शुक्रवार- 4 दिसम्बर
4 दिसम्बर सन 1131 ईसवी को विश्व विख्यात कवि, खगोल शास्त्री व गणितज्ञ उमर ख़य्याम का निधन हुआ।
4 दिसम्बर सन 1748 ईसवी को फ़्रांस के रसायन शास्त्री बर्टले का जन्म हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद रसायन शास्त्र के क्षेत्र में शोध कार्य आरंभ किया। उन्होंने बहुत से प्रयोगों के बाद क्लोरीन में पाईजने वाली दुर्गंध दूर करने की विशेषता का पता लगाया। बर्टले ने इसी प्रकार विभिन्न प्रकार के नमकों के बारे में शोध कार्य किया। सन 1822 में उनका निधन हुआ।
4 दिसम्बर सन 1899 ईसवी को पहली बार टॉयफ़ॉइड का टीका मनुष्य को इस बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए प्रयोग किया गया। पहले फ़्रांस के दो वैज्ञानिकों ने इस टीके की खोज की। बाद में ब्रिटेन के चिकित्सक हॉकिन ने इसे प्रयोग के चरण तक पहुँचाया। अंतत: राइट नामक एक चिकित्सक ने इसके सार्वजनिक प्रयोग का मार्ग प्रशस्त किया।
4 दिसम्बर सन 1952 ईसवी को दक्षिणी अमरीका में ऐटलांटिक महासागर में स्थित बरमूदा द्वीप के बारे में अमरीका, ब्रिटेन और फ़्रांस की तीन पक्षीय कॉन्फ़ेन्स आरंभ हुई। इन तीनों देशों ने अपने आपसी संबंधों की समीक्षा करने के साथ ही पूर्व सोवियत संघ की नीतियों का मुक़ाबला करने हेतु आपसी सहकारिता और समन्वय के संबंध में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए। यह कॉन्फ़्रेन्स बरलिन में हुई थी। उस समय बरलिन का पश्चिमी भाग अमरीका, ब्रिटेन और फ़्रांस के अधिकार में था, जबकि पूर्वी बरलिन पर पूर्व सोवियत संघ का अधिकार था। बरलिन नगर के संचालन को लेकर बढ़ने वाले मतभेदों के कारण वर्ष 1961 में बरलिन दीवार बना दी गयी जिससे यह शहर दो भागों में विभाजित हो गया।
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14 आज़र सन 1214 हिजरी शम्सी को ईरान में क़ाजार शासन के काल के रानीतिज्ञ मिर्ज़ा अबुल कासिम कायम मक़ाम फ़राहानी की हत्या कर दी गयी। वे एक अचछे लेखक भी थे। वे कुछ समय तक ईरान के महामंत्री रहे जिसके दौरान देश में कई सुधार कार्यक्रम आरंभ हुए। किंतु साम्राज्यवादियों और आंतरिक शत्रुओं ने अपने अवैध हितों को ख़तरे में पड़ता देख उनकी हत्या की भूमिका तैयार की। इस राजनीतिज्ञ ने कई पुस्तके लिखीं हैं। जिनमें जलायर नामा आदि का नाम लिया जा सकता है।
14 आज़र सन 1345 हिजरी शम्सी को ईरान के समाजसेवी जब्बार बाग़चेबान का निधन हुआ। वे 1261 हिजरी शम्सी में पैदा हुए थे। वर्ष 1302 में उन्होंने बाग़े अतफाल के नाम से एक पाठशाला खोली जिसमें बहरे बच्चों को शिक्षा दी जाती थी इसके अतिरिक्त उन्होंने बच्चों की शिक्षा के लिए कुछ नयी पद्धतियों की खोज की जो आज भी ईरान में प्रचलित हैं।
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18 रबीउस्सानी सन 602 हिजरी क़मरी को इस्लामी जगत के विख्यात धर्मगुरु मोहक़्क़िक़ हिल्ली का इराक़ के हिल्ला नगर में जन्म हुआ। उन्हें इस्लामी विषयों के साथ ही साहित्य और शायरी का भी व्यापक ज्ञान था। उनकी सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक शराएउल इस्लाम फ़ी मसाएलिल हलाल व लहराम है। इसी प्रकार नाफ़े, मआरिज, तन्बीह आदि भी उनकी प्रसिद्ध पुस्तकों में हैं।
सन 676 हिजरी क़मरी में मोहक़्क़िक़ हिल्ली का निधन हुआ। उस समय वे 74 वर्ष के थे।