गुरुवार- 26 नवम्बर
26 नवम्बर सन 1921 ईसवी को देश के श्वेत क्रांति के जनक माने-जाने वाले वर्गीज कुरियन का जन्म में हुआ था।
26 नवम्बर सन 1477 ईसवी को इटली के विख्यात नाविक सेबैस्टियन कैबो का फलोरंस नगर में जन्म हुआ। उनके पिता जॉन, मंझे हुए नाविक थे। सिबैसिटयन ने अपने पिता के साथ रहकर समुद्र यात्रा के गुण और रहस्य सीखे। वे अपने पिता की अधिकाश यात्राओं में उनके साथ रहे। सन 1555 में उनका निधन हुआ।
26 नवम्बर सन 1855 ईसवी को एडम मिसकिए विच नामक पोलैंड के कवि व लेखक का उसमानी शासन की राजधानी इस्तांबूल में निधन हुआ। वे सन 1798 ईसवी में जन्मे थे और अपने पिता की भॉति एक स्वतंत्रता प्रेमी संघर्षकर्ता थे। मिसकिए विच ने उस समय जीवन बिताया जब पोलैंड रूस ऑस्ट्रिया और प्रॉस के बीच बंटा हुआ था। उन्होंने अपने देश को पुन: एक करने के लिए प्रयास किए। इसी कारण सन 1823 में उनहें देश निकाला देकर रुस भेज दिया गया किंतु 6 वर्ष बाद वे इस देश से भाग निकले और फ़्रांस जाकर साहित्य की शिक्षा देने लगे फिर वे इस्तांबूल चले गये तथा एक सैनिक इकाई तैयार करके रूस से लड़ने की तैयारी में जुट गये किंतु इसी नगर में उनका निधन हो गया।
26 नवम्बर सन 1894 ईसवी को जर्मनी के गणितज्ञ व भौतिकशास्त्री हेनरी रोडल्क हर्टज़ का 37 वर्ष की आयु में निधन हुआ। वे सन 1857 ईसवी में हैमबर्ग मे जन्में थे। उन्हें युवाकाल से ही भौतिकशास्त्र और मैकेनिकल कामों से लगाव था। इस लिए उन्होंने इसी क्षेत्र में अपनी शिक्षा आगे बढ़ाई। उन्होंने विद्युताकर्षण की लहरों का पता लगाकर भौतिक शास्त्र और गणित के क्षेत्र में अनेक नये अविषकारों और खोजों की नींव डाली। यह लहरें इस समय हर्टज़ के नाम से जानी जाती हैं।
26 नवम्बर वर्ष 2008 को भारत के अत्यंत महत्वपूर्ण नगर मुंबई पर आतंकवादियों ने आक्रमण कर दिया। तीन दिनों तक आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच घमसान की झड़पें होती रहीं। आतंकवादियों ने मुंबई के दो बड़े होटलों, एक रेलवे स्टेशन और एक अस्पताल पर आक्रमण किए तथा बड़ी संख्या में लोगों को बंधक बना लिया जिनमें कई विदेशी नागरिक भी थे। इन आक्रमणों में लगभग 2 सौ लोग मारे गए। इसी प्रकार पुलिस की जवाबी कार्यवाही में एक आतंकवादी अजमल क़स्साब को छोड़ कर सभी आक्रमणकारी मारे गए। भारत का कहना है कि आतंकवादियों ने इस आक्रमण के लिए पाकिस्तान में प्रशिक्षण प्राप्त किया था। मुंबई की आतंकवादी घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध बहुत अधिक तनावग्रस्त हो गए और दोनों देश युद्ध के मुहाने तक पहुंच गए थे। पाकिस्तान ने भारत के आरोप को रद्द करते हुए कहा कि वह इस आतंकवादी आक्रमण के वास्तविक दोषियों को दंडित करने के लिए भारत के साथ सहयोग करने को तैयार है।
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6 आज़र सन 1322 हिजरी शम्सी को ईरान की राजधानी तेहरान में ऐसे समय में ब्रिटेन पूर्व सोवियत संघ और अमरीका के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक हुई कि ईरान इन तीनों देशों के अतिग्रहण में चला गया था। यह बैठक द्वितीय विश्व युद्ध में अमरीका के भाग लेने और जर्मनी के मुक़ाबले में नया मोर्चे बन जाने के बाद हुई। अमरीकी राष्ट्रपति रोज़वेल्ट, ब्रिटिश प्रधान मंत्री चरचिल और सोवियत संघ के नेता स्टालिन ने जर्मनी की सेना का मुक़ाबला करने और इसके लिए आपसी सहयोग के मार्गों की समीक्षा की। चार दिन तक चली इस बैठक के समापन पर तीनों देशों ने संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया जिसमें उक्त मार्गों की ओर संकेत किया गया था।
द्वितीय विश्व युद्ध के समापन के बाद तीनों देशों की संयुक्त सेना ईरान से निकल गयी।
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10 रबीउस्सानी सन 201 हिजरी क़मरी को पैग़म्बरे इस्लाम (स) के पौत्र हज़रत मूसा बिन जाफ़र की सुपुत्री हज़रत फ़ातेमा मासूमा का स्वर्गवास हुआ। वे सन 173 हिजरी क़मरी में मदीना नगर में जन्मी थीं। वे कुशल वक्ता और दक्ष प्रशिक्षिका थीं। उन्होंने अपने भाई इमाम रज़ा अ के मदीना नगर से ईरान के ख़ुरासान क्षेत्र की यात्रा करने के एक वर्ष बाद उनसे मिलने के लिए मदीना से यात्रा आरंभ की। रास्ते में पवित्र नगर क़ुम में वे रूकीं। मार्ग में बीमारी या कुछ इतिहासकारों के कथनानूसार शत्रुओं द्वारा विष दे दिए जाने के कारण वे क़ुम में ही 17 दिनों तक ठहरीं अंतत : इसी नगर में उनका निधन हो गया। पवित्र नगर क़ुम में उनका भव्य मज़ार आज भी रात- दिन श्रद्वालुओं से भरा रहता है।