बुधवार- 2 दिसम्बर
2 दिसम्बर सन 2002 ईसवी को टोयोटा कम्पनी ने कैलीफ़ोर्निया में अपनी पहली हाईड्रोजन फ़्यूल सेल गाड़ी उतारी।
2 दिसम्बर सन 1969 ईसवी को बोइंग 474 जैम्बो जेट ने पहली उड़ान भरी।
2 दिसम्बर सन 1961 ईसवी को क्यूबा के नेता फ़ीडल कास्त्रो ने ख़ुद को मार्क्सवादी घोषित करते हुए कम्युनिज़्म को देश की नई राजनैतिक व्यवस्था घोषित कर दिया।
दो दिसम्बर सन 1954 ईसवी को दक्षिण पूर्वी ऐशिया में स्थित देश लाओस को स्वतंत्रता मिली। वर्ष 1954 में ही जेनेवा में विश्व की बड़ी शकतियों और क्षेत्रीय देशों की भागीदारी से एक सम्मेलन हुआ। जिसमें उस देश की स्वाधीनता को स्वीकृति मिली। यह देश वर्ष 1892 से औपचारिक रुप से फ़्रांस के अधीन हो गया। वर्ष 1949 में चीन और भारत के स्वतंत्रता आंदोलनों को देखते हुए फ़्रांस ने लाओस को सीमित स्वायत्तता दे दी किंतु वियतनाम की जनता के फ़्रांस विरोधी आंदोलन के साथ ही वर्ष 1950 में लाओस में भी ऐसा ही आंदोलन आरंभ हो गया जिसका चीन और वियतनाम ने समर्थन किया। यह अशांति 1954 में देश को स्वाधीनता मिल जाने के बाद भी जारी रही यहां तक कि 1975 में कम्युनिस्टों ने इस देश का शासन संभाला।
2 दिसम्बर सन 1956 ईसवी को क्यूबा के नेता फीडल कास्त्रो ने अपने देश को मुक्ति दिलाने के लिए आंदोलन आरंभ किया। कास्त्रो ने बैटिस्टा की पिट्ठू सरकार के विरुद्ध अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर सशस्त्र संघर्ष आरंभ किया। बौटिस्टा के सैनिकों ने इस आंदोलन को निर्दयता से कुचल दिया तथा कास्त्रो को गिरफ़तार करके जेल में डाल दिया गया। कुछ समय बाद कास्त्रो को निर्वासित कर दिया गया। कास्त्रो ने एक बार फिर नए सिरे से समर्थक जुटाए तथा देश के पहाड़ी क्षेत्रों में पुन: संघर्ष आरंभ कर दिया अंतत: 1958 में कास्त्रो ने सैनिक ठिकानों और राजधानी तथा अन्य नगरों के महत्वपूर्ण केन्द्रों पर अधिकार कर लेने का आदेश जारी किया जिसके परिणाम स्वरुप क्रान्तिकारियों ने देश के महत्वपूर्ण केन्द्रों को अपने नियंत्रण में कर लिया। बैटिस्टा, क्युबा में अमरीकी सैनिक छावनी में शरण लेने पर विवश हुए और फिर इस देश से भाग निकले। 1959 में कास्त्रो ने देश के प्रधान मंत्री का पद संभाला और दिसम्बर 1976 में वे इस देश के राष्ट्रपति बन गए।
2 दिस्म्बर सन 1971 ईसवी को संयुक्त अरब इमारात, ब्रिटेन के अधिकार से स्वतंत्र हुआ और आज का दिन इस देश का राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया। उल्लेखनीय है कि फ़ार्स की खाड़ी के दक्षिणी देश सन 1920 तक ब्रिटेन के अधीन थे और इन देशो के शासक ब्रिटेन के दूतों के निरीक्षण में अपने अपने क्षेत्रों का संचालन करते थे। ब्रिटेन ने इस क्षेत्र में अनेक सैनिक छावनियां बना लीं किंतु दूसरे विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन कमज़ोर हो गया और फ़ार्स की खाड़ी उसके नियंत्रण से बाहर निकलने लगी। ब्रिटेन ने 1969 में संयुक्त अरब इमारात उच्च परिषद गठित की जिसमें 9 क्षेत्रों के शासक सम्मिलित थे। पहले तो बहरैन और क़तर के शासक भी वार्ताओं में शामिल थे किंतु बाद में वह इस संघ से निकल गए। इस समय सात क्षेत्र अबू ज़हबी, दुबई, शार्जा, रासुल ख़ैमा, अजमान फ़ुजैरा और उम्मुल क़ोवौन इस परिषद में शामिल हैं।
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12 आज़र सन 1358 हिजरी शम्सी को इस्लामी गणतंत्र ईरान का संविधान जनता के मतदान के बाद बहुमत से पारित हो गया। ईरान का संविधान जिसने इस देश की शासन व्यवस्था को शिक्षा, इस्लामी मूल्यों सामाजिक न्याय और मानवाधिकार के सम्मान से प्रेरित बताया है 12 धाराओं और 175 अनुच्छेदों पर आधारित है। उल्लेखनीय है कि बाद में संविधान के पूरक भी इसमें जोड़े गये इस पूरक के साथ अब संविधान में 14 धाराएं और 177 अनुच्छेद हैं।
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16 रबीउस्सानी सन 465 हिजरी क़मरी को ईरान के विख्यात धर्मगुरु शैख़ अबुल क़ासिम अब्दुल करीम बिन हवाज़िन क़ुशेरी का पूर्वोत्तरी नगर नैशापुर में निधन हुआ। वे ज़ैनुल इस्लाम और शैख़ुल इस्लाम के नाम से अधिक प्रसिद्ध थे।
फ़िक़ह कलाम, हदीस आदि इस्लामी विषयों में उन्हें व्यापक ज्ञान था। उन्होंने बहुत से लोगों का शिक्षण और प्रशिक्षण किया। इसी प्रकार उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं हैं जिनमें रेसालए कुशैरिया का नाम लिया जा सकता है।