May १६, २०१८ १५:०४ Asia/Kolkata

क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-677

 

قَالُوا لَئِنْ لَمْ تَنْتَهِ يَا لُوطُ لَتَكُونَنَّ مِنَ الْمُخْرَجِينَ (167) قَالَ إِنِّي لِعَمَلِكُمْ مِنَ الْقَالِينَ (168)

उन्होंने कहा, हे लतू! यदि तुम ने ये (बातें करना) बंद न किया तो अवश्य ही निकाल बाहर किए जाने वालों में से होगे। (26:167) लूत ने कहा, मैं तुम्हारे कर्म से पूरी तरह विरक्त हूँ। (26:168)

 

رَبِّ نَجِّنِي وَأَهْلِي مِمَّا يَعْمَلُونَ (169) فَنَجَّيْنَاهُ وَأَهْلَهُ أَجْمَعِينَ (170) إِلَّا عَجُوزًا فِي الْغَابِرِينَ (171)

हे मेरे पालनहार! मुझे और मेरे परिजनों को, जो कुछ ये करते हैं उससे बचा ले। (26:169) फिर हमने उन्हें और उनके सारे परिजनों को बचा लिया। (26:170) सिवाय एक बुढ़िया के जो पीछे रह जाने वालों में थी। (26:171)

 

ثُمَّ دَمَّرْنَا الْآَخَرِينَ (172) وَأَمْطَرْنَا عَلَيْهِمْ مَطَرًا فَسَاءَ مَطَرُ الْمُنْذَرِينَ (173) إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآَيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُمْ مُؤْمِنِينَ (174) وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ (175)

 

फिर हमने शेष लोगों को तबाह कर दिया। (26:172) और हमने उन पर एक (पत्थरों की) बारिश बरसाई तो वह चेताए जा चुके लोगों के लिए कितनी बुरी वर्षा थी। (26:173) निश्चय ही इस (घटना) में एक बड़ी निशानी (और पाठ) है। लेकिन फिर भी उनमें से अधिकतर ईमान लाने वाले नहीं थे। (26:174) और निश्चय ही आपका पालनहार बड़ा प्रभुत्वशाली और अत्यन्त दयावान है। (26:175)

 

 

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