शनिवार- 28 दिसम्बर
1668, मराठा शासक शिवाजी के पुत्र संभाजी की मुग़ल शासक औरंगजेब की क़ैद में मौत हो गई।
1885, मुम्बई (बम्बई) में कांग्रेस पार्टी की स्थापना हुई।
1908, इटली के मैसिना में भूकंप के कारण 80,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
1926, इंपिरियल एयरवेज़ ने भारत और ब्रिटेन के बीच यात्री और डाक सेवा शुरु की।
1928, कोलकाता में पहली बार बोलती फ़िल्म मेलोडी ऑफ़ लव प्रदर्शित हुई।
1937, भारतीय उद्योगपति रतन टाटा का जन्म हुआ।
1942, रॉबर्ट सुलिवन पहले पायलट बने, जिन्होंने अटलांटिक महासागर के ऊपर एक सौ बार उड़ानें भरी।
1974, पाकिस्तान में 6.3 तीव्रता के भूकंप में 5,200 लोगों की मौत हो गई।
1976, अमरीका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया।
1995, पोलैंड के अन्वेषक मारके कार्मिस्की एक ही वर्ष में उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों पर झंडा फहराने वाले पहले व्यक्ति बने।
2007, रूस ने ईरान के बुशेहर विद्युत संयंत्र के लिए परमाणु ईधन की दूसरी खेप खेप भेजी।
28 दिसंबर 1859 ईसवी को ब्रिटिश इतिहासकार थामस बैबिन्गटन मैक्यावले का निधन हुआ। वह वर्ष 1800 में जन्मे और राजनीति शास्त्र की शिक्षा पूरी करने के बाद राजनैतिक क्षेत्र में सक्रिय हो गए। उन्होंने वकालत भी की और कुछ समय बाद रक्षा मंत्री बन गए। उन्होंने ब्रिटिश इतिहास पर महत्वपूर्ण पुस्तक लिखी है।
28 दिसंबर सन 1895 ईसवी को सिनेमा के इतिहास में पहली बार किसी कहानी को फ़िल्म का रूप दिया गया। यह फ़िल्म फ्रांस के अविष्कारक लूमीर बंधुओं ने बनाई जिन्हें फ़िल्म जगत का जनक कहा जाता है। उन्होंने यह फ़िल्म पेरिस में एक भूमिगत कमरे में दिखाई। इसके बाद फ़िल्म जगत में क्रान्ति आती गई और देखते ही देखते यह उद्योग विश्व भर में फैल गया।
28 दिसंबर सन 1774 में ब्रिटेन के प्रसिद्ध रसायन शास्त्री जोज़फ़ प्रीस्टले आक्सीजन की खोज में सफल हुए। प्रीस्टले ने पारे के ऑक्साइड पर सूर्य की किरणें 12 इंच व्यास के लेंस द्वारा केंद्रित की। ऐसा करने पर उन्होंने देखा कि एक गैस आसानी से निकल रही है। यह गैस पानी में नहीं घफलती थी और इसमें मोमबत्ती तेज़ जलती थी। इन्होंने इस गैस के भीतर सॉंस खींची और सॉंस लेने में उन्हें सुविधा प्रतीत हुई। इस प्रकार प्रीस्टले ने ऑक्सिजन की खोज कर डाली। उन्होंने इस गैस की खोज कर डाली। उन्होंने इस गैस की खोज की किंतु उन्हें इसके महत्व का पता नहीं चल पाया। बाद में वैज्ञानिकों ने उनकी खोजी गयी गैस का नाम आक्सीजन रखा। उन्होंने नाइट्रिक ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, सलफ्यूरस अम्ल, कार्बोनिक ऑक्साइड, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और अमोनिया आदि गैसों पर महत्वपूर्ण कार्य किया।
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7 देय सन 1353 हिजरी शम्सी को ईरान के साहसी धर्मगुरु आयतुल्ला हुसैन ग़फ़्फ़ारी, अत्याचारी शासक शाह की जेल में शहीद हो गये। वे बड़ा ही सादा जीवन व्यतीत करते थे। उन्होंने शाह के अत्याचारों का मुक़ाबला करने के लिए कई पुस्तकें लिखीं इसके अतिरिक्त वे एक पत्रिका भी निकालने लगे थे। उन्होंने अपने भाषणों में शाह के अत्याचारों का रहस्योदघाटन किया। अपने इन्ही साहसी कार्यों के कारण वे जेल गये और अंतत: जेल ही में शहीद हो गये।
7 देय सन 1358 हिजरी शम्सी को ईरान की इस्लामी क्रान्ति के संस्थापक हज़रत इमाम ख़ुमैनी ने निरक्षरता से मुक़ाबले के लिए जनता को संगठित होने और साक्षरता प्रसार संस्था की स्थापना का आदेश दिया। इस आदेश में सभी ईरानी नागरिकों का आहवान किया गया था कि वे इस जनान्दोलन में शामिल हों और निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने के लिए प्रयास करें। इमाम ख़ुमैनी के इस आदेश के बाद साक्षरता प्रसार संस्था की स्थापना हुई। यह संस्था निरंतर प्रयास कर रही है और इसने बड़ी उपलब्दधियां अर्जित की हैं। यहॉ तक कि यूनेस्को ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ईरान निरक्षर देशों की सूर्वि से निकल कर साक्षर देशों की सूर्वि में शामिल हो गया है।
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पहली जमादिउल औवल सन 459 हिजरी क़मरी को ईरान के विख्यात साहित्यकार और शायर शरफ़ुददीन ख़ालिद फ़ीनी काशानी का जन्म हुआ। वे ईरान के काशान नगर के रहने वाले थे। फ़ीनी काशानी को ईरान के विख्यात विद्वान और सलजूक़ी शासन काल के मंत्री ख़्वाजा निज़ामुल मुल्क से गहरा लगाव था। इसी प्रकार निज़ामुल मुल्क भी उनका बहुत सम्मान करते थे। फ़ीनी काशानी भी इस काल में मंत्री बने। निज़ामुल मुल्क की हत्या के बाद फ़ीनी काशानी ने अपना पद त्याग दिया और इराक़ के बसरा नगर जाकर अध्ययन और शोधकार्य में लीन हो गये।
फ़ीनी काशानी ने अपने मंत्रीकाल के जीवन के बारे में एक पुस्तक लिखी है।