Dec २६, २०१५ १२:४० Asia/Kolkata

वर्ष 2015 ईरान और विश्व की 6 बड़ी शक्तियों के साथ परमाणु वार्ता की समाप्ति की महत्वपूर्ण ख़बरों में से एक थी।

वर्ष 2015 ईरान और विश्व की 6 बड़ी शक्तियों के साथ परमाणु वार्ता की समाप्ति की महत्वपूर्ण ख़बरों में से एक थी। यह वार्ता 24 नवंबर 2013 में होने वाली सहमति के परिप्रेक्ष्य में हुई और उसके लगभग दो वर्ष के पश्चात काफी उतार- चढ़ाव के बाद 14 जुलाई वर्ष 2015 को वियना में समाप्त हो गयी। गुट पांच धन एक के मध्य होने वाली वार्ता स्पष्ट परिणाम पर पहुंच गयी और वियना में जो परमाणु समझौता हुआ उसका नाम संयुक्त समग्र परमाणु कार्यक्रम रखा गया। जारी वर्ष के 15 दिसंबर को परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी IAEA के निदेशक मंडल ने एक प्रस्ताव पारित करके ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम में संभावित सैन्य आयाम PMD की फाइल को समाप्त घोषित कर दिया। इसी प्रकार इस प्रस्ताव में पिछली समस्त समस्याओं के समाधान की भी घोषणा की गयी। इस प्रस्ताव को निदेशक मंडल के समस्त सदस्य देशों की सहमति से पारित किया गया। इस प्रस्ताव के पारित होने से समग्र परमाणु कार्यक्रम का क्रियान्वयन आरंभ हो गया ताकि ईरान पर लागू अन्यायपूर्ण प्रतिबंधों को समाप्त किया जा सके। PMD ईरान पर दबाव डालने का बहुत बड़ा बहाना था।

 

 

परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी के निदेशक मंडल ने 8 मार्च वर्ष 2006 को ईरान के परमाणु कार्यक्रम की फाइल को सुरक्षा परिषद में भेज दिया और उसके बाद ईरान के विरुद्ध 6 अन्यायपूर्ण प्रस्ताव पारित किये गये। सुरक्षा परिषद ने ईरान के विरुद्ध जो प्रस्ताव पारित किये हैं उनमें ईरान के यूरेनियम अधिवृद्धि के कार्यक्रम को विश्व की शांति व सुरक्षा के लिए ख़तरा बताया था परंतु अब सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव पारित करके ईरान की समस्त परमाणु गतिविधियों को वैध कार्यक्रम के रूप में स्वीकार कर लिया है। इस प्रस्ताव के बावजूद जारी वर्ष के अंतिम दिनों में परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी के महानिदेशक यूकिया अमानो ने अपनी अंतिम रिपोर्ट को निदेशक मंडल में कुछ भ्रांतियों के साथ पेश किया। अमानो के कथनानुसार “यह रिपोर्ट न पूरी तरह सफेद थी न काली” अमानो ने अपनी अंतिम रिपोर्ट ग्रे दी ताकि PMD की समाप्ति के बारे में मतदान से पहले निदेशक मंडल के 35 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से कहें कि उनकी जांच अतीत में ईरान की परमाणु गतिविधियों के संबंध में समस्त बातों को स्पष्ट नहीं कर सकी।

 

 

परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी के महानिदेशक के रूप में यूकिया अमानो ने पिछले समस्त वर्षों में ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों के बारे में दो आयामी रिपोर्ट पेश करके उस दावे की पुनरावृत्ति का प्रयास किया जिसे सही सिद्ध करने के लिए आज तक कोई प्रमाण पेश नहीं किया जा सका और यह दावे केवल ईरान पर राजनीतिक दबाव डालने के लक्ष्य से किये जाते थे। बहरहाल ईरान और परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी के मध्य रोड मैप लागू होने के परिप्रेक्ष्य में PMD की फाइल को बंद कर दिया गया। इस प्रकार निदेशक मंडल ने एक प्रस्ताव पारित करके इस मंडल में अतीत में ईरान के विरुद्ध पारित होने वाले समस्त प्रस्तावों को निरस्त घोषित कर दिया और एजेन्सी में ईरान का परमाणु कार्यक्रम नये चरण में प्रविष्ठ हो गया और अब एजेन्सी की ज़िम्मेदारी उसकी पहले की ज़िम्मेदारी से भिन्न हो गयी है। ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों के बारे में जो दावे किये जाते थे एजेन्सी पहले उनके बारे में जांच -पड़ताल करती थी पर अब वह समग्र परमाणु कार्यक्रम के क्रियान्वयन की निगरानी करेगी। परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी के निदेशक मंडल के हालिया प्रस्ताव ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के बारे में भ्रांतियों के वातावरण को समाप्त कर दिया और PMD इतिहास का भाग बन गया। इस प्रकार ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के विरुद्ध किये जाने वाले समस्त निराधार दावे सदैव के लिए समाप्त हो गये। समग्र परमाणु कार्यक्रम सामूहिक प्रयास का परिणाम है जो ईरान के परमाणु मामले के समाधान की दिशा में अंजाम दिया गया और वह ईरान के परमाणु अधिकारों को मान्यता दिये जाने का कारण बना।

