गुरुवार- 13 अगस्त
13 अगस्त सन 1951 ईसवी को भारत में निर्मित पहले विमान हिंदुस्तान ट्रेनर 2 ने पहली उड़ान भरी।
13 अगस्त सन 1977 ईसवी को अंतरिक्ष शटल के पहले ग्लाइड का परीक्षण किया गया।
13 अगस्त सन 1983 ईसवी को तीन हज़ार तमिल नागरिकों की मौत के बाद श्रीलंका में गृह युद्ध शुरू हो गया?
13 अगस्त सन 1598 ईसवी को फ़्रांस के शासक हेनरी चतुर्थ ने नान्त का प्रख्यात आदेश जारी किया। इस आदेश के आधार पर प्रोटेस्टेन्ट ईसाईयों को पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता दी गयी। इसी कारण इसे फ़्रांस के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक आदेशों में से एक माना जाता है। 1685 ईसवी में चौदहवें लुई ने इस आदेश को निरस्त कर दिया।
13 अगस्त सन 1899 ईसवी को प्रख्यात फिल्म निर्माता अल्फ़्रेड हिचकॉक का जन्म हुआ। उनकी पहली फिल्म 1920 ईसवी में प्रदर्शित हुई। बाद में उन्होंने फिल्मों का निर्देशन आरंभ किया। चूँकि अधिकांश फिल्में आपराधिक मामलों पर आधारित और अत्यंत भयावह होती थीं इस लिए उन्हे भय उत्पन्न करने का विशेषज्ञ कहा जाता था। सन 1980 में उनका निधन हुआ।
13 अगस्त सन 1960 ईसवी को केंद्रीय अफ़्रीक़ा नामक देश फ़्रांस के कब्ज़े से स्वतंत्र हुआ। पहले इसका नाम आबांकीशारी था। 19वीं शताब्दी में फ़्रांस ने अफ़्रीक़ा के अन्य देशों के साथ इस पर भी कब्ज़ा करके इसे अपना उपनिवेश बना लिया। 1958 में इसे आंतरिक स्वाधीनता मिली और 1960 में यह देश पूर्ण रुप से स्वतंत्र हो गया।
13 अगस्त सन 1994 ईसवी को अमरीका के साथ एक समझौते के आधार पर उत्तर कोरिया ने अपना परमाणु संयंत्र बंद कर दिया। यह कदम महाविनाशक हथियारों के निर्माण में काम आने वाले प्लूटोनियम के उत्पादन को कम करने के लिए उठाया गया था। अमरीका ने इस समझौते के आधार पर उत्तरी कोरिया को उसकी उर्जा आवश्यकता की पूर्ति का वचन दिया था किंतु उत्तर कोरिया का दावा है कि अमरीका ने यह वचन पूरा नहीं किया।
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23 मुर्दाद सन 1357 हिजरी शम्सी को ईरान में शाह की अत्याचारी सरकार के तत्वों ने हूज्जतुल इस्लाम सैयद अली अंदर्ज़गू को शहीद कर दिया। शहीद अंदर्ज़गू ने 19 वर्ष की आयु से शाह की अत्याचारी सरकार के विरूद्ध संघर्श आरंभ किया था और विख्यात संघर्षकर्ता नव्वाब सफ़वी से परिचित हुए। और इस्लामी गठजोड़ संस्था के औपचारिक सदस्य बन गये।
शाह ने उनकी अनुपस्थिति में ही उनके मृत्युदंड का आदेश जारी किया था जिसके बाद अंदर्ज़गू ने शाह के विरुद्ध अपना गुप्त संघर्ष आरंभ किया जो 13 वर्ष तक जारी रहा। यहॉ तक कि आज के दिन शाह के एजेन्टों ने तेहरान में एक झड़प के दौरान उन्हें शहीद कर दिया।
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23 ज़िलहिज्जा सन 1359 हिजरी क़मरी को प्रख्यात मुस्लिम धर्मगुरू शैख़ अब्बास क़ुम्मी का निधन हुआ। वे वर्ष 1294 हिजरी क़मरी में ईरान के पवित्र नगर क़ुम में जन्मे। शैख़ अब्बास क़ुम्मी ने पहले तो क़ुम नगर में और फिर इराक़ के पवित्र नगर नजफ़ जाकर गहन प्रयास किए और धार्मिक ज्ञान अर्जित किए। कुछ समय बाद वे स्वदेश लौट आए और फिर अपना समय शिक्षा दीक्षा व लेखन में व्यतीत किया। उन्होंने विभिन्न विषयों पर बड़ी मूल्यवान पुस्तकें लिखी हैं। मफ़ातीहुल जेनान उनकी प्रख्यात पुस्तक है। इसके अलावा मुन्तहल आमाल, सफ़ीनतुल बेहार और अलफ़वाएदुर्रज़वीया उनकी महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं।