बुधवार- 12 अगस्त
12 अगस्त सन1765 ईसवी को इलाहाबाद संधि के तहत भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन की शुरुआत हुई।
12 अगस्त सन 1908 को हेनरी फोर्ड की कार कंपनी ने पहला कार मॉडल बनाया।
12 अगस्त सन 1919 को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई का अहमदाबाद में जन्म हुआ।
12 अगस्त सन 1949 ईसवी को योरोप में संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय जेनेवा में युद्ध बंदियों तथा घायलों के प्रति व्यवहार संबधी कन्वेन्शन पारित हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध में युद्ध बंदियों तथा घायलों के साथ अमानवीय व्यवहार के पश्चात यह कन्वेन्शन संकलित किया गया था। इस कन्वेनश के अंतर्गत किसी देश को लोगों की हत्या करने या उन्हें यातना देने का अधिकार नहीं है। युद्ध में घायलों का उपचार किया जाना चाहिए और बंदियों को अपने परिजनों से पत्र व्यवहार का अधिकार प्राप्त है परंतु इसके बावजूद अधिकांश देश इन कानूनों का पालन नहीं करते।
12 अगस्त सन 1886 ईसवी को हंग्री के संगीतकार फ़्रांस लिस्ट का निधन हुआ वे सन 1811 ईसवी में जन्में थे। उन्हें संगीत की कला में बहुत ख्याति प्राप्त हुई।
12 अगस्त सन 1976 ईसवी को लेबनान की राजधानी बैरुत के निकट इस देश के मारूनी छापामारों ने तल्ले ज़ातर नामक फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर का परिवेष्टन करने के बाद इसमें भयानक जनसंहार किया। इस शरणार्थी शिविर में हज़ारों फिलिस्तीनी जीवन व्सतीत करते थे। मारूनी छापामारों ने ज़ायोनी शासन की मदद से इस शिविर का प्रोत्साहन से इस शिविर का परिवेष्टन किया था। इस जनसंहार में तीन हज़ार फ़िलिस्तीनी मौत के घाट उतार दिए गये थे। इस भयानक जनसंहार पर, ज़ायोनी शासन और लेबनान में उसके समर्थकों की इस अमानवीय कार्रवाई का विश्व भर में विरोध किया गया था।
12 अगस्त सन 1955 ईसवी को जर्मनी के विख्यात उपन्यासकार थॉमस मैन का निधन हुआ उन्हें उनके द मैजिक माउन्टेन अर्थात जादुई पर्वत उपन्यास से बहुत ख्याति मिली।
12 अगस्त सन 1978 में चीन और जापान ने पेइचिंग में शांति एवं मित्रता के एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।
12 अगस्त सन 2002 ईसवी को रुस की परमाणु पनडुब्बी एक धमाके के बाद डूब गयी जिससे उसमें सवार सभी 118 लोग मारे गये।
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22 मुर्दाद सन 1357 हिजरी शम्सी को ईरान में शाह के अत्याचारी शासन के विरुद्ध ईरानी जनता के संघर्ष के अंतर्गत इस्फहान नगर में व्यापक रुप से विरोध प्रदर्शन हुए और जनता ने शाह की सरकार का तख्ता उलटने के प्रयास आरंभ कर दिए। इस्फहान नगर की जनता के संघर्ष व प्रदर्शन का महत्व इतना अधिक था कि शाही शासन ने भयभीत होकर वहॉ कर्फयू लगा दिया।
22 मुर्दाद सन 1332 हिजरी शम्सी को पहलवी शासन श्रृंखला के अंतिम शासक मोहम्मद रज़ा ने गुप्त रुप से तत्कालीन प्रधान मंत्री मोहम्मद मुसद्दिक़ को उनके पद से हटा दिया और मेजर जनरल ज़ाहेदी को प्रधान मंत्री पद पर बिठा दिया। यह क़दम अमरीका और ब्रिटेन के निर्देश से उठाया गया था क्योंकि मोहम्मद मुसद्दिक़ की सरकार ने जनता का समर्थन से तेल उद्योग का राष्ट्रीयकरण कर दिया था। शाह अपने इस ग़लत क़दम पर जनता की संभावित प्रतिक्रिया के
दृष्टिगत पहले इराक़ और फिर इटली चला गया किंतु 6 दिन बाद अमरीका और ब्रिटेन ने ईरान में विद्रोह करवा कर मुसद्दिक़ की सरकार को गिरा दिया और शाह दोबारा स्वदेश लौटा। इस प्रकार शाह के अत्याचार का क्रम फिर से शुरु हो गया। ब्रिटेन और अमरीका ने भी ईरान के तेल स्रोतों को लूटना आरंभ कर दिया।
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22 ज़िलहिज्जा सन 60 हिजरी क़मरी को पैग़म्बरे इस्लाम के सहाबी हज़रत मीसम तम्मार को शहीद कर दिया गया। वे एक दास थे जिन्हें हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने ख़रीदकर स्वतंत्र कर दिया था। हज़रत अली अलैहिस्सलाम उन्हें बहुत चाहते और उनका बड़ा सम्मान करते थे। मीसम तम्मार भी हज़रत अली अलैहिस्सलाम के निष्ठावान श्रद्धालु थे। उन्हें पैग़म्बरे इस्लाम तथा उनके परिजनों से गहरी श्रद्धा के कारण ही बड़ी बर्बरता से शहीद कर दिया गया।
22 ज़िलहिज्जा सन 481 हिजरी क़मरी को विख्यात धर्मगुरू व महान आत्म ज्ञानी ख़्वाजा अब्दुल्लाह अंसारी का निधन हो गया। वे वर्तमान अफ़ग़ानिस्तान के हेरात नगर में जन्मे थे जो उस समय ईरान का भाग था। उन्होंने अपने काल में प्रचलित सभी ज्ञान अर्जित किए और इस्लामी ज्ञान में विशेष दक्षता प्राप्त की। उन्होंने नीशापुर की कई यात्राएं कीं जो उस समय ज्ञान का महत्वपूर्ण केन्द्र समझा जाता था। ख़्वाजा अब्दुल्लाह अंसारी ने पूरी आयु गहन शिक्षा दीक्षा और आत्ममंथन में व्यतीत की। उनकी कई महत्वपूर्ण पुस्तके हैं। कश्फ़ुल असरार, व इद्दतुल अबरार, मुनाजात नामे, अलअरबईन और मनाज़िलुस्साएरीन उनकी महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं।