गुरुवार - 15 अक्तूबर
1542, सबसे लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध मुग़ल सम्राट अकबरे आज़म या अकबर द ग्रेट का जन्म हुआ।
15 अक्तूबर सन 1542 ईसवी को विख्यात मुग़ल बादशाह, सम्राट अकबर का जन्म हुआ। उनका पूरा नाम अबुल फ़त्ह जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर था। पिता हुमायूं के निधन के बाद अकबर तेरह वर्ष की आयु में ही सिंहासन पर बैठे और पांच वर्षों तक बैरम खां की देखभाल में शासन करते रहे। सम्राट अकबर ने शासन संभालने लेने के बाद सीमा का विस्तार आरंभ किया और, बंगाल, कश्मीर, सिंध, पंजाब, अहमदनगर और क़ंधार के क्षेत्रों को जीत लिया। उन्होंने दकन को भी पुर्तगालियों के नियंत्रण से छुड़ाया। अकबर ने भारत को बहुत अच्छा शासन दिया और उनका शासनकाल भारत के लिए विकास और उन्नति का काल समझा जाता है। वर्ष 1605 में उनका निधन हो गया।
15 अक्तूबर सन 1806 ईसवी को प्रास और फ्रांस की सेनाओं के मध्य लड़ाई आरंभ हुई। इससे एक दिन पहले नेपोलियन ने छह दिवसीय युद्ध में प्रॉस की सेना को पराजित किया था इस दूसरी लड़ाई में भी फ्रांस की ही विजय हुई और नेपोलियन की सेनाएं प्रॉस में प्रविष्ट हुयीं।
15 अक्तूबर सन 1894 ईसवी को अलफ़्रेड ड्राइफ़स पर पेरिस में मुक़द्दमा आरंभ हुआ। वह यहूदी मूल का फ्रांसीसी अफ़सर था जिस पर चलाया जाने वाला मुक़द्दमा 19वीं शताब्दी में फ्रांस की बहुचर्चित घटना बन गया। उसे गद्दारी और फ्रांस के रहस्य जर्मनी को देने के मामले में अपदस्थ करके आजीवन करावास दे दिया गया किंतु कुछ ही समय बाद वह निर्दोष सिद्ध हो गया। यह मामला ज़ायोनियों के लिए एक बहाना बन गया जिसके सहारे उन्होंने यह दर्शाने का प्रयास किया कि यहूदियों पर बड़ा अत्याचार हो रहा है।
15 अक्तूबर वर्ष 1931 को अब्दुल कलाम का जन्म हुआ वे भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति थे। उनका पूरा नाम अबुल फ़ाख़िर ज़ैनुल आबेदीन था और वे अब्दुल कलाम के नाम से प्रसिद्ध थे। वे भारत के राष्ट्रपति, बहुचर्चित वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में विख्यात हैं। पाँच वर्ष की अवस्था में रामेश्वरम के पंचायत प्राथमिक स्कूल में उन्होंने पढ़ना आरंभ किया ।अब्दुल कलाम ने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार वितरित करने का कार्य भी किया था। कलाम ने 1958 में मद्रास इस्टीट्यूट आफ़ टेक्नालजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। स्नातक होने के बाद उन्होंने हावर क्राफ़्ट परियोजना पर काम करने के लिये भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश लिया। वर्ष 1962 में वे भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में आये जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई। परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया जिससे जुलाई 1980 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था। इस प्रकार भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया। इसरो लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को परवान चढ़ाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। बाद में डॉक्टर अब्दुल कलाम भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए । उन्हें भारतीय जनता पार्टी समर्थित एन॰डी॰ए॰ घटक दलों ने अपना उम्मीदवार बनाया था जिसका वामदलों के अतिरिक्त समस्त दलों ने समर्थन किया। 18 जुलाई, 2002 को डॉक्टर कलाम को नब्बे प्रतिशत बहुमत द्वारा 'भारत का राष्ट्रपति' चुना गया था और इन्हें 25 जुलाई 2002 को संसद भवन में राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई। उन्हें भारत सरकार द्वारा 1981 में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण, वर्ष 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
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27 सफर सन 1315 हिजरी क़मरी में प्रसिद्ध धर्मगुरु, अबुलमआली कलबासी इस्फहानी का निधन हो गया। मुहम्मद बिन हाज मुहम्मद इब्राहीम कलबासी , चौथी सदी हिजरी में शिया मुसलमानों के बहुत वरिष्ठ धर्मगुरु थे। ज्ञान के क्षेत्र में उनका बहुत अधिक महत्व है और उन्होंनें बहुत सी किताबें लिखी हैं। उनकी किताबों में, किफाया और दिमशक़िया की व्याख्या, जैसी रचनाओं का उल्लेख किया जा सकता है। उन्होंने इसी प्रकार पैगम्बरे इस्लाम के कथनों का संकलन करने वालों के बारे में अलग से एक किताब लिखी है।