 

 

अतीत पर दृष्टि इस बात की सूचक है कि अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों ने 12 साल से अधिक समय तक ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को ख़तरा दर्शाने का यथासंभव प्रयास किया। अमेरिका ने यह दावा सबसे पहले परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी में किया और उसके बाद एजेन्सी के महानिदेशक की फर्जी रिपोर्ट को आधार बनाकर इस मामले को वह सुरक्षा परिषद में ले गया।

अमरीका ने गुट पांच धन एक ने निराधार दावों को आधार बनाकर और राजनीतिक कार्यवाही के अंतर्गत सुरक्षा परिषद में ईरान के विरुद्ध अन्यायपूर्ण प्रतिबंध पारित करवाये।

 

 

ज्ञात रहे कि जर्मनी के अलावा सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य देश गुट पांच धन एक के सदस्य हैं। वास्तव में वियना वार्ता से पहले अमेरिका की इच्छा प्रतिबंधों और धमकी के माध्यम से ईरान के संपूर्ण कार्यक्रम को बंद कराने पर आधारित थी। परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी IAEA भी ईरान की परमाणु गतिविधियों को ग़ैर शांतिपूर्ण या सैन्य बताकर इन प्रयासों को मज़बूती प्रदान करती थी।

ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों के बारे में होने वाले समझौते से शत्रुतों के समस्त प्रयासों पर पानी फिर गया और सुरक्षा परिषद से इस मामले के निकल जाने से ईरान के विरुद्ध धमकियां प्रभावहीन हो गयीं हैं। इस समझौते ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु समझौते के विरुद्ध जायोनी शासन के दुष्प्रचार का भी अंत कर दिया। यहां तक कि ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतेनयाहू कई बार अमेरिका गये और उन्होंने संयुक्त राष्ट्रसंघ की महासभा में शत्रुतापूर्ण प्रतिक्रिया दिखाकर इस समझौते में रुकावट बनने के प्रयास किये।

संयुक्त परमाणु कार्यक्रम कुछ कमियों के बावजूद जटिल परिस्थिति, दबाव और ईरान के विरुद्ध शत्रतुतापूर्ण कार्यवाहियों के दृष्टिगत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के अनुसार ईरान का परमाणु मामला सुरक्षा परिषद से निकल गया और साथ ही उसने यूरेनियम अधिवृद्धि के अपने कानूनी अधिकार को प्राप्त कर लिया जबकि सुरक्षा परिषद के कुछ सदस्य देश उसके मुखर विरोधी थे। यह उपलब्धि एक बड़ी राजनीतिक सफलता है और ईरान की परमाणु गतिविधियों के शांतिपूर्ण होने पर निदेशक मंडल के प्रस्ताव ने इस सफलता पर अपनी मुहर लगा दी। अब समग्र परमाणु कार्यक्रम के अनुसार इस्लामी गणतंत्र ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है और उसे संपूर्ण ईंधन चक्र और यूरेनियम अधिवृद्धि का अधिकार है और ईरान में जो परमाणु संयंत्र निर्माणाधीन हैं वे बाक़ी रहेंगे। अलबत्ता विश्वास बहाली के रूप में ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम के संबंध कुछ सीमाओं को स्वीकार किया है।

 

 

