शुक्वार- 11 दिसम्बर
11 दिसम्बर सन 1946 ईसवी को संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध संस्था युनिसेफ़ की स्थापना हुई।
11 दिसम्बर सन 1666 ईसवी को हॉलेन्ड के प्रख्यात चित्रकार फ़्रेन्ज़ हेल्ज़ का 82 वर्ष की आयु में निधन हुआ। वे एक निर्धन घराने में पैदा हुए किंतु अपनी कला के माध्यम से विश्व भर में प्रसिद्ध और लोकप्रिय हुए। उनकी कई पेंटिंगों को विश्व ख्याति प्राप्त है।
11 दिसम्बर सन 1810 ईसवी को फ़्रांस के प्रसिद्ध लेखक और कवि अलफ़्रेड डोमोसे का पेरिस में जन्म हुआ। वे पहले तो शायरी में व्यस्त हुए। फिर धीरे धीरे लिखना भी आरंभ कर दिया और एक अच्छे लेखक बनकर उभरे सन 1857 में उनका निधन हुआ।
11 दिसम्बर सन 1964 ईसवी को संयुक्त राष्ट्र के युनिसेफ़ की स्थापना हुई। आरंभ में द्वितीय विश्व युद्ध का शिकार होने वाले बच्चों का संरक्षण इस संगठन की ज़िम्मेदारी थी। किंतु बाद में इस संगठन की कार्य परिधि में विस्तार हुआ और इसने विश्व भर के गरीब बच्चों की शिक्षा प्रशिक्षण भोजन और संरक्षण का दायित्व संभाला। यह संगठन 150 से अधिक देशों में सक्रिया है। इसका केंद्र न्यूयार्क में है।
11 दिसम्बर सन 1983 ईसवी को बंग्लादेश में भयानक दंगों के बाद इस देश के चीफ़ मार्शल मोहम्मद इरशाद ने स्वयं को राष्ट्रपति घोषित किया।
11 दिसम्बर सन 1843 में जर्मनी के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और टीबी के रोगाणु की खोज करने वाले राबर्ट कोच का जन्म हुआ। चिकित्साशास्त्र का अध्ययन समाप्त करने के पश्चात रॉबर्ट कोच ने टीबी, महामारी और एंथ्रेक्स जैसी बीमारियों के कारणों की खोज करना आरंभ की और उन्होंने इन बीमारियों का गहन अध्ययन किया। कोच ने रोगों एवं उनके कारक जीवों का पता लगाने के लिए कुछ परिकल्पनाएं की थीं जो आज भी प्रयोग की जाती हैं।
उनके अध्ययन के समय ही एंथ्रेक्स का रोग जानवरों में पैदा हुआ और गहन अध्ययन के बाद कोच इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि रोगी जानवरों के खून में अत्याधिक सूक्ष्म रोगाणु पाए जाते हैं। उन्होंने इन रोगाणुओं को सुरक्षित करके अपने दृष्टिकोण को सही सिद्ध किया और उसका उपचार तलाश किया। बर्लिन की शाही स्वास्थ्य परिषद से जुड़ने के बाद उन्हें विभिन्न रोगों पर अध्ययन का अधिक अवसर उपलब्ध हुआ और इसी दौरान उन्होंने टीबी के रोगाणु पर काम आरंभ किया और अन्ततः चौबीस मार्च सन 1882 में कोच टीबी के रोगाणु की खोज में सफल हुए । उन्होंने कई अफ्रीकी देशों की यात्रा की और कई बीमारियों का पता लगाया और उनका उपचार खोजा किंतु बीमारियों से लड़ते लड़ते खुद कमज़ोर और बीमार हो गये और 27 मई सन 1910 ईसवी में 67 साल की आयु में टीबी ने उनकी जान ले ली। चिकित्सा के क्षेत्र में राबर्ट कोच को 1905 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सूक्ष्मजैविकी के क्षेत्र में राबर्ट कोच, युगपुरूष माने जाते हैं।
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25 रबीउस्सानी सन 288 हिजरी क़मरी को विख्यात गणितज्ञ खगोल शास्त्री व चिकित्सक साबित बिन क़रेह साबी का निधन हुआ। वे सन 221 हिजरी क़मरी में मेसोपोटामिया के हरान नामक क्षेत्र में जन्में थे। चूंकि उनके कबीले के लोग यूनानी भाषा बोलते थे और इस क्षेत्र में सरयानी भाषा बोली जाती थी अत: उन्हें दोनों ही भाषाओं का पूर्ण: ज्ञान था। बाद में उन्होंने अरर्बी भाषा भी सीखी। उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्ति के लिए वे बग़दाद गये। वहॉ वे विख्यात गणितज्ञ मोहम्मद बिन मूसा के निरीक्षण में गणित खगोल शास्त्र आदि क्षेत्रों के ज्ञानी बन गये। उन्होंने गणित से संबंधित कई नये नियम भी बनाए। उन्होंने विख्यात खगोल शास्त्री बतलमयूस की आबज़रवेटरी की मरम्मत भी की। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान खगोल शास्त्र और गणित के क्षेत्र में पुस्तकें लिख और इन विषयों की दूसरी भाषाओं में लिखी गयी कई पुस्तकों का अरबी में अनुवाद किया। इनमें किताबुल मफ़रुज़ात आदि का नाम लिया जा सकता है।
25 रबीउस्सानी वर्ष 368 हिजरी क़मरी को आंदालुसियाई विद्वान, साहित्यकार, इतिहासकार एवं धर्मशास्त्री अबू उमर यूसुफ़ बिन अब्दुल्लाह का जो इब्ने अब्दुल अज़ीज़ के नाम से प्रसिद्ध थे वर्तमान स्पेन स्थित कोर्डोबा में जन्म हुआ. उन्होंने अपने पिता और तत्कालीन वरिष्ठ गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की. शिक्षा और शोधकार्यों में उन्होंने इतनी तेज़ी से प्रगति की कि थोड़े ही समय में आंदालुसिया के वरिष्ठ गुरुओं में गिने जाने लगे. जिस समय वे कोर्डोबा में जीवन व्यतीत कर रहे थे तो वहां सुरक्षा स्थिति अच्छी नहीं थी। इसी कारण इब्ने अब्दुल अज़ीज़, आंदालुसिया के एक दूसरे शिक्षा केंद्र दायना चले गए और वहां लेखन में व्यस्त हो गए। उनकी सबसे प्रसिद्ध किताब अल-इस्तियाब है कि जो पैग़म्बरे इस्लाम (स) के साथियों के बारे में है।