Nov ०८, २०१७ ०२:०० Asia/Kolkata
  • जॉन मिल्टन
    जॉन मिल्टन

8 नवंबर वर्ष 1999 को राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर ने एक दिवसीय क्रिकेट मैच में 331 रन की साझेदारी कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया।

8 नवम्बर सन 1674 ईसवी को इंग्लैंड के प्रख्यात लेखक जॉन मिल्टन का निधन हुआ। वे सन 1608 ईसवी में लंदन नगर में जन्मे। उनकी पहली रचना दुखी आत्मा, प्रफुल्लित आत्मा के नाम से प्रकाशित हुई। इस अंग्रेज़ कवि की अन्य रचनाओं में खोया स्वर्ग का नाम लिया जा सकता है। मिल्टन अपने समय की प्रशासनिक व्यवस्था के विरोधी थे और उनका मानना था कि चर्च को देश के प्रशासनिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। मिल्टन का कहना था कि सरकार चर्च से अलग हो, धर्म की आजादी हो और सरकार को यह अधिकार रहे कि जब जिस चीज़ पर चाहे सेंसर लगा दे।

 

8 नवम्बर सन 1895 ईसवी को जर्मनी के भौतिक शास्त्री विल्हेम रॉंगटन ने एक्सरे का पता लगाया। उन्हें वर्ष 1901 ईसवी में इसी सफलता के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। रॉंग्टन चूंकि इस नई किरण का नाम नहीं जानते थे अतः उन्होंने इसे एक्सरे अर्थात अज्ञात किरण कहा और बाद में इस किरण का यही नाम पड़ गया। यह किरण मानव शरीर की ऊपरी परतों से गुज़रते हुए भीतरी अंगों को प्रदर्शित करने में सक्षम है। इस किरण से आंतरिक अंगों को पहुंची हानि का पता चल जाता है।

 

8 नवम्बर सन 1900 ईसवी को अमरीकी लेखिका मारग्रेट मिशल का जॉर्जिया राज्य के एटलांटा क्षेत्र में जन्म हुआ। उनके पिता वकील थे। श्रीमती मिशेल ने कुछ समय चिकित्सा विज्ञान की शिक्षा प्राप्त की किंतु उनकी माता के निधन से उन्हें गहरा दुख हुआ और उन्होंने अपनी शिक्षा अधूरी छोड़ दी तथा 22 वर्ष की आयु से लेखन आरंभ कर दिया। उन्होंने कुछ समय तक पत्रकारिता भी की किंतु उनके उपन्यास के प्रकाशित होते ही उन्हें ख्याति मिलने लगी और फिर उन्होंने अपना ध्यान उपन्यास लिखने पर लगा दिया। 1949 में एक सड़क दुर्घटना में उनका निधन हुआ।

 

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22 रबीउल अव्वल सन चार हिजरी क़मरी को वर्तमान सउदी अरब के मदीना नगर के निकट स्थित बनी नुज़ैर नामक यहूदी क़बीले की ओर से पैग़म्बरे इस्लाम की हत्या के षडयंत्र का पता चल जाने के बाद मुसलमानों ने इस क़बीले से युद्ध आरंभ कर दिया। बनी नुज़ैर उन तीन क़बीलों में से एक था जो मदीना नगर के निकट बसे हुए थे। उनके साथ पैग़म्बरे इस्लाम का समझौता हो गया था कि वे पैग़म्बरे इस्लाम और मुसलमानों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करेंगे। बनी नुज़ैर ने जब इस समझौते और अपने वचन का उल्लंघन किया तो पैग़म्बरे इस्लाम ने उनसे कहा कि वह मदीना नगर से दूर हट जाएं किंतु मदीना नगर में मुसलमानों के बीच रहने वाले विश्वासघातियों से समर्थन के आश्वासन के आधार पर बनी नुज़ैर ने यह बात मानने से इंकार कर दिया जिसके बाद पैग़म्बरे इस्लाम ने मुसलमानों के साथ बनी नुज़ैर के दुर्गों का घेराव कर लिया ताकि वह विवश होकर अपने स्थान से हट जाएं इसके बाद भी यहूदियों ने मुसलमानों के विरुद्ध षडयंत्र जारी रखा।