इस आधार पर परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी के निदेशक मंडल ने PMD को समाप्त घोषित करके ईरान से अन्यायपूर्ण प्रतिबंधों की समाप्ति की दिशा में महत्वपूर्ण क़दम उठाया है। सेन्ट्रीफ्यूज मशीनों की संख्या और इसी प्रकार संवर्द्धित यूरेनियम के भंडार को कम करने और अराक के परमाणु संयंत्र के मुख्य पार्ट को निकाल देना वे कार्य हैं जिन्हें ईरान, परमाणु समझौते को क्रियान्वित करने की भूमिका के रूप में अंजाम देगा। परमाणु समझौते के आधार पर ईरान में संवर्द्धित यूरेनियम को स्नांतरित करने, बेचने और 10 टन संवर्द्धित यूरेनियम के बदले में लगभग 140 टन यूरेनियम ईरान को देने का कार्य अंजाम दे दिया गया। अराक के परमाणु संयंत्र की फिर से डिज़ाइन्ग भी समग्र परमाणु कार्यक्रम अनुसार है परंतु इस बात में कोई संदेह नहीं है कि उसके विस्तृत राजनीतिक एवं आर्थिक परिणाम हैं। इसके आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव को वियना में होने वाले समझौते के बाद तेहरान आने वाले यूरोपीय और एशियाई अधिकारियों तथा प्रतिनिधिमंडलों की यात्रा के रूप में देखा जा सकता है।

 

 

इस समय ईरान को अतीत की तुलना में भिन्न दृष्टि से देखा जा रहा है। इस परिवर्तन का विशेष अर्थ है जो ईरान की इस्लामी व्यवस्था के आगे बढ़ने का सूचक है। साथ ही इस बात को नहीं भूलना चाहिये कि ईरानी राष्ट्र से शत्रुता समाप्त नहीं हुई है और समग्र परमाणु कार्यक्रम के बारे में ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने बल देकर कहा है कि जो समझौता हुआ है उसमें कुछ अस्पष्ट और कमज़ोर बिन्दु हैं उन्होंने कहा कि सही व सूक्ष्म तरीक़े से निगरानी न करने की स्थिति में धीरे 2 वर्तमान और भविष्य में ईरान को भारी क्षति पहुंचा सकती है। इस संबंध में ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और ईरानी संसद ने कुछ बिन्दुओं को पेश किया है जिनके पालन पर सरकार बाध्य है।

ईरान की इस्लामी के वरिष्ठ नेता ने आगामी परमाणु योजना के संबंध में बल देकर कहा कि अधिकारियों व ज़िम्मेदारों को चाहिये कि वे संसद में पारित प्रस्ताव के अनुसार कार्य करें। इस संबंध में मध्यकालीन परमाणु ऊर्जा उद्योग में विस्तार व विकास के लिए कार्यवाही की और उच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में उसकी समीक्षा की जानी चाहिये।

 

 

ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था का इस संदर्भ में दायित्व है कि वह विभिन्न क्षेत्रों में विकास व विस्तार के लिए इस प्रकार कार्यक्रम बनाये कि आठ वर्ष के समय की समाप्ति में समग्र परमाणु कार्यक्रम में यूरेनियम संवर्द्धन करने की जो बात कही गयी है उसमें कमी न हो।

 

 

ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने संसद में समग्र परमाणु कार्यक्रम की समीक्षा के बाद राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी और ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख के नाम पत्र में इन बातों की याद दिलाई और स्पष्ट किया कि हर स्तर पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध लगाना और किसी भी वार्ताकार देश की ओर से आतंकवाद तथा मानवाधिकार जैसे किसी भी फर्ज़ी दावे की पुनरावृत्ति को परमाणु समझौते का उल्लंघन समझा जायेगा और ईरानी सरकार संसद में पारित होने वाले प्रस्ताव के तीसरे अनुच्छेद के अनुसार समग्र परमाणु कार्यक्रम का पालन रोक दे। राजनीतिक टिकाकार के अनुसार ईरान और गुट पांच धन एक के मध्य होने वाले समझौते के विभिन्न परिणाम हैं। इस समझौते का महत्वपूर्ण प्रभाव व परिणाम परमाणु हथियार अप्रसार संधि एनपीटी की मज़बूती और ईरान, IAEA तथा परमाणु तकनीक से संपन्न देशों के मध्य इस उद्योग में सहकारिता में वृद्धि है। विश्व की बड़ी शक्तियों की ओर से ईरान के परमाणु अधिकारों को स्वीकार कर लेने से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरान का स्थान भी अधिक हो गया है और अवैध ढंग से थोपी गयी बहुत से समस्याओं से भी ईरान को छुटकारा मिल गया है और वह अंतरराष्ट्रीय समीकरणों विशेषकर क्षेत्रीय संकटों के समाधान में निर्णायक भूमिका निभा रहा है।

फ़ेसबुक पर हमें लाइक करें, क्लिक करें