Nov २९, २०१६ १२:४६ Asia/Kolkata
  • शनिवार - 5 दिसम्बर

5 दिसम्बर सन 1898 ईसवी को उर्दू के महान कवि और भाषा विशेषज्ञ जोश मलीहाबादी का जन्म हुआ।

5 दिसम्बर 1901 ईसवी को मिक्की माउस कार्टून के जनक और प्रोड्यूसर वाल्ट डिज़्नी का जन्म हुआ।

5 दिसम्बर सन 1958 ईसवी को विख्यात कूटनयिक और लेखक पितरुस बुख़ारी का न्यूयार्क में निधन हुआ।

 

5 दिसम्बर सन 1230 ईसवी को जर्मनी के रसायन शास्त्री और दार्शनिक अलबर्ट महान का निधन हुआ। 13 वी शताब्दी ईसवी में विख्यात रसायनशास्त्री के रुप में अलबर्ट ने आर्सेनिक द्वारा तांबे को सफेद करने में सफलता प्राप्त की। बाद में इस वैज्ञानिक प्रक्रिया पर और भी काम हुआ तथा इसमें बड़ी प्रगति भी हुई।

 

5 दिसम्बर सन 1573 ईसवी को ब्रिटेन के विख्यात कवि और ड्रामा लेखक जॉन्सन का जन्म हुआ। उन्होंने बहुत दिनों तक ड्रामों में अभिनय भी किया। उनका विख्यात ब्रिटिश लेखक शेक्सपियर से मैत्रीपूर्ण संबंध था जिससे उनके साहित्य ज्ञान पर अच्छा प्रभाव पड़ा। सन 1637 ईसवी में जॉन्सन का निधन हुआ।

 

5 दिसमबर सन 1812 ईसवी को नेपोलियन बोनापार्ट रुस में भारी पराजय और नुक़सान का सामना करने के बाद फ़्रास लौटे। योरोप में भारी सफलताओं के बाद उन्होंने 1812 के जून महीने में विशाल देश रुस पर व्यापक आक्रमण आरंभ किया। 6 महीने तक जारी रहने वाली इस सैनिक चढ़ाई में नेपोलियन ने मास्को पर अधिकार कर लिया किंतु नेपोलियन के सैनिक रुस की तेज़ ठंड और रुसी सैनिकों के कड़े आक्रमणों का सामना न कर सके। और नेपोलियन के साढ़े तीन लाख सैनिकों में केवल 30 हज़ार सैनिक जीवित फ़्रांस लौटने में सफल हुए। नेपोलियन की अंतिम लड़ाई वाटरलू युद्ध थी जिसके बाद उनका पतन हो गया और वे देश छोड़ने पर विवश हो गये।

 

5 दिस्म्बर सन 1820 ईसवी को फ़्रांस के कवि लो कैंट डूलेल का जन्म हुआ। उन्होंने कुछ समय भारत और ऑस्ट्रेलिया में बिताया और फिर फ़्रांस लौटकर विख्यात फ़्रांसीसी लेखक विक्टर होगो के निधन के बाद इस देश की आकादमी में उनका स्थान संभाल लिया।

सन 1894 ईसवी में उनका निधन हुआ।

 

5 दिसंबर 2013 को दक्षिण अफ़्रीक़ा के पूर्व राष्ट्रपति व नस्लभेद के ख़िलाफ़ संघर्ष के नायक नेल्सन मंडेला का 95 साल की उम्र में देहान्त हुआ। उनका जन्म 1918 में हुआ था। उन्होंने अपनी आधी से ज़्यादा ज़िन्दगी नस्लभेद से संघर्ष में बितायी। दक्षिण अफ़्रीक़ा के दिवंगत नेता ने लगभग 27 साल जेल में बिताए यहां तक कि 90 के दशक में रिहा हुए। दक्षिण अफ़्रीक़ी जनता ने 1994 में बहुमत से मंडेला को पहला अश्वेत राष्ट्रपति चुना। मंडेला ने राष्ट्रपति बनने के बाद नस्लभेदी शासन के अधिकारियों यहां तक कि जेल के अधिकारियों के साथ भी अचछा व्यवहार अपनाया। उनके इस शिष्टाचार ने उन्हें दुनिया में अमर कर दिया और वर्ष 1993 में उन्हें शांति का नोबल पुरस्कार दिया गया। यूं तो उन्होंने अनेक किताबें व लेख लिखे हैं किन्तु उनकी जीवनी पर आधारित किताब बहुत प्रसिदध है जिसका नाम है आज़ादी के लिए लंबा सफ़र।

