रूदबार क़सरान
तेहरान के आस-पास के ठंडे क्षेत्र, तेहरान के भागदौड़ भरे जीवन में सुकून के पल तलाश करने वालों के लिए सबसे आकर्षक हैं।
तेहरान के आस-पास के ठंडे क्षेत्र, तेहरान के भागदौड़ भरे जीवन में सुकून के पल तलाश करने वालों के लिए सबसे आकर्षक हैं। यही कारण है कि प्राचीन समय से जिस पर्यटक ने तेहरान का सफ़र किया है उसने अपने यात्रावृत्तांत में तेहरान के आस-पास मौजूद इन ठंडे क्षेत्रों का उल्लेख किया है। पुराने समय से तेहरान के लोगों की यह परंपरा रही है कि जब भी उन्हें मौक़ा मिलता ख़ास तौर पर सप्ताहांत में, शहर के आस-पास के ठंडे इलाक़ों का रुख़ करते है।
रूदबार क़सरान, तेहरान के उत्तर में स्थित शमीरान ज़िले का एक भाग है जिसे ज़्यादातर तेहरानी ऊशान फ़शम के नाम से जानते हैं।
रूदबार क़सरान इलाक़ा, 403 वर्ग किलोमीटर पर फैला हुआ है और यह तेहरान शहर से 30 से 50 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। इस इलाक़े में 20 से ज़्यादा सुदंर पहाड़ी गावं हैं। इनमें से हर एक गांव अलबुर्ज़ पहाड़ में सुंदर रत्न की तरह चमकता है और इस बात में शक नहीं कि इनमें से हर एक गांव प्राकृतिक सौंदर्य का नमूना लगते हैं। रूदबार क़सरान के गावों में ऊशान, फ़शम, आहार, इमामे, मीगून और शमशक ज़्यादा मशहूर हैं। वैसे रूदबार क़सरान के लिए सबसे सही नाम रूदबार लगता है क्योंकि इस इलाक़े में आठ नदियां सैकड़ों स्वच्छ धाराएं हमेशा बहती रहती हैं। इन नदियों के आपस में मिलने से जाजरूद महानदी वजूद में आयी है और तेहरान को स्वच्छ जल की आपूर्ति करने वाला लतियान बांध जाजरूद नदी के मार्ग पर बना है।
रूदबार क़सरान इलाक़े की ऊंचाई, समुद्र की सतह से लगभग 1500 मीटर से शुरु होती है और यह ऊंचाई इस इलाक़े के उत्तरी गावं शमशक तक पहुंचते पहुंचते 2800 मीटर हो जाती है। इस इलाक़े के ऊंचाई पर स्थित होने के कारण रूदबार क़सरान के गावों में सरदी के मौसम में तापमान शून्य से 20 डिग्री नीचे चला जाता है और गर्मी के मौसम में सबसे ज़्यादा तापमान 22 डिग्री तक पहुंचता है।
इसलिए इस इलाक़े के गावों में गर्मी के मौसम में रात बहुत ठंडी होती है। चूंकि यह इलाक़ा पहाड़ी है इसलिए इस इलाक़ा में खेती की ज़मीन बहुत सीमित है। ज़्यादातर निवासी पशुपालन, बाग़बानी और पर्यटन सेवा के ज़रिए रोज़गार हासिल करते हैं।
रूदबार क़सरान जाते वक़्त बहुत से खाने के होटल पड़ते हैं। जो पूरे साल यात्रियों की सेवा करते हैं। ख़ास तौर पर इन होटलों में गर्मी के मौसम में अधिक रौनक़ रहती है। कार्यक्रम के अगले भाग में आपको इस इलाक़े के कुछ गावों के बारे में बताने जा रहे हैं।
रूदबार क़सरान के ठंडे इलाक़ों में ‘शमशक’ गावं अपनी मशहूर स्कीईंग पोस्ट के कारण ठंडी के मौसम में स्कीईंग में रूचि रखने वालों की मेज़बानी करता है। वास्तव में शमशक अकेला गांव है जिसका दामन पूरे साल प्रकृति में रूचि रखने वालों के लिए खुला है। दस्तावेज़ों के अनुसार, शमशक 200 साल से ज़्यादा पुराना गांव है। इससे पहले शमशक माज़न्दरान से तेहरान के उपमार्ग में स्थित एक सैरगाह था।
माज़न्दरान प्रांत के शहरों से शुरु होने वाला मार्ग दमावंद पहाड़ के आंचल से गुज़रता हुआ शमशक तक पहुचंता है और फिर वहां से रूदबार क़सरान के मार्ग से तेहरान पहुंचता था। हालांकि तेहरान से शमशक की दूरी बहुत ज़्यादा नहीं है किन्तु गर्मी के मौसम में इसकी जलवायु सबसे अच्छी होती है और बहुत शांत वातावरण रहता है।
मार्ग के दक्षिणी टीलों के ऊपर से पूरा शमशक गावं दिखाई देता है जो पहाड़ के दामन तक फैला हुआ है। शमशक के निचले भाग में प्राचीन घर मौजूद हैं और जितना ऊपर चढ़ते जाते हैं शमशक गांव उतना की आधुनिक दिखाई देता है।
