Aug २०, २०१६ १०:५१ Asia/Kolkata
  • भारत के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी
    भारत के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी

20 अगस्त 1944 को भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी का जन्म हुआ।

  • 20 अगस्त सन 1597 ईसवी को पूर्वी एशिया से डच ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला जहाज वापस आया।
  • 20 अगस्त 1911 को पहली बार टेलीग्राम भेजा गया। 
  • 20 अगस्त 1977 को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने वॉयज़र-टू यान अंतरिक्ष में भेजा।
  • 20 अगस्त सन 1961 ईसवी को पूर्वी जर्मनी ने पूर्वी पश्चिमी बरलिन के बीच की सीमा पर दीवार बनाना आरंभ किया।
  • 20 अगस्त सन 1995 ईसवी को भारत के फिरोज़ाबाद क्षेत्र में दो रेल गाड़ियों के बीच होने वाली ज़ोरदार टक्कर में कम से कम 350 लोग मारे गये।

20 अगस्त सन 1914 ईसवी को बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्ज़ पर जर्मनी ने नियंत्रण कर लिया। प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी की सेना द्वारा अतिग्रहित की जाने वाली यह पहली राजधानी थी। बेल्जियम द्वारा प्रथम विश्व युद्ध में अपनी निष्पक्षता की घोषणा के बावजूद जरमन सेना ने 4 अगस्त सन 1914 ईसवी को बेल्जियम पर आक्रमण किया और 20 अगस्त को राजधानी ब्रसेल्ज़ पर नियंत्रण कर लिया।

 

20 अगस्त सन 1998 ईसवी को अमरीका ने दसियों मीज़ाइलों द्वारा अफ़ग़ानिस्तान व सूडान पर आक्रमण किया। वाशिंग्टन का दावा था कि इस आक्रमण से दो सप्ताह पूर्व कीनिया और तन्ज़ानिया में जिन लोगों ने अमरीकी दूतावासों में विस्फोट किया था वे सूडान तथा अफ़ग़ानिस्तान की सरकारों से संपर्क रखते थे। इसके अतिरिक्त अमरीकी सेना ने सूडान में दवा बनाने की एक फैक्टरी पर भी आक्रमण किया और वाशिंगटन ने इसका यह कारण बताया कि उस फैक्टरी में रासानियक पदार्थ तैयार किये जाते हैं। अमरीका का यह दावा कभी भी प्रमाणित नहीं हो सका। वास्तव में इस आक्रमण का कारण अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के नैतिक भ्रष्टाचार को लेकर उठे हंगामे की ओर से जनमत का ध्यान हटाना था।

 

20 अगस्त सन 1944 ईसवी को फ़्रांस के प्रख्यात लेखक व साहित्यकार रोमन रोलेन का निधन हुआ। उनका जन्म 1866 ईसवी में हुआ था। उनका प्रख्यात उपन्यास जॉन क्रिसटोफर है। उन्होंने इसी प्रकार बेथोवेन माइकल एंजेलो तथा टॉल्सटाए सहित संसार के कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों की जीवनी भी लिखी है।

 

20 अगस्त वर्ष 1944 को भारत के नवें प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी का जन्म हुआ। वे भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरागांधी के पुत्र और भारत के पहले प्रधानमंत्री श्री जहावर लाल नेहरू के नाती थे। वर्ष 1984 में सिख अंगरक्षकों द्वारा इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके पुत्र राजीव गांधी भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने थे। उसके बाद 1989 के आम चुनावों में कांग्रेस की हार हुई और पार्टी दो वर्ष तक विपक्ष में रही। 21 मई वर्ष 1991 को एक आम चुनाव में प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदुर में एक आत्मघाती आक्रमण में उनकी मौत हो गयी। राजीव का विवाह वर्ष 1968 में एन्टोनिया मैनो से हुआ जो उस समय इटली की नागरिक थीं । विवाहोपरान्त उनकी पत्नी ने नाम बदलकर सोनिया गांधी रख लिया। उनके दो बच्चे हैं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी। राजीव गांधी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी और वो एक एयरलाइन पाइलट की नौकरी करते थे। आपातकाल के उपरान्त जब इन्दिरा गांधी को सत्ता छोड़नी पड़ी थी, तब कुछ समय के लिए राजीव परिवार के साथ विदेश में रहने चले गए थे। परंतु 1980 में अपने छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई जहाज़ दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद माता इन्दिरा को सहयोग देने के लिए सन् 1982 में राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश लिया। वे अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद बने और 31 अक्टूबर 1984 को सिख अंगरक्षकों द्वारा प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की हत्या किए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री बने और अगले आम चुनावों में सबसे अधिक बहुमत पाकर प्रधानमंत्री बने रहे। उनके प्रधानमंत्रि काल में भारतीय सेना द्वारा बोफ़ोर्स तोप की ख़रीदारी के लिए घूस का मुद्दा उछला जिसका मुख्य पात्र इटली का एक नागरिक ओटावियो क्वालोची था, जो सोनिया गांधी का मित्र था। अगले चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह पराजित हुई और राजीव गांधी को प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा।

 

20 अग्सत सन 1968 ईसवी को वारसॉ सैनिक संधि में शामिल देशों की सेनाएं पूर्व सोवियत संघ की लाल सेना के नेतृत्व में चेकोस्लोवाकिया की राजधानी प्राग में प्रविष्ट हुईं और एक बार फिर इस देश में कम्युनिस्ट तानाशाही स्थापित हो गयी। सोवियत संघ के विघटन के पश्चात इस देश में तानाशाही समाप्त हुयी और यह देश चेक एवं स्लोवाकी नामक दो देशों में विभाजित हो गया।

 

***

30 मुर्दाद सन 893 हिजरी शम्सी को ईरान और उस्मानी शासन के बीच बहुत बड़ा युद्ध आरंभ हुआ। यह युद्ध चलदरान के नाम से जाना जाता है जो  ईरान के पश्चिमोत्तरी क्षेत्र ख़ूय और तबरेज़ के बीच में चलदरान नामक मैदान में हुआ था। इसमें एक ओर ईरान के शासक शाह इस्माईल सफ़वी की सेनाएं और दूसरी ओर सुल्तान सलीम उस्मानी की सेनाएं थीं। इस युद्ध में उस्मानी सेना ने अपने आधुनिक हथियारों के सहारे ईरान की सेना को सामयिक रूप से पराजित कर दिया।