शुक्रवार - 27 दिसम्बर
2011, भारत का राष्ट्रगान “जन गण मन” पहली बार भारतीय नेश्नल कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गाया गया।
1934, ईरान का नाम बदलकर पर्शिया रखने की घोषणा की गई।
1939, तुर्की में भूकंप से लगभग चालीस हज़ार लोगों की मौत हो गई।
1945, वैश्विक अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान करने के लिए विश्व बैंक की स्थापना की गई।
1972, उत्तरी कोरिया में नया संविधान प्रभाव में आया।
1975, झारखंड के धनबाद ज़िले में स्थित चासनाला कोयला खदान दुर्घटना में 372 लोगों की मौत हो गई, जिसमें अधिकांश मज़दूर थे।
1979, सोवियत संघ द्वारा अफ़ग़ानिस्तान पर अतिक्रमण के बाद आज ही के दिन इस देश के पूर्व राष्ट्रपति हफ़ीज़ुल्लाह अमीन की हत्या कर दी गई।
1998, चीन के परमाणु कार्यक्रम के जनक वांगकान धांग का निधन हो गया।
2000, आस्ट्रेलिया में विवाह पूर्व शारीरिक संबंधों को क़ानूनी मान्यता दी गई।
2002, 'ईव' नामक पहले मानव क्लोन ने संयुक्त राज्य अमरीका में जन्म लिया।
2007, पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की रावलपिंडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
27 दिसंबर सन 1571 ईसवी को जर्मनी के गणितज्ञ व खगोलशास्त्री यूहान केपलर का जन्म हुआ। शिक्षा प्राप्ति के बाद वे अपने एक मित्र टीकू ब्राहे के माध्यम से खगोल शास्त्र की ओर आकर्षित हुए और धीरे धीरे उन्हें इस क्षेत्र में विशेष ख्याति प्राप्त हो गयी। खगोल शास्त्र से संबंधित उनके तीन नियम जो केपलर नियम के नाम से जाने जाते हैं इस खगोल शास्त्री के कठिन परिश्रम का परिणाम हैं।
27 दिसम्बर सन 1822 ईसवी को फ़्रांस के चिकित्सक और रसायनशास्त्री लूई पास्चर का जन्म हुआ। उन्होंने शिक्षा प्राप्ति के बाद पहले तो पेरिस में अध्यापन आरंभ किया। 27 वर्ष की आयु में उन्होंने रसायनशास्त्र में पी एच डी की डिग्री प्राप्त की और फिर वे स्ट्रेसबर्ग विश्व विद्दालय में रसायनशास्त्र पढ़ाने लगे।
साथ ही वे पेरिस वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष भी थे। पास्चर ने विशेष रूप से संक्रामक रोगों के बारे में नये विचार पेश किये हैं। उनकी खोज से जीवाणु से मुकाबले और विभिन्न बीमारियों के उपचार के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई। 1888 में फ़्रांस की सरकार ने उनके नाम से वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र पास्चर इन्स्टीटयूट खोला जिस की शाखायें विश्व के बहुत से देशों में हैं।

27 दिसम्बर सन 1945 ईसवी को संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष आई एम एफ़ ने अपना कार्य आरंभ किया। इस संस्था के उद्देश्यों में विदेशी मुद्रा के मूल्यों को स्थिर रखना वाणिज्य विकास और प्रगति को सुचारू बनाना तथा कार्य के अवसर उपलब्ध कराना आदि शामिल है। अमरीका का इस संस्था पर विशेष प्रभाव है। यह संस्था अमरीका ही में स्थित है। यह संस्था सदस्य देशों को कर्ज़ देती है किंतु इसके लिए इसकी कठिन शर्तों पर क़र्ज़ा लेने वाले देशों को आपत्ति है।

27 दिसम्बर सन 1945 ईसवी को द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद मास्को के एतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इस समझौते पर अमरीका ब्रिटेन और रूस के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किये थे। जिसके आधार पर कोरिया प्रायद्वीप जो एक देश समझा जाता था दो भागों में विभाजित हो गया।
