Aug ०१, २०१७ ११:१४ Asia/Kolkata

वर्तमान समय में विश्व में सजावटी मछलियों के उद्योग को विशेष महत्व प्राप्त है।

दक्षिण पूर्वी एशिया के कुछ देश मतस्य उद्योग में बहुत आगे हैं जिसका कारण यह है कि इन देशों में पानी में रहने वाले जीव-जंतु या दूसरे शब्दों में जलचरों की संख्या बहुत अधिक है। सजावटी मछलियों के व्यावार और उदयोग में दक्षिणपूर्वी एशिया के इन देशों की भूमिका बहुत प्रभावी बताई जाती है। प्रचुर मात्रा में जल संसाधनों का स्वामी होने के कारण ईरान भी सजावटी मछलियों के उद्योग के क्षेत्र में एक सक्रिय देश है। हालिया वर्षों के दौरान सजावटी मछलियों के उद्योग में पूंजी निवेश करके ईरान ने जहां व्यापक स्तर पर रोज़गार सृजन किया और इससे विदेशी मुद्रा भी अर्जित की।

Image Caption

 

पूरे संसार में आजकल सजावटी मछलियों को पालने का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है। इन मछलियों में पाई जाने वाली विविधता और इनके रंगारंग होने के कारण इनकी लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

मनोवैज्ञानकों का कहना है कि प्राकृतिक वातावरण में मन को आंतरिक शांति का आभास होता है। प्रकृति में रहकर मनुष्य को मानसिक शांति प्राप्त होती है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि लगभग 15 मिनट तक किसी अक्वेरियम को निहारने से मनुष्य जिस प्रभुल्लता का आभास करता है वह प्रभुलल्लता, 24 घण्टों की प्रभुल्लता के समान है। मछलियों के संबंध में प्रचलित है कि उन्हें अठखेलियां करते हुए देखने से मानसिक शांति मिलती है। अन्य जलीय प्राणियों या जलचरों की तुलना में सजावटी मछलियां, अपने भीतर पाई जाने वाली विविधता और रंगों के कारण अत्यन्त उत्कृष्ट होती हैं। इन सुन्दर मछलियों को अधिकांश मनोरंजन, ख़ूबसूरती बढ़ाने, पर्यटकों को आकर्षित करने और इसी प्रकार के कामों के लिए अक्वेरियम में रखा जाता है। वर्तमान समय में सजावटी मछिलयों का व्यापार विश्व के बहुत से देशों में प्रचलित है। जानकारों का कहना है कि यह व्यापार अरबों डालर का है।

Image Caption

 

निवास स्थल की दृष्टि से सजावटी मछलियों के रहने के स्न को मूल रूप में दो भागों में बांटा गया है। एक , साल्ट वाटर या नमकीन पानी वाला जलक्षेत्र और दूसरा मीठे पानी वाला जलक्षेत्र। बाद में इन क्षेत्रों को भी दो भागों में विभाजित किया गया है। कहा जाता है कि विश्व में पाए जाने वाले अधिकांश जलीय जीवों या जलचरों का संबन्ध गर्म पानी वाले क्षेत्रों या ट्रापिकल से होता है। भोजन या खाने की दृष्टि से मछलियों के तीन वर्ग बनाए गए हैं। एक मांस खाने वाली मछली , दूसरे वनस्पति खाने वाली मछली और तीसरे हर प्रकार की वस्तु खाने वाली मछलियां।

सजावटी मछलियों में भी मानव की ही भांति कुछ मछलियां, शांत स्वभाव की होती हैं जबकि कुछ चंचल स्वभाव की।

90 प्रतिशत सजावटी मछलियां, मीठे पानी वाले क्षेत्रों में जीवन व्यतीत करती हैं जबकि मात्र 10 प्रतिशत एसी मछलियां खारे पानी वाले क्षेत्रों में पाई जाती है। इस समय संसार में सजावटी मछलियों का अधिकांश शिकार पारंपरिक तरीक़े से किया जाता है। यह भी एक सच्चाई है कि सजावटी मछलियों का 90 प्रतिशत उत्पादन कृत्रिम ढंग से किया जाता है। मीठे पानी में रहने वाली सजावटी मछलियों के ठिक विपरीत, खारे पानी में रहने वाली 90 प्रतिशत मछलियों का शिकार समुद्र से किया जाता है और इस प्रकार की 10 प्रतिशत मछलियों को कृत्रिम ढंग से पाला जाता है।

ईरान में प्राचीनकाल से ही लोगों में सजावटी मछलियों के प्रति लगाव रहा है। इस देश में गोल्डफिश नामक मछली को अधिक पसंद किया जाता है। यह परंपरा ईरान में बहुत पुरानी है कि जिस ईरानी घर में हौज़ होता है वहां पर आपको उस हौज़ में कुछ गोल्डफ़िश मछलियां तैरती हुई मिल जाएंगी। यह बात भी उल्लेखनीय है कि ईरान में प्रतिवर्ष नौरोज़ या नए साल के आगमन के उत्सव पर हफ़तसीन नामक दस्तरख़ान पर गोल्डफ़िश को भी शीशे के बरतन में रखा जाता है। मछली का गतिशीलता की निशानी समझा जाता है।

