बुधवार- 18 दिसम्बर
18 दिसम्बर सन 1902 ईसवी को इटली के प्रसिद्ध आविष्कारक मार्कोनी ने पहला रेडियो स्टेशन बनाया।
- 18 दिसम्बर सन 1808 को ब्रिटेन में शेक्सपीयर के मैकबेथ नाटक के साथ रॉयल थिएटर को मरम्मत के बाद उसे दोबारा खोला गया।
- 18 दिसम्बर सन 1906 को भारत में हास्य रचनाओं के कवि काका हाथरसी का जन्म हुआ था।
- 18 दिसम्बर सन 1919 को हालैंड में महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला।
- 18 दिसम्बर सन 1969 को इंगलैंड में मृत्युदंड की सज़ा समाप्त कर दी गई।
- 18 दिसम्बर सन 1987 को अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने यह घोषणा की थी कि अगले कुछ बरसों में 1000 परमाणु मीज़ाइल ख़त्म कर दिए जाएंगे।
18 दिसम्बर सन 1902 ईसवी को इटली के प्रसिद्ध आविष्कारक मार्कोनी ने पहला रेडियो स्टेशन बनाया। इस प्रकार से अमरीका और योरोपीय महाद्वीपों के बीच सीधी वार्ता की संभावना अस्तित्व में आयी। उस समय रेडियो का प्रयोग केवल सूचना के आदान प्रदान के लिए होता था।
18 दिसम्बर सन 1914 ईसवी को ब्रिटेन ने औपचारिक रुप से मिस्र को अपना उपनिवेश घोषित किया। उल्लेखनीय है कि प्रथम विश्व युद्ध में उसमानी शासन ने ब्रिटेन के विरोधी देशों जर्मनी और ऑस्ट्रिया से अपने संबंध प्रगाढ़ कर लिए थे। ब्रिटेन ने इस प्रकिया का मुक़ाबला करने के लिए मिस्र पर अधिकार कर लिया जो उस समय उसमानी शासन के अधीन था किंतु मिस्र की जनता ने संघर्ष करके 1922 में अपने देश को स्वतंत्र करा लिया।
18 दिसम्बर सन 1938 ईसवी को जर्मनी के वैज्ञानिक और रसायनशास्त्री ऑटोहैन द्वारा नाभकीय उर्जा के विश्लेषण से परमाणु युग का आरंभ हुआ। उनका जन्म 1889 में फ़्रैंकफ़ोर्ट में हुआ। उन्होंने रसायनशास्त्र में पी एच डी की डिग्री प्राप्त की और उसके बाद भौतिकशास्त्री के क्षेत्र में प्रयोग अध्ययन और शोधकार्य में लग गए। विभिन्न प्रयोगों और शौधकार्यों के बाद ऑटोहैन ने यूरेनियम के अणु के विश्लेषण में सफलता प्राप्त की । जो बाद में भारी उर्जा का स्रोत बना। इससे बिजली घर तथा परमाणु बम बनाने में सफलता मिली।
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27 आज़र सन 1358 हिजरी शम्सी को ईरान के संघर्षकर्ता धर्मगुरु डाक्टर मोहम्मद मोफ़त्तेह आतंकवादी हमले में शहीद कर दिए गये। वे 1307 हिजरी क़मरी में जन्में थे। उन्होंने एक साथ क़ुम के धार्मिक शिक्षा केंद्र और तेहरान विश्व विद्यालय में शिक्षा प्रापत की। तेहरान विश्व विद्यालय से उन्होंने दर्शनशास्त्र में डॉक्ट्रेट किया। उसके बाद वे शिक्षा देने लगे साथ ही तत्कालीन अत्याचारी शासक शाह के विरुद्ध उनका संघर्ष भी जारी रहा। उन्होंने ईरान की इस्लामी क्रान्ति के दौरान सराहनीय कारनामे किये। इस्लामी क्रान्ति की सफलता के बाद तेहरान विश्वविद्यालय की इलाहियात फ़ैकेल्टी का कार्यभार उन्हें सौंपा गया। अंतत: आज के दिन उन्हें शहीद कर दिया गया। शहीद मुफ़त्तेह धार्मिक शिक्ष केंद्र और विश्व विद्यालय के बीच समन्वय और एकता के समर्थक थे। इसी लिए उनकी शहादत के दिन को ईरान में विश्व विद्यालय एवं धार्मिक शिक्षा केंद्रों की एकता के दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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21 रबीउस्सानी सन 1313 हिजरी क़मरी को वरिष्ठ मुस्लिम धर्मगुरु हाज मुल्ला मोहम्मद बाक़िर वाएज़ तेहरानी का निधन हुआ। वे सन 1255 हिजरी क़मरी में जन्में और उन्होंने अपनी आयु का अधिकांश भाग शिक्षा दीक्षा में बिताया। उनकी कई रचनाएं उनकी याद को ताज़ा रखने के लिए अब भी सुरक्षित हैं जिनमें जन्नतुन नईम उल्लेखनीय है।