ष तक युद्ध किया किंतु भारी क्षति उठाने के बाद 25 अप्रैल सन 1939 ईसवी को चीनियों की पराजय हुई और केंटोन पर जापान का अधिकार हो गया। द्वितीय विश्व युद्ध के आरंभ होते ही जापान ने चीन के और भी कई क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया।

10 अगस्त सन 1945 ईसवी को द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की पराजय के बाद कोरिया का उत्तरी भाग रुस की लाल सेना के अधिकार में चला गया और कुछ दिनों बाद कोरिया का दक्षिणी भाग अमरीका के अधिकार में चला गया। इससे पहले तक इस क्षेत्र पर जापान का अधिकार था। कोरिया के उत्तरी भाग पर रुस और दक्षिणी भाग पर अमरीका का अधिकार इस प्रायद्वीप के विभाजन का कारण बना।

10 अगस्त सन 1966 ईसवी को अमरीका के अंतरिक्ष अधिकारियों ने केप केनेडी से अंतरिक्ष में रॉकेट उतारने की लिए उपयुक्त स्थान का चित्र लेने हेतु पहला अंतरिक्ष यान भेजा। जो 29 अक्तूबर को दुर्घटनाग्रस्त होकर तबाह हो गया।

 

10 अगस्त सन 2001 ईसवी को अंगोला के लुवांडा नगर के दक्षिण में एक यात्री रेल गाड़ी पर विद्रोहियों के आक्रमण में 252 लोग मारे गये। इस देश में लम्बे समय से जारी युद्ध के  दौरान यह सबसे रक्तरंजित और भयानक घटना थी।

 

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20 मुर्दाद सन 1372 हिजरी शम्सी को ईरान में मिनिस्चर पेनिटंग अर्थात लघु आकार के चित्रण के कलाकार अहमद रायज़ का निधन हुआ। उनकी पेंटिंग्स ने ब्रसेल्ज़ की अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी में दूसरा स्थान प्राप्त किया। वे लगभग 50 वर्ष तक इस कला की सेवा करते रहे। उन्होंने कई लोगों को इस कला में दक्ष किया। उनकी लगभग 145 पेंटिग्स सुरक्षित हैं। जिन्हें ईरान के विभिन्न सग्रहालयों में देखा जा सकता है।

 

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20 ज़िलहिज्ज 128 हिजरी क़मरी को पैग़म्बरे इस्लाम के परपौत्र हज़रत इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम का जन्म हुआ। उन्होंने 20 साल अपने पिता इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम की सेवा में बिताए और उनके ज्ञान के अथाह सागर से अत्यधिक मोती बटोरे। इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम ने अपने पिता की शहादत के बाद 35 साल जनता के मार्गदर्शन का ईश्वरीय दायित्व इमामत संभाला। उन्होंने इस मार्ग में बहुत सी कठिनाइयां सहन कीं। इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम के जीवन के आरंभिक साल उमवी शासन के पतन और अब्बासी शासन के सत्ता पर क़ब्ज़ा करने का दौर था। इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम 55 साल ज़िन्दा रहे और इस दौरान उन्होंने अब्बासी शासन के 5 शासकों का दौर देखा। इनमें से हर एक शासक विरोधियों को दबाने और पैग़म्बरे इस्लाम के पवित्र परिजनों के अनुयाइयों को कुचलने में किसी से पीछे न था। इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम ने अपने जीवन का बड़ा भाग लोगों के बीच इस्लामी शिक्षाओं के प्रसार और उनके प्रशिक्षिण में बिताए। लेकिन अब्बासी शासन ने इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम की ओर से ख़तरा महसूस करते हुए उन्हें जेल में डाल दिया ताकि लोग उनके ज्ञान व परिज्ञान से लाभान्वित न हो सकें और अंधकार में पड़े रहें। इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम अपने समय के सबसे विद्वान व दानी व्यक्ति थे। वे लोगों के बीच दानशीलता, उदारता और क्षमाशीलता के लिए मशहूर थे। इस अवसर पर आपकी सेवा में हार्दिक बधाई प्रस्तुत करते हैं और इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम का एक स्वर्ण कथन पेश करते हैं। आप फ़रमाते हैः ईश्वर की पहचान के बाद उसकी निकटता हासिल करने का सबसे अच्छा माध्यम नमाज़, मां बाप के साथ भलाई करना और ईर्ष्या व आत्ममुग्धता से दूरी है।

 

20 ज़िल्हिज्जा सन 1329 हिजरी क़मरी को ईरान के महान धर्मगुरू व संवैधानिक क्रांति के अग्रणी नेता आयतुल्लाह मुल्ला मुहम्मद काज़िम ख़ुरासानी का निधन हुआ। वे आख़ुन्द ख़ुरासानी के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनके भीतर अपार क्षमताएं निहित थीं। उन्होंने आरंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद धार्मिक शिक्षा केन्द्र में प्रेवश लिया और वहां समय के प्रसिद्ध धर्मगुरूओं और विद्वानों से ज्ञान प्राप्त किया । वे अपने समय के श्रेष्ठतम शिष्यों में से एक थे। वे बाद में उच्च शिक्षा की प्राप्ति के लिए इराक़ के पवित्र नगर नजफ़ चले गये और वहां उन्होंने शिक्षा में उच्च स्थान प्राप्त किया। उसूले फ़िक्ह में उनका अलग ही दृष्टिकोण था। उन्होंने उसूले फ़िक्ह में सबसे प्रसिद्ध पुस्तक किफ़ायतुल उसूल लिखी जो आज तक शीया धर्म के उसूले फ़िक्ह के मुख्य स्रोतों में से एक है। उन्होंने जब से यह पुस्तक लिखी तब से लेकर आज तक उनकी यह पुस्तक धार्मिक शिक्षा केन्द्रों में पढ़ाई जा रही है।