Image Caption

 

ईरान की कुछ सीमाओं पर जल की उपस्थिति के दृष्टिगत जलीय प्राणियों की दृष्टि से ईरान, विशेष महत्व का स्वामी है। ईरान के उत्तरी छोर पर कैस्पियन सागर स्थित है जबकि उसके दक्षिणी छोर पर फ़ार्स की खाड़ी और ओमान सागर पाया जाता है। इन क्षेत्रों में जलीय प्राणियों की भरमार है। ईरान के दक्षिणी क्षेत्र में बड़ी संख्या में सजावटी मछलियां पाई जाती हैं जिनको अधिकतर निर्यात किया जाता है। विश्व में जितनी भी सजावटी मछलियां पाई जाती हैं उनमें से 25 प्रतिशत मछलियां, मूंगे की चट्टानों में रहती हैं। ईरान के दक्षिण में स्थित बहुत से तटवर्ती क्षेत्रों में मूंगे की चट्टानें पाई जाती हैं। यह तटवर्ती क्षेत्र, सजावटी मछलियों के लिए बहुत ही अच्छे शरण स्थल माने जाते हैं। विश्व में पाई जाने वाली सजावटी मछलियों में से 80प्रकार की प्रजाति की मछलियां ईरान में मौजूद हैं। यहां पर मीठे और खारे पानी में रहने वाले बहुत सी सजावटी मछलियों का व्यापक स्तर पर निर्यात किया जाता है। ईरान के दक्षिण में स्थित कीश द्वीप को यदि प्राकृतिक अक्वेरियम कहा जाए तो यह अतिश्योक्ति न होगा। यहां पर नाना प्रकार की सजावटी मछलियों की प्रजातियां पाई जाती हैं।

जिन लोगों को सजावटी मछलिया जमा करने का शैक़ है वे लोग इन मछलियों को एक्वारियम में रखते हैं। संसार में एसे बहुत से लोग पाए जाते हैं जो सजावटी मछलियों को ख़रीदने और उनके लिए सुन्दर-सुन्दर अक्वेरियम उपबल्ध कराने के लिए बड़ी संख्या में अपना धन ख़र्च करते हैं और इस काम के लिए वे अपना बहुत समय ही ख़र्च करते हैं। शायद यही कारण है कि विश्व में सजावटी मछलियों का बाज़ार करोड़ों डालर का है। इस समय सजावअ मछलियों का उद्योग बहुत अधिक विस्तृत हो चुका है जिससे जुड़े लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।

Image Caption

 

पानी के भीतर पाई जाने वाली विचित्र दुनिया से अवगत होने के लिए केवल पालतू मछलियों को एक्वारियम में देख लेना ही काफ़ी नहीं है।

जल के भीतर की सुन्दर एवं आकर्षक चीज़ों में मुंगे की चट्टानें भी शामिल हैं। दुनिया के धनवाल लोग अपने घरों को सजाने के लिए बहुत मंहगी क़ीमत से इनको ख़रीदते हैं। मूंगे की चट्टानों की क़ीमत बहुत होती है जिसको ख़रीदना आम आदमी के बस की बात नहीं है।

ईरान में मछलीपालन और सजावटी मछलियों के ओद्योगिकीकरण को 50वर्षों का समय हो रहा है। इस उद्योग से जुड़े ईरानी बहुत ही दक्षता के साथ मछलीपालन उद्योग को आगे बढ़ा रहे हैं। ईरान में वैश्विक मानदंड के आधार पर लगभग 200 प्रकार की प्रजाति की मछलियों को अत्याधुनिक पद्धति से पाला जाता है जिनमें गोल्डफ़िश सर्वोपरि है। ईरान में प्रतिवर्ष लगभग 200 मिलयन सजावटी मछलियों का उत्पादन करके बाज़ार भेजा जाता है। इन सुन्दर मछलियों को तुर्की, आज़रबाइजान, आर्मीनिया और इराक़ जैसे पड़ोसी देशों को निर्यात किया जाता है।

मत्सयपालन से होने वाले लाभ को देखते हुए सरकार ने बड़े पैमान पर इस उद्योग में पूंजी निवेश किया है क्योंकि जहां इससे विदेशी मुद्रा कमाई जा सकती है वहीं पर यह रोज़गार सृजन में भी बहुत प्रभावी सिद्ध हुआ है। ईरान में सजावटी मछलियों की 80 स्थानीय और 200 से अधिक ग़ैर स्थानीय प्रजातियों के कारण इस क्षेत्र में अधिक से अधिक पूंजी निवेश करके लाभ कमाया जा सकता है।