Nov ०६, २०१७ ०२:०० Asia/Kolkata
  • साइमान बोलिवर
    साइमान बोलिवर

6 नवंबर वर्ष 1860 को अब्राहम लिंकन अमेरिका के सोलहवें राष्ट्रपति चुने गए।

6 नवम्बर सन 1813 ईसवी को दक्षिणी अमरीका के विख्यात स्वतंत्रता संग्रामी साइमान बोलिवर ने अपने देश वेनेज़ोएला की स्पेन के वर्चस्व से स्वतंत्रता के लिए पहली लड़ाई को विजय में परिवर्तित किया। उन्होंने अपने देश को स्पेन से स्वतंत्र करा लिया और  फिर दक्षिणी अमरीका के दूसरे देशों की स्पेन से स्वतंत्रता के लिए अपनी शकित का प्रयोग किया।

****

6 नवम्बर सन 1860 ईसवी को अमरीका के दास प्रथा विरोधी वकील अब्राहम लिंकन राष्ट्रपति बने। उनके राष्ट्रपति काल में अमरीका में पृथकतावादी युद्ध आरंभ हो गए जिसमें दास प्रथा के समर्थकों को पराजय का मुंह देखना पड़ा। राष्ट्रपति बनने से पहले अब्राहम लिंकन ने औपचारिक रुप से दास प्रथा के विरुद्ध संघर्ष आरंभ कर दिया था। 1865 में दास प्रथा के एक समर्थक ने उनकी हत्या कर दी।

अब्राहम लिंकन का जन्म १२ फरवरी वर्ष १८०९ को हुआ था और १५ अप्रैल १८६५ में उनका देहान्त हो गया। वह अमेरिका के सोलहवें राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १८६१ से १८६५ तक था। उनका संबंध रिपब्लिकन पार्टी से था। उन्होने अमेरिका को उसके सबसे बड़े संकट गृहयुद्ध से मुक्ति दिलाई। अमेरिका में दास प्रथा के अंत का श्रेय लिंकन को ही जाता है।

अब्राहम लिंकन का जन्म एक ग़रीब अश्वेत परिवार में हुआ था। वे प्रथम रिपब्लिकन थे जो अमेरिका के राष्ट्रपति बने। उसके पहले वे एक वकील, इलिअन्स स्टेट के विधायक (लेजिस्लेटर), अमेरिका के हाउस ऑफ् रिप्रेस्न्टेटिव्स के सदस्य थे। वे दो बार सीनेट के चुनाव में असफल भी हुए।

अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से पहले अब्राहम लिंकन ने बीस साल तक वकालत की। लेकिन उनकी वकालत से उन्हें और उनके मुवक्किलों को जितना संतोष और मानसिक शांति मिली वह धन-दौलत बनाने के आगे कुछ भी नहीं है। उनके वकालत के दिनों के सैंकड़ों सच्चे किस्से उनकी ईमानदारी और सज्जनता की गवाही देते हैं।

6 नवम्बर सन 1937 ईसवी को बेनीटो मुसोलिनी के नेतृत्व में इटली, जर्मनी और जापान के द्विपक्षीय समझौते से जुड़ गया इटली के इस क़दम के बाद बर्लिन, टोकियो, रोम राजनैतिक व सैनिक केंद्र अस्तित्व में आया। उल्लेखनीय है कि जापान और जर्मनी ने इसी वर्ष यह समझौता किया था जिसके आधार पर जापान एशिया में जर्मनी का घटक बना था।

 

6 नवम्बर सन 1960 ईसवी को जर्मनी के विख्यात नाविक एरियश रीडर का 84 वर्ष की आयु में निधन हुआ। वे सन 1876 ईसवी में जन्मे थे। रीडर द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी की नौसेना के कमांडर थे। इसी कारण युद्ध की समाप्ति के बाद नोरेन्बर्ग में उन्हें आजीवन कारवास का दंड सुनाया गया किंतु बाद में बुढ़ापे के कारण उन्हे क्षमा कर दिया गया।

 

***

 

16 आबान सन 1357 हिजरी शम्सी को जनरल अज़हारी की सैनिक सरकार के सत्ता में आने के विरोध में पूरे ईरान में प्रदर्शन हुए जिसके दौरान ईरान की साहसी जनता ने घोषणा की थी कि दिखावे के परिवर्तन तथा मोहरों के स्थान बदलने से शाह की सरकार और अमरीका इस्लामी क्रान्ति को रोक नहीं सकते इसी दिन इस्लामी क्रान्ति के संस्थापक  इमाम ख़ुमैनी ने भी तेरह आबान को शाह के सुरक्षाकर्मियों के हाथों छात्रों के जनसंहार के संबंध में जनता के लिए संदेश जारी किया इसके एक भाग में इमाम ख़ुमैनी ने कहा था कि साहसी ईरानी राष्ट्र ने सिद्ध कर दिया कि टैंक, और मशीन गनें इस राष्ट्र की इच्छाशक्ति का मुक़ाबला नहीं कर सकती।

 

***

20 रबीउल औवल सन 450 हिजरी क़मरी को बग़दाद में विख्यात सहित्यकार और धर्मगुरु अबू तैयब तबरी का निधन हुआ। वे सन 348 हिजरी क़मरी में ईरान के उत्तरी नगर आमुल में जन्मे थे और शिक्षा प्राप्ति के लिए उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों की यात्रा की। अंतत:वे बग़दाद में जाकर रहने लगे और शिक्षा दीक्षा एवं अध्ययन में लीन हो गये। कुछ ही समय में वे अपने काल के वरिष्ठ धर्मगुरुओं में गिने जाने लगे। वह बग़दाद के न्यायाधीश भी थे और अंतिम आयु तक वे इस पद पर बने रहे। उन्हें साहित्य और शायरी से भी गहरा लगाव था और उन्होंने बहुत से शेर भी लिखे।

 

टैग्स