शमशक में समतल ज़मीन नहीं है इसलिए खेती और पशुपालन के लिए उचित स्थल नहीं है। शमशक के बहुत से लोग स्कीईंग की ट्रेनिंग देते हैं या स्कीईंग से संबंधित दूसरे व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। शमशक की अंतर्राष्ट्रीय स्कीईंग पोस्ट तेहरान के 58 किलोमीटर पूर्वोत्तर में शमशक गांव में स्थित है। पहली बार 1958 में इस स्कीईंग पोस्ट को इस्तेमाल किया गया। इस पोस्ट का सबसे ऊंचा भाग समुद्र की सतह 3050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जबकि सबसे नीचा भाग समुद्र की सतह 2550 मीटर की ऊंचाई पर है। यह स्कीईंग पोस्ट 3 किलोमीटर लंबी है।
दिसंबर से अप्रैल तक यह पोस्ट स्कीईंग के लिए उचित है। इस पोस्ट में स्कीईंग के खिलाड़ियों के लिए ठहरने का उचित प्रबंध है। इस पोस्ट में 2 होटल और 4 खाने के होटल मौजूद हैं। शमशक के आस-पास सरकचाल और कलून बस्तक चोटियों पर हिमनद हैं जो पूरे साल मौजूद रहते हैं।
रूदबार क़सरान का एक और अहम गांव मीगून है जो शमशक मार्ग के किनारे अच्छी जलवायु वाले दर्रे में स्थित है। मीगून नदी इस गांव से गुज़रती है। यह नदी गांव के बाग़ों की सिचाई के लिए ज़रूरत का पानी मुहैया करती है और क्षेत्र के मौसम को संतुलित करने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। इस मार्ग से शमशक और दीज़ीन जाने वाले ज़्यादातर लोग गर्मी के मौसम में ख़ास तौर पर थोड़े समय के लिए मीगून और उसके आस-पास रुकते हैं और इसके सुंदर दृष्य का आनंद लेते हैं। मीगून का गेस्ट हाउस गांव के पूर्वी भाग में एक टीले पर स्थित है जहां पर्यटक ठहरते हैं। इस कॉम्पलेक्स में एक तीन मंज़िला होटल, कई झोपड़ियां, खाने का होटल, चाय का होटल, तथा बच्चों के लिए मनोरंजन की सुविधा मौजूद है।
रूदबार क़सरान इलाक़े में एक और हरा भरा छोटा गांव स्थित है जिसका नाम ‘आहार’ है। यह गांव बर्फ़ से ढ़की पहाड़ियों के बीच स्थित है और पहाड़ों की चोटियों से टकराने वाली हवा, सरदी के मौसम की ठंडी हवा की याद दिलाती है। आहार आब और हार से मिल कर बना है। आब का अर्थ पानी और हार का अर्थ तेज़ व सर्कश है। इससे अभिप्राय नदी का ठंडा व तेज़ प्रवाह वाला पानी है जो गांव से होकर गुज़रता है। शुरु में इसे आबहार कहते थे और धीरे धीरे इसे आहार कहा जाने लगा।
पानी के जारी सोते, क्षेत्र की व्यापकता, चेरी, खट्टी चेरी, अख़रोट और औद्योगिक खेती के लिए विशेष स्थिति और गांव की प्राचीनता वे विशेषताएं हैं जो इस गांव को अन्य गांव से विशेष बनाती है। आहार का इतिहास इस्लाम पूर्व सासानी काल से मिलता है और गांव के पश्चिमोत्तर में एक दुर्गम पहाड़ी की चोटी पर एक क़िले के अवशेष मौजूद हैं। यह अवशेष सासानी काल के दुर्ग का है। इन सब विशेषताओं के कारण प्रकृति प्रेमी छुट्टी के दिनों में इस गांव की ओर खिंचे चले आते हैं।
रूदबार क़सरान में 4000 से मीटर से ज़्यादा ऊंची 5 चोटियां हैं। चूंकि ये चोटियां तेहरान से नज़दीक हैं और उन पर जाना आसान है, इसलिए पर्वतारोही इन चोटियों पर जाते हैं। इनमें ज़्यादातर चोटियां रूदबार क़सरान के उत्तरी भाग स्थित हैं। जानसुतून चोटी, गर्माबेदर गांव के उत्तर में, पालान गर्दून और ख़ुरसन्क चोटी, आब नीक गांव के उत्तर में, ख़ोलनो चोटी लालून गांव के उत्तर में और कलून बस्तक चोटी दरबंदसर गांव के उत्तर में स्थित है।
तेहरान के आस-पास और भी बहुत सी ख़ूबसूरत चीज़ें हैं। तेहरान के उत्तर में 3000 मीटर से ज़्यादा ऊंची चोटियां मौजूद हैं। कार्यक्रम के वक़्त कम होने के मद्देनज़र उनका उल्लेख मुमकिन नहीं है। इन चोटियों ने तेहरान का आकर्षण बढ़ा दिया है। सरदी के मौसम में बर्फ़ से ढकी ये चोटियां बहुत दूर से चमकती नज़र आती हैं। छुट्टी के दिनों में बड़ी संख्या में तेहरानवासी इन चोटियों पर चढ़ते हुए दिखाई देते हैं जो वहां जाकर सुकून के कुछ समय बिताने के बाद, तरोताज़ा होकर लौटते हैं।