Oct २२, २०१६ १३:१५ Asia/Kolkata
  • शनिवार- 24 अक्तूबर

24 अकतूबर सन 1605 ईसवी को मुगल शासक जहाँगीर ने आगरा में गद्दी संभाली।

24 अक्तूबर सन 1648 ईसवी को प्रॉस-ऑस्ट्रिया स्वीडन और फ़्रांस के मध्य वेस्टफ़ाली समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।इस प्रकार प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक ईसाइयों की रक्तरंजित लड़ाइयों पर विराम लग गया। स्वीडन और फ़्रांस ने प्रॉस के प्रोटेस्टेंट ईसाइयों की सहायता से इस देश के विरुद्ध युद्ध आरंभ किया। समझौते के पश्चात स्वीडन ने प्रॉस के प्रोटेस्टेंट ईसाइयों पर इस देश की सरकार की प्रभुसत्ता को औपचारिकता दी और फ़्रांस ने भी युद्ध का हर्जाना लेकर तथा प्रॉस के पश्चिमी भाग हड़प कर संधि करने पर सहमति की। वेस्टफ़ाली संधि का प्रमुख परिणाम गिरजाघर का नियंत्रण पॉप के हाथ से निकल जाने तथा योरोप में पोप के प्रभाव में कमी के रुप में सामने आया।

 

 

24 अक्तूबर सन 1795 ईसवी को पोलैंड के विभाजन की योजना का पूर्ण रुप से क्रियान्वयन हुआ इस प्रकार पोलैंड का रुस ऑस्ट्रिया और प्रॉस के मध्य विभाजन हो गया और विश्व के भौगोलिक मानचित्र से पोलैंड का नाम मिट गया। बीस वर्षों के बाद प्रॉस की संसद ने पोलैंड के विभाजित भाग को देश से अलग एक भाग के रुप में औपचारिकता दी किंतु फिर भी पोलैंड की जनता ने संघर्ष जारी रखा। दूसरी ओर प्रथम विश्व युद्ध के बाद योरोप की अस्थिर राजनैतिक स्थिति के कारण पोलैंड को अपना अस्तित्व पुन: दर्ज कराने का अवसर मिल गया। यह देश योरोपीय महाद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित है।

 

24 अक्तूबर सन 1945 ईसवी को संयुक्त राष्ट्र संघ ने सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रुप में लीग ऑफ़ नेशन्ज़ नामक अंतर्राष्ट्रीय संस्था का स्थान लिया जो प्रथम व द्वितीप विश्व युद्धों के मध्य सक्रिय थी। द्वितीय विश्व युद्ध में संयुक्त देशों अमरीका, सोवियत संघ, ब्रिटेन और फ़्रांस के प्रतिनिधियों ने भेंटवार्ता करके राष्ट्र संघ की स्थापना की भूमिका तैयार की। अंतत: अमरीका के सैन फ़्रैनिस्सको नगर में 50 देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में एक सम्मेलन में राष्ट्र संघ की स्थापना का प्रस्ताव तथा उसका घोषणा पत्र पारित किया गया। इस संस्था का मुख्यालय अमरीका के न्यूयार्क नगर में है। राष्ट्र संघ के महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद के प्रसताव को महसभा द्वारा पारित किए जाने के पश्चात होती है। संयुक्त राष्ट्र संघ के गठन का मुख्य उद्देश्य जैसा कि इसके घोषणा पत्र में उल्लेखित है अंतर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा की देखभाल, राष्ट्रों के मध्य मैत्रीपूर्ण संबंधों को विकसित करना, सामाजिक आर्थिक व सांस्कृतिक समास्याओं के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का मार्ग प्रशस्त करना। इसी प्रकार मानवाधिकार तथा मूल स्वतंत्रता के सम्मान के लिए लोगों को प्रेरित करना है। बहुत से अवसरों पर राष्ट्र संघ ने सफलताएं भी अर्जित की हैं किंतु अमरीका, रुस, फ़्रांस, ब्रिटेन और चीन को सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार प्राप्त होने के कारण, राष्ट्र संघ का यह अत्यंत महत्वपूर्ण विभाग वीटो अधिकार के स्वामी देशों के अधीन होकर रह गया है इस भेदभाव के कारण संयुक्त राष्ट्र संघ की उपयोगिता प्रभावित हुई है जिस पर बहुत से देशों ने आपत्ति भी जताई है।

 

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3 आबान सन 1371 हिजरी शमसी को ईरान के विख्यात शायर अबुल क़ासिम हालत का निधन हुआ। उन्होंने 16 वर्ष की आयु से शायरी आरंभ की।

उनकी शायरी में व्यंग्य का बड़ा सुंदर प्रयोग होता था।

उनहें फार्सी, अरबी, अंग्रेज़ी और फ़्रेंच भाषाओं का पूर्ण ज्ञान था।

फ़ोरोग़े बीनिश, शिकूफ़ेहाए ख़ेरद अबुल क़ासिम हालत की प्रसिद्ध रचनाएं हैं।

 

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7 रबीउल औवल सन 342 हिजरी क़मरी को इराक़ के दक्षिणी नगर में विख्यात शायर लेखक और धर्मगुरु अली बिन मोहम्मद तनूख़ी का 64 वर्ष की आयु में निधन हुआ। उनका जन्म वर्तमान तुर्की के अंताकिया क्षेत्र में हुआ था। वे युवाकाल में ही इराक़ के बग़दाद नगर गये और वहीं रहने लगे। साहित्य में वे अपने काल के विख्यात ज्ञानियों में गिने जाते थे। वे बाद में बसरा के न्यायाधीश नियुक्त कर दिए गये जिसके बाद वे वहीं जाकर रहने लगे।

वे एक कुशल वक्ता भी थे। उन्होंने सहित्य से संबंधित कई मूल्यवान पुस्तके लिखीं। अल अरूज़ उनकी मशहूर किताब है।

 

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