Dec १८, २०१६ ११:४२ Asia/Kolkata

19 दिसम्बर वर्ष 2005 को अफ़ग़ानिस्तान में तीन दशक बाद लोकतांत्रिक पद्धति से चुनी गई देश की पहली संसद की बैठक हुई।

  • 19 दिसम्बर वर्ष 1927 को भारत के तीन क्रान्तिकारियों राम प्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ान व ठाकुर रोशन सिंह को अंग्रेज़ सरकार ने फाँसी पर लटका दिया।
  • 19 दिसम्बर वर्ष 1941 को जर्मन तानाशाह एडोल्फ़ हिटलर ने सेना की पूरी कमान अपने हाथ में ले ली।
  • 19 दिसम्बर वर्ष 1961 को गोवा को पुर्तग़ाली साम्राज्य से स्वतंत्रता मिली।
  • 19 दिसम्बर वर्ष 1999 को 443 वर्षों तक पुर्तग़ाली उपनिवेश में रहने के बाद मकाऊ चीन को हस्तांतरित कर दिया गया।
  • 19 दिसम्बर वर्ष 2005 को अफ़ग़ानिस्तान में तीन दशक बाद लोकतांत्रिक पद्धति से चुनी गई देश की पहली संसद की पहली बैठक आयोजित हुई।

 

19 दिसम्बर सन 1787 ईसवी को सियरा लियोन का ब्रिटेन में विलय हुआ उस समय इस क्षेत्र की खोज को 327 वर्ष बीत चुके थे। इस क्षेत्र की खोज एक पुर्तगाली पर्यटक ने की और उस समय यह पुर्तग़ाल का उपनिवेश बन गया था। इस अफ़रीक़ी देश पर पुर्तग़ाल के नियंत्रण के दौरान हज़ारों स्थानीय महिलाएं और पुरुष योरोपीय मंडियों में दास के रुप में बेचे गये। ब्रिटेन से पुर्तगाल की पराजय और सियरालियोन पर ब्रटेन के अधिकार के बाद भी यह घिनौना व्यापार जारी रहा। 1961 में यह देश ब्रिटेन से स्वतंत्र हुआ और 1971 में इस देश में प्रजातंत्र की स्थापना हुई। यह देश अफ्रीक़ा महाद्वीप के पश्चिमी भाग में स्थित है।

 

19 दिस्म्बर सन 1989 ईसवी को पनामा देश पर अमरीकी सैनिकों ने आक्रमण करके इस देश के राष्ट्रपति मैनुएल नोरीगा को गिरफ़तार कर लिया जो पनामा पर अमरीकी वर्चस्व के विरोधी थे। उन्हें गिरफ़तार करके अमरीका पहुँचा दिया गया। पनामा पर अमरीका के अतिक्रमण और इस देश के आंतरिक मामलों में हस्ताक्षेप के कारण पनामा की जनता में वाशिंगटन के प्रति आक्रोष फूट पड़ा तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अमरीका की इस अतिक्रमणकारी कार्यवाही पर आपत्ति जताई गयी। इसके बावजूद अमरीका के एक न्यायालय में पनामा के राष्ट्रपति पर मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में मुक़द्दमा चलाया गया 1992 में उन्हें 40 वर्ष कारावास का दंड सुनाया गया। मैनुएल नोरीगा फ़्रांस और पनामा के प्रयासों के अन्तर्गत लम्बी क़ानूनी प्रक्रिया से गुज़रने के बाद 11 दिसम्बर सन 2011 में पनामा वापस पहुंचे।

 

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28 आज़र सन 1361 हिजरी शम्सी को ईरान के विरुद्ध इराक़ द्वारा थोपे गये युद्ध के दौरान इराक़ी सेना ने ईरान के दक्षिण पश्चिमी नगर देज़फ़ूल पर धरती से धरती पर मार करने वाले कई प्रक्षेपास्त्र दाग़कर 60 आम लोगों को शहीद और 287 को घायल कर दिया। हालॉकि इससे पहले भी इराक़ी युद्धक विमानों ने ईरान के कई नगरों पर बम्बारी करके आम लोगों को हताहत किया था। किंतु देज़फूल पर आक्रमण इराक़ द्वारा ईरान के आम लोगों क्षेत्र पर सबसे बड़ा प्रक्षेपास्त्रिक आक्रमण था। इसके बाद से इराक़ के इस प्रकार के आक्रमणों में तीव्रता आती गयी और हज़ारारों आम मारे गये। इराक़ ने इस युद्ध के दौरान ईरान के नागरिक क्षेत्रों और आर्थिक प्रतिष्ठानों पर आक्रमण करके सैनिक मोर्चों पर ईरानी सैनिकों से अपनी पराजय का बदला लेने का प्रयास किया।

 

28 आज़र सन 1369 हिजरी शम्सी को पाकिस्तान में ईरान के काउन्सलर सादिक़ गन्जी स्थानीय साम्प्रदायिक तत्वों के आक्रमण में शहीद हुए। उन्होंने ईरान और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक संबंधों में विस्तार के लिए पाकिस्तान में चार वर्ष रहकर व्यापक प्रयास किये।

 

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22 रबीउस्सानी सन 1262 हिजरी क़मरी को ईरान के विख्यात धर्मगुरु शैख़ मोहम्मद तक़ी राज़ी का जन्म हुआ। वे आग़ा नजफ़ी के नाम से प्रसिद्ध हुए।

उन्होंने आरंभिक शिक्षा अपने पिता से प्राप्त की और फिर उच्च स्तरीय इस्लामी शिक्षा के लिए इराक़ के पवित्र नगर नजफ़ चले गये। ज्ञान प्राप्ति के बाद वे स्वदेश लौटे तो लोगों में उनका प्रभाव और उनकी लोकप्रियता बहुत बढ़ गयी। वे एक धर्मगुरु होने के साथ ही अत्याचार के विरुद्ध एक शक्तिशाली संघर्षकर्ता भी थे।

उनकी पुस्तकों में असरारुल आयात, अनवारुल आरेफ़ीन और अलइजतेहाद वत्तक़लीद का नाम लिया जा सकता है।

 

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