सोमवार- 23 दिसम्बर
1894, रवीन्द्रनाथ टैगोर ने पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में पूस मेले का उद्घाटन किया।
1902, चौधरी चरण सिंह, भारत के सातवें प्रधानमन्त्री का जन्म हुआ।
1912, नई दिल्ली को देश की राजधानी घोषित करने के वास्ते वायसराय लार्ड हार्डिंग द्वितीय ने हाथी पर बैठकर शहर में प्रवेश किया, लेकिन इस दौरान एक बम विस्फोट में वह घायल हो गए।
1914, प्रथम विश्व युद्ध में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सेना ने मिस्र की राजधानी क़ाहिरा में प्रवेश किया।
1922, ब्रटिश ब्राडकास्टिंग सर्विस (बीबीसी) रेडियो ने दैनिक समाचार प्रसारण शुरू किया।
1968, भारत में मौसम संबंधी पहले रॉकेट ‘मेनका’का सफल प्रक्षेपण किया।
1969, चांद से लाए गए पत्थरों को नई दिल्ली में आयोजित एक प्रदर्शनी में रखा गया।
2000, पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता का नाम आधिकारिक तौर पर बदलकर कोलकाता रख दिया गया।
2003, ज़ायोनी शासन की सेना ने ग़ज्ज़ा पट्टी पर हमला कर दिया।
2007, पाकिस्तान में लगे आपातकाल को वहां की अदालत ने सही ठहराया।
2008, भारत की साफ्टवेयर कम्पनी सत्यम पर घूस मामले में विश्व बैंक ने प्रतिबंध लगा दिया।
23 दिसम्बर सन 1932 ईसवी को पहली बार कृत्रिम रबड़ बनाया गया। इस के बनाने का वास्तविक उद्देश्य प्राकृतिक रबड़ के उत्पाद में काउचु की पैदावार की कमी थी। प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के लगभग 13 वर्षों बाद इस तत्व के उत्पादन हेतु वैज्ञानिकों के निरंतर प्रयासों के बाद मिल नामक एक अंग्रेज़ वैज्ञानिक ने कृत्रिम रबड़ का आविष्कार किया।
23 दिसम्बर सन 1948 ईसवी को जापान की राजधानी टोकियो में एक अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के आदेश पर द्वितीय विश्व युद्ध के समय के जापान के 7 बड़े नेताओं को मृत्युदंड दिया गया। इससे पहले जर्मनी के नोरमबर्ग नगर में भी ऐसा ही एक न्यायालय स्थापित किया गया था। जापान के युद्ध अपराधियों को दंडित करने वाले इस न्यायालय में जापान के 25 वरिष्ठ अधिकारियों पर मुकद्दमा चलाया गया जिसमें 7 को मृत्युदंड और 18 को कारवास की सजा मिली। मृत्युदंड पाने वालों में द्वितीय विश्व युद्ध के समय के जापानी प्रधान मंत्री हीदकी तोयो भी शामिल थे।
23 दिसम्बर सन 1972 ईसवी को निकारागुआ की राजधानी मानागुआ में एक भंयकर भूकंप आया जिसमें लगभग 10 हज़ार व्यक्ति हताहत और 15 हज़ार घायल हुए। भूकम्प के कारण मानागुआ नगर की आधी से अधिक जनसंख्या बेघर हो गयी और नगर को भारी क्षति हुई।
23 दिसम्बर सन 1797 ईसवी को स्काटलैंड के भूवैज्ञानिक चार्ल्ज़ लायेल का जन्म हुआ। वे पहले व्यक्ति थे जिसने भूविज्ञान के वैज्ञानिक सिद्धांतों की नीव रखी । उन्होंने इस विषय के व्यापक अध्ययन के बाद तीन खण्डों पर आधारित एक पुस्तक लिखी जिसका नाम भूविज्ञान के नियम हैं। चानस लायल का सन 1875 में निधन हुआ।
23 दिसम्बर सन 1942 ईसवी को स्वीज़र लैंड के साहित्यकार और कवि हेनरी स्पेस का 66 वर्ष की आयु में निधन हुआ। वे 1876 में पैदा हुए थे।
***
26 रबीउस्सानी सन 465 हिजरी क़मरी को विख्यात दार्शनिक चिकित्सक और गणितज्ञ ऐनुज्ज़मान क़तान मर्वज़ी का ईरान के ख़ुरासान प्रांत के मर्व नगर में जन्म हुआ। उन्हें गणित दर्शनशास्त्र साहित्य और धार्मिक विषयों में विशेष दक्षता प्राप्त थी। किंतु उन्हें सबसे ज़्यादा लगाव चिकित्सा विज्ञान से था। वे मर्व में लोगों का इलाज करते थे उन्होंने इस विषय से संबंधित कई पुस्तकें लिखी हैं। जिनमें कैहान शिनाख़्त सबसे महत्वपूर्ण है। यह पुस्तक गणित के विषय में लिखी गयी है। सन 548 हिजरी क़मरी में उनका निधन हुआ।
26 रबीउस्सानी वर्ष 1363 हिजरी क़मरी को प्रसिद्ध ईरानी बुद्धिजीवी, मुजतहिद, और साहित्यकार आग़ा नजफ़ी क़ूचानी का पूर्वी नगर क़ूचान में देहान्त हुआ। आरंभिक शिक्षा के पश्चात वे उच्च धार्मिक शिक्षा के लिए पवित्र नगर नजफ़ गए और वहां के वरिष्ठ धर्मगुरुओं व बड़े शिक्षकों से ज्ञान अर्जित कर इज्तेहाद के दर्जे तक पहुंचे। फिर वह ईरान वापस आ गए। आग़ा नजफ़ी क़ूचानी ईरान में संविधान क्रान्ति के दौरान दूसरे नेताओं व धर्मगुरुओं के साथ राजनैतिक प्रक्रिया में सक्रिय थे। उसी दौरान उन्होंने पूरब की सैर नामक किताब लिखी। इसके अतिरिक्त आग़ा नजफ़ी ने अनेक किताबें यादगार छोड़ीं जिनमें पश्चिम की सैर और पाप से बुरा बहाना उल्लेखनीय हैं।