Dec ०५, २०१६ १०:३८ Asia/Kolkata
  • रविवार - 6 दिसम्बर

6 दिस्म्बर सन 1917 ईसवी को फिनलैंड को रुस के अधिकार से स्वतंत्रता मिली।

रुस का पड़ोस फिनलैंड के अधिकारियों के लिए सदैव चिंता का कारण रहा, इस प्रकार से कि 12वीं ईसवी शताब्दी में इन अधिकारियों ने स्वीडेन से रुस के मुक़ाबले में सहायता मांगी किंतु स्वेडन ने फिनलैंड का अतिग्रहण कर लिया। सन 1721 में रुस ने फिनलैंड के कुछ भाग पर अधिकार कर लिया।

1901 में फिनलैंड में संसद बहाल हुई अंतत: 1917 में रुस में क्रान्ति आने और रुसी सेना के फिनलैंड से निकल जाने के बाद इस देश ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। 3 लाख 38 हज़ार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाला देश फ़िनलैंड उत्तरी योरोप में रुस, स्वेडन और नार्वे के पड़ोस में स्थित है।

6 दसम्बर सन 1958 ईसवी को इटली में विश्व की सबसे लम्बी और अत्यंत महत्वपूर्ण सुरंग बनाने का काम आरंभ हुआ। फ़्रांस के सबसे उंचे पहाड़ माउंट ब्लेन के नीचे खोदी गयी यह सुरंग 6 किलोमीटर लंबी है और यह इटली तथा फ़्रांस को एक दूसरे से जोड़ती है। इसकी खुदाई का काम 6 वर्ष के कठिन परिश्रम के बाद 14 अगस्त सन 1964 को पूरा हुआ।

 

6 दिसम्बर सन 1992 ईसवी को भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या नगर में चरमपंथी हिंदुओं ने प्राचीन ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया। यह मस्जिद वर्ष 1528 ईसवी में एक टीले पर बनाई गयी थी। 1855 में एक ब्रिटिश अधिकारी एच ओ नोबल ने जान बूझ कर लिख दिया कि बाबरी मस्जिद एक मंदिर के स्थान पर बनाई गयी। इसके बाद से भारत में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद आरंभ हो गया। 1992 में चरमपंथी हिंदुओं ने इस मस्जिद को ध्वस्त कर दिया जिसके बाद भारत में साम्प्रदायिक हिंसा में बहुत तेज़ी आ गयी। मस्जिद की शहादत के बाद हुए सांप्रदायिक दंगों में बड़ी संख्या में मुसलमान मारे गये।

 

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16 आज़र वर्ष 1332 हिजरी शम्सी को तेहरान विश्व विद्यालय के छात्रों ने तत्कालीन अमरीकी उप राष्ट्रपति रिचर्ड निकसन की ईरान यात्रा के विरोध में प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को शाह के पिट्ठु सैनिकों द्वारा दमन किए जाने के परिणाम में कई छात्र शहीद हुए। रिचर्ड निकसन ने ईरान में डाक्टर मुसद्दिक़ की सरकार के विरुद्ध अमरीका की सहायता से कराए गए विद्रोह के साढ़े तीन महीने के पश्चात ईरान की यात्रा की थी। निकसन की इस यात्रा का लक्ष्य इस विद्रोह के परिणाम से लाभ उठाते हुए वाशिंग्टन के हित साधना था जिसका ईरानी छात्रों ने कड़ाई से विरोध किया। 16 आज़र को शाह के विशेष गार्ड के कुछ सिपाही तेहरान विश्वविद्यालय के परिसर में दाख़िल हुए और उन्होंने छात्रों को मारने पीटने के अतिरिक्त तीन छात्रों को शहीद कर दिया। अगले दिन निकसन को इसी विश्वविद्यालय में मानद डाक्ट्रेट की उपाधि दी गयी। ईरान में छात्र आंदोलन के इतिहास में आज के दिन के महत्व के दृष्टिगत 16 आज़र को छात्र दिवस मनाया जाता है।  

 

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20 रबीउस्सानी 1134 हिजरी क़मरी को ईरानी कवि व साहित्यकार हाज लुत्फ़ अली बेग आज़र बीगदेली का इस्फ़हान में जन्म हुआ। उन्होंने अपने जीवन का कुछ भाग क़ुम और शीराज़ में बिताया और हज यात्रा के बाद इस्फ़हान में ही बस गए। लुत्फ़ अली बेग ने ईरान में सूखा और युद्ध के कारण होने वाली अशांति के बावजूद अपनी शिक्षा नहीं छोड़ी और विभिन्न धर्मगुरुओं, कवियों व विद्वानों के क्लास में उपस्थित रह कर उनसे लाभ उठाया। लुत्फ़ अली बेग शायरी, शेर की बारीकियों को समझने व शायरों की जीवनी लिखने में बहुत दक्ष थे।

 

 

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