नेल्सन मंडेला

 

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15 आज़र सन 1369 हिजरी शम्सी को ईरान में शास्त्रीय संगीत के उस्ताद मनूचेहर जहान्बेगलू का 62 वर्ष की आयु में निधन हुआ। वे 1307 हिजरी शम्सी में पैदा हुए थे। उन्होंने ईरान में संगीत की शिक्षा लेने के बाद इस विषय की उच्चस्तरीय शिक्षा के लिए ऑस्ट्रिया की यात्रा की। जहॉ उन्हें पी एच डी की डिगरी मिली। ईरान लौट कर उन्होंने संगीत की शिक्षा देना आरंभ किया।

 

15 आज़र, वर्ष 1376 हिजरी शम्सी को ईरान के निर्देशक और पटकथा लेखक अली हातमी का निधन हुआ। उन्होंने नाट्य कला विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्ति के बाद टीवी में काम करना शुरू कर दिया और पटकथा लिखने लगे। अली हातमी की सभी फ़िल्में उनकी ईरानी सभ्यता में रूची को दर्शाती हैं। सत्तार ख़ान, सूते दिलान, कमालुल मुल्क, मादर फ़िल्में और हज़ार दस्तान एवं सुल्तान साहिबक़रान धारावाहिक हातमी की उल्लेखनीय रचनाएं हैं। हातमी जहानपहलवान तख़ती धारावाहिक का निर्माण कर रहे थे लेकिन गंभीर बीमारी ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और वे 15 आज़र वर्ष 1375 को चल बसे। 

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19 रबीउस्सानी सन 403 हिजरी क़मरी को विख्यात मुस्लिम धर्मगुरु विद्वान और इतिहासकार अली बिन ख़लफ़ क़ीरवानी क़ाबुसी का निधन हुआ। वे टयूनेशिया के क़ीरवान नामक क्षेत्र के रहने वाले थे। उनका जन्म सन 324 हिजरी क़मरी में हुआ। उन्होंने बहुत कम समय में ज्ञान प्राप्त किया। जवानी में वे नेत्रहीन हो गये किंतु उनकी स्मरण शक्ति इतनी तेज़ हो गयी कि वे पैग़म्बरे इस्लाम के कथनों और इस्लामी इतिहास को याद रखने के लिए लिखने पढ़ने पर विवश नहीं होते थे। उनकी पुस्तकों में अल मोमहहिद का नाम लिया जा सकता है।

19 रबीउस्सानी सन 663 हिजरी क़मरी को ईरान के विख्यात खगोल शास्त्री, दार्शनिक और गणितज्ञ असीरुद्दीन अबहरी का निधन हुआ। उन्होंने इमाम फ़ख़्रे राज़ी और कमालुद्दीन इब्ने युनुस जैसे विद्वानों से ज्ञान प्राप्त किया। अबहरी ने अपनी आयु का अधिकांश भाग शिक्षा-दीक्षा और लेखन में बिताया। उन्होंने तर्कशास्त्र, गणित और खगोल शास्त्र के विषयों में पुस्तकें लिखी हैं।

इनमें इसलाहे उसूल अक़लीदस और हिदायतुल हिकमह का नाम लिया जा सकता है